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अपने हक के लिए महीनों से लड़ रहे मजदूर, अब चुनाव बहिष्कार की दी चेतावनी

रामनगर में सीएफएल बनाने वाली डेल्टा नाम की फैक्ट्री पिछले आठ महीनों से बंद पड़ी है. फैक्ट्री के मालिक ने बिना मजदूरों को बताये इसे बंद कर दिया. जिसके बाद यहां काम करने वाले लगभग पांच हजार मजदूर बेरोजगार हो गये.

अपने हक के लिए महीनों से लड़ रहे मजदूर.
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Published : Mar 25, 2019, 8:26 PM IST

रामनगर: सीएफएल बनाने वाली कंपनी का काम रामनगर में पिछले आठ महीनों से बंद पड़ा है. जिसके कारण यहां काम करने वाले मजदूरों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मजदूर पिछले 8 महीनों से रुके हुए वेतन की मांग को लेकर लंबे समय से लड़ाई लड़ रहे हैं. कई बार शासन-प्रशासन से मदद की गुहार लगाने के बाद भी नतीजा सिफर ही निकला. थक हार कर मजदूरों ने आगामी 11 अप्रैल को होने वाले चुनाव के बहिष्कार का एलान किया है.

अपने हक के लिए महीनों से लड़ रहे मजदूर.


बता दें कि रामनगर में सीएफएल बनाने वाली डेल्टा नाम की फैक्ट्री पिछले आठ महीनों से बंद पड़ी है. फैक्ट्री के मालिक ने बिना मजदूरों को बताये इसे बंद कर दिया. जिसके बाद यहां काम करने वाले लगभग पांच हजार मजदूर बेरोजगार हो गये. सभी मजदूरों के सामने रोजी रोटी जा संकट खड़ा हो गया है. पिछले आठ महीनों से वेतन न मिलने के कारण परिवार का पालन-पोषण करना मुश्किल हो गया है.

पढ़ें-प्राइवेट बसों के जरिए टैक्स चोरी कर रहे व्यापारी, विभाग ने कसा शिकंजा, वसूला जुर्माना


अपनी समस्याओं को लेकर मजदूर पिछले काफी समय से न्याय की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन शासन-प्रशासनइन की सुनने को तैयार नहीं है. जिसके बाद आज मजदूरों ने तहसील परिसर में धरना दिया. मजदूरों ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी समस्याओं का निराकरण समय से नहीं किया गया तो वे आगामी 11 अप्रैल को होने वाले लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे.
साथ ही प्रदर्शनकारी मजदूरों ने शासन से मांग की कि वे मामले में हस्तक्षेप करके फिर से फैक्ट्री खुलवाये. जिससे बेरोजगार हुए मजदूरों को रोजगार मिल सके.

रामनगर: सीएफएल बनाने वाली कंपनी का काम रामनगर में पिछले आठ महीनों से बंद पड़ा है. जिसके कारण यहां काम करने वाले मजदूरों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मजदूर पिछले 8 महीनों से रुके हुए वेतन की मांग को लेकर लंबे समय से लड़ाई लड़ रहे हैं. कई बार शासन-प्रशासन से मदद की गुहार लगाने के बाद भी नतीजा सिफर ही निकला. थक हार कर मजदूरों ने आगामी 11 अप्रैल को होने वाले चुनाव के बहिष्कार का एलान किया है.

अपने हक के लिए महीनों से लड़ रहे मजदूर.


बता दें कि रामनगर में सीएफएल बनाने वाली डेल्टा नाम की फैक्ट्री पिछले आठ महीनों से बंद पड़ी है. फैक्ट्री के मालिक ने बिना मजदूरों को बताये इसे बंद कर दिया. जिसके बाद यहां काम करने वाले लगभग पांच हजार मजदूर बेरोजगार हो गये. सभी मजदूरों के सामने रोजी रोटी जा संकट खड़ा हो गया है. पिछले आठ महीनों से वेतन न मिलने के कारण परिवार का पालन-पोषण करना मुश्किल हो गया है.

पढ़ें-प्राइवेट बसों के जरिए टैक्स चोरी कर रहे व्यापारी, विभाग ने कसा शिकंजा, वसूला जुर्माना


अपनी समस्याओं को लेकर मजदूर पिछले काफी समय से न्याय की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन शासन-प्रशासनइन की सुनने को तैयार नहीं है. जिसके बाद आज मजदूरों ने तहसील परिसर में धरना दिया. मजदूरों ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी समस्याओं का निराकरण समय से नहीं किया गया तो वे आगामी 11 अप्रैल को होने वाले लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे.
साथ ही प्रदर्शनकारी मजदूरों ने शासन से मांग की कि वे मामले में हस्तक्षेप करके फिर से फैक्ट्री खुलवाये. जिससे बेरोजगार हुए मजदूरों को रोजगार मिल सके.

Intro:एंकर-रामनगर के अंतर्गत सीएफएल बनाने वाली कंम्पनी को बंद हुए आठ माह का समय हो चुका है यहां पर काम करने वाले मजदूरों ने कम्पनी को फिर से शुरू करने और और अपना आठ माह का रुका वेतन दिए जाने की माँग को लेकर काफी समय से हक की लड़ाई लड़ रहे है।शासन प्रशासन से गुहार लगाने के बाद तक कर पाँच हज़ार मजदूरों ने 11 अप्रेल को चुनाव बहिष्कार का फैसला लिया है।


Body:वीओ-सीएफएल बनाने वाली डेल्टा नामक फेक्ट्री पिछले आठ माह से उसके मालिक द्वारा बन्द कर दी गयी है।फेक्ट्री में काम करने वाले पाँच हज़ार मजदूर बेरोजगार हो गये उनके सामने रोजी रोटी जा संकट खड़ा हो गया।आठ माह का वेतन न मिलने से दोहरी मार झेल रहे गरीब मजदूरों को अपने परिवार का पालन-पोषण करना मुश्किल हो गया जिसको लेकर काफी लंबे समय से यह लोग न्याय की गुहार लगा रहे है । शासन प्रशासन के समक्ष भी इन्होंने न्याय की गुहार लगायी लेकिन नतीज़ा कुछ नही निकला अब इन मजदूरों ने सोमवार को तहसील परिसर में धरना दिया । पाँच हज़ार मजदूरों द्वारा 11 अप्रेल को होने वाले लोकसभा चुनाव में वोट न देने का फैसला किया है।प्रदर्शनकारियों की माँग है कि बन्द हुई इस फेक्ट्री को शासन द्वारा हस्तक्षेप करके पुनः खुलवाये और मजदूरों की रुकी आठ माह की तनख्वाह भी उन्हें दिलायी जाये।नही तो सब मजदूर वोटिंग वाले दिन डेल्टा के सामने एकत्रित होकर चुनाव का बहिष्कार करेंगे।

बाइट-मदन बिष्ट(प्रदर्शनकारी,मजदूर)


Conclusion:
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