कालाढूंगीः चकलुवा रामलीला मैदान में दंगल का आयोजन किया गया. इस दो दिवसीय दंगल में दर्जनभर से ज्यादा पहलवानों ने अपने हाथ आजमाए. वहीं, महिला पहलवानों ने भी कुश्ती में अपना दमखम दिखाया. आयोजकों का कहना है कि देश के पारंपरिक खेलों में से कुश्ती एक है. ऐसे में इस खेल में बचाए रखना हम सभी का कर्तव्य है.
बता दें कि इस दो दिवसीय दंगल में हरियाणा पानीपत केसरी, दिल्ली अमृतसर, नेपाल, चंडीगढ़ आदि के साथ क्षेत्रीय पहलवान भी हिस्सा ले रहे हैं. नेपाल गोरखा के पहलवान और हैप्पी जो खली के परिवार के सदस्य हैं के बीच पहली कुश्ती खेली गई. वहीं, दूसरी कुश्ती गाजीपुर और बनारस के पहलवानों के बीच खेली गई. इस दौरान सैकड़ों की संख्या में लोगों ने कुश्ती का आनंद उठाया.
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वहीं, दंगल के आयोजक गंगा सामंत ने बताया कि कुश्ती हमारे देश का पारंपरिक खेल ही नहीं बल्कि एक ऐतिहासिक धरोहर भी है. जिसे संजोकर रखने का प्रयास किया जा रहा है. इसके साथ ही युवा पीढ़ी को नशे से दूर रखने के लिए कुश्ती एक विकल्प भी है. ऐसे में सरकार को भी कुश्ती के खेल को बढ़ावा देना चाहिए.