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पहलवानों ने कुश्ती के अखाड़े में दिखाया दमखम, खूब चले दाव पेंच - uttrakhand news

चकलुवा रामलीला मैदान में दंगल का आयोजन किया गया. जहां प्रदेशभर के पहलवानों ने अपना दमखम दिखाया.

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चकलुवा में कुश्ती का किया गया आयोजन
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Published : Jan 28, 2020, 11:22 PM IST

कालाढूंगीः चकलुवा रामलीला मैदान में दंगल का आयोजन किया गया. इस दो दिवसीय दंगल में दर्जनभर से ज्यादा पहलवानों ने अपने हाथ आजमाए. वहीं, महिला पहलवानों ने भी कुश्ती में अपना दमखम दिखाया. आयोजकों का कहना है कि देश के पारंपरिक खेलों में से कुश्ती एक है. ऐसे में इस खेल में बचाए रखना हम सभी का कर्तव्य है.

पहलवानों ने कुश्ती के अखाड़े में दिखाया दमखम.

बता दें कि इस दो दिवसीय दंगल में हरियाणा पानीपत केसरी, दिल्ली अमृतसर, नेपाल, चंडीगढ़ आदि के साथ क्षेत्रीय पहलवान भी हिस्सा ले रहे हैं. नेपाल गोरखा के पहलवान और हैप्पी जो खली के परिवार के सदस्य हैं के बीच पहली कुश्ती खेली गई. वहीं, दूसरी कुश्ती गाजीपुर और बनारस के पहलवानों के बीच खेली गई. इस दौरान सैकड़ों की संख्या में लोगों ने कुश्ती का आनंद उठाया.

इसे भी पढ़ेः गदरपुर: ओलावृष्टि और बारिश से फसल हुई बर्बाद, किसानों ने सरकार से मांगी मदद

वहीं, दंगल के आयोजक गंगा सामंत ने बताया कि कुश्ती हमारे देश का पारंपरिक खेल ही नहीं बल्कि एक ऐतिहासिक धरोहर भी है. जिसे संजोकर रखने का प्रयास किया जा रहा है. इसके साथ ही युवा पीढ़ी को नशे से दूर रखने के लिए कुश्ती एक विकल्प भी है. ऐसे में सरकार को भी कुश्ती के खेल को बढ़ावा देना चाहिए.

कालाढूंगीः चकलुवा रामलीला मैदान में दंगल का आयोजन किया गया. इस दो दिवसीय दंगल में दर्जनभर से ज्यादा पहलवानों ने अपने हाथ आजमाए. वहीं, महिला पहलवानों ने भी कुश्ती में अपना दमखम दिखाया. आयोजकों का कहना है कि देश के पारंपरिक खेलों में से कुश्ती एक है. ऐसे में इस खेल में बचाए रखना हम सभी का कर्तव्य है.

पहलवानों ने कुश्ती के अखाड़े में दिखाया दमखम.

बता दें कि इस दो दिवसीय दंगल में हरियाणा पानीपत केसरी, दिल्ली अमृतसर, नेपाल, चंडीगढ़ आदि के साथ क्षेत्रीय पहलवान भी हिस्सा ले रहे हैं. नेपाल गोरखा के पहलवान और हैप्पी जो खली के परिवार के सदस्य हैं के बीच पहली कुश्ती खेली गई. वहीं, दूसरी कुश्ती गाजीपुर और बनारस के पहलवानों के बीच खेली गई. इस दौरान सैकड़ों की संख्या में लोगों ने कुश्ती का आनंद उठाया.

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वहीं, दंगल के आयोजक गंगा सामंत ने बताया कि कुश्ती हमारे देश का पारंपरिक खेल ही नहीं बल्कि एक ऐतिहासिक धरोहर भी है. जिसे संजोकर रखने का प्रयास किया जा रहा है. इसके साथ ही युवा पीढ़ी को नशे से दूर रखने के लिए कुश्ती एक विकल्प भी है. ऐसे में सरकार को भी कुश्ती के खेल को बढ़ावा देना चाहिए.

Intro:कालाढुंगी के चकलुवा मैं हुआ कुश्ती दंगल का आयोजन। दो दिवसीय कुश्ती आयोजन मैं दर्जनभर से ज्यादा पहलवानो ने अपने हाथ आजमाए, महिला पहलवानो ने भी अपना दमखम दिखाया। चकलुवा मैं चल रहे दंगल के आयोजकों ने बताया कि कुश्ती हमारे देश का पारंपरिक खेलो मैं से एक है जिसको बचाये रखना हम सबका कर्तव्य है, आज के युवाओं मैं बढ़ते नशे की लत को कम करने ये दंगल का आयोजन काफी हद तक मददगार साबित होगा।Body:कालाढुंगी के चकलुआ मैं रामलीला मैदान में दंगल कुश्ती का आयोजन किया गया।
रामलीला ग्राउंड में दो दिवसीय देव भूमि उत्तराखंड दंगल का आयोजन हुआ आयोजको ने कहा कि कुश्ती दंगल का मुख्य उद्देश नये युवाओ को नशे से दूर रखने के लिए कराया जा रहा है।
आयोजको ने पहलवानों से परिचय प्राप्त किया। इस दंगल का आयोजन दो दिवसीय रहा जिसमें भाग लेने के लिए हरियाणा पानीपत केसरी, दिल्ली अमृतसर, नेपाल, चंडीगढ़, आदि के साथ क्षेत्रीय पहलवान दंगल दांव पेंच के हुनर की कला का प्रदर्शन कर रहे हैं। दंगल मे नेपाल गोरखा के पहलवान के हैप्पी जो खली के परिवार से है के बीच पहली कुश्ती खेली गई वही दूसरी कुश्ती गाजीपुर के पहलवान के वनारस के बीच कुश्ती खेली गई। कई पहलवानो ने कुश्ती में दम खम दिखाया दंगल मे मेरठ झांसी हरियाणा पंजाब व नेपाल के पुरुष पहलवान के साथ साथ महिला पहलवान भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इस दौरान सैकड़ो की संख्या में लोग कुश्ती देखने पहुँचे व पुलिस प्रशासन सहित दर्जनों कार्यकर्ता उपस्थित थे।Conclusion:कुश्ती दंगल के आयोजक गंगा सामंत ने बताया कि कुश्ती हमारे देश का पारंपरिक खेल ही नही बल्कि एक ऐतिहासिक धरोहर भी है जिसे संजोकर रखने का प्रयास किया है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि आज की युवा पीढ़ी नशे की गिरफ्त मैं जकड़ती जा रही है और कुश्ती दंगल के आयोजन से युवाओ मैं एक नए जोश का प्रवाह होगा।
पहलवान सचिन का कहना है कि सरकार को भी कुश्ती के खेल को बढ़ावा देना चाहिए।
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