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गेहूं की फसल बर्बाद कर रहे जंगली जानवर, पहरेदारी करने को मजबूर किसान

इन दिनों गंगोलीहाट क्षेत्र के खेतों में गेहूं, जौ, मसूर, आलू और कई अन्य फसल लगी हुईं हैं. जिसे जंगली जानवर तबाह कर रहे हैं.

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Published : Apr 15, 2019, 9:47 PM IST

फसलों को बर्बाद कर रहे जंगली जानवर

पिथौरागढ़: इन दिनों गंगोलीहाट क्षेत्र के खेतों में गेहूं, जौ, मसूर, आलू और कई अन्य फसल लगी हुईं हैं. जिसे जंगली जानवर तबाह कर रहे हैं. वहीं, अपनी फसल को बचाने के लिए किसान दिन-रात खेतों की रखवाली में लगे हुए हैं. किसानों का कहना है कि जंगली जानवर लगातार फसलों को बर्बाद कर रहे हैं. बावजूद इसके वन विभाग इस ओर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा.

फसलों को बर्बाद कर रहे जंगली जानवर.

किसानों का कहना है कि वे 6 महीने से दिन रात मेहनत कर फसलें और सब्जियां उगा रहे हैं. लेकिन जंगली जानवर उनकी मेहनत पर पानी फेर रहे हैं. दिन में बंदर तो रात में जंगली सुअरों द्वारा फसलों को तबाह किया जा रहा है. जिसके चलते किसानों को ही फसलों की पहरेदारी करनी पड़ रही है.

पढ़ें: मातृसदन ने श्री श्री रविशंकर के नाम लिखा खुला खत, आत्मबोधानंद बोले- आए थे सरकार के मैसेंजर बनकर

किसान हरीश चंद्र पंथ ने कहा कि सरकार पलायन को रोकने के लिए पारंपरिक खेती अपनाने की बात कर रही है. लेकिन जो लोग गांव में कृषि का कार्य करते हैं उनकी फसलों को सुअर और बंदर बर्बाद कर रहे हैं. बावजूद वन विभाग इस ओर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा.
वहीं, एक दूसरे किसान मोहन चंद्र जोशी ने बताया कि उन्होंने 2 किलोमीटर दूर से पानी भरकर आलू और प्याज की फसल तैयार की थी. लेकिन एक ही दिन में बंदर और सुअरों ने उनके दो खेतों की फसल बर्बाद कर दी.

पिथौरागढ़: इन दिनों गंगोलीहाट क्षेत्र के खेतों में गेहूं, जौ, मसूर, आलू और कई अन्य फसल लगी हुईं हैं. जिसे जंगली जानवर तबाह कर रहे हैं. वहीं, अपनी फसल को बचाने के लिए किसान दिन-रात खेतों की रखवाली में लगे हुए हैं. किसानों का कहना है कि जंगली जानवर लगातार फसलों को बर्बाद कर रहे हैं. बावजूद इसके वन विभाग इस ओर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा.

फसलों को बर्बाद कर रहे जंगली जानवर.

किसानों का कहना है कि वे 6 महीने से दिन रात मेहनत कर फसलें और सब्जियां उगा रहे हैं. लेकिन जंगली जानवर उनकी मेहनत पर पानी फेर रहे हैं. दिन में बंदर तो रात में जंगली सुअरों द्वारा फसलों को तबाह किया जा रहा है. जिसके चलते किसानों को ही फसलों की पहरेदारी करनी पड़ रही है.

पढ़ें: मातृसदन ने श्री श्री रविशंकर के नाम लिखा खुला खत, आत्मबोधानंद बोले- आए थे सरकार के मैसेंजर बनकर

किसान हरीश चंद्र पंथ ने कहा कि सरकार पलायन को रोकने के लिए पारंपरिक खेती अपनाने की बात कर रही है. लेकिन जो लोग गांव में कृषि का कार्य करते हैं उनकी फसलों को सुअर और बंदर बर्बाद कर रहे हैं. बावजूद वन विभाग इस ओर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा.
वहीं, एक दूसरे किसान मोहन चंद्र जोशी ने बताया कि उन्होंने 2 किलोमीटर दूर से पानी भरकर आलू और प्याज की फसल तैयार की थी. लेकिन एक ही दिन में बंदर और सुअरों ने उनके दो खेतों की फसल बर्बाद कर दी.

Intro:एक और सरकार पहाड़ में पलायन रोकने के लिए पारंपरिक कृषि करना उचित उपाय बता रही है वहीं दूसरी ओर किसानों की फसलों को जंगली जानवरों से बचाने के कोई उपाय नहीं कर रही इन दिनों गंगोलीहाट की किसान बंदरों और स्वरों से अपनी फसल बचाने के लिए जब तू याद कर रहे हैं गेहूं जौ मसूर चना तिलहन आलू आदि की फसलों को जंगली जानवर तहस-नहस कर रहे हैं किसान दिन में बंदरों की और रात में जंगली सूअरों की पहरेदारी में लगे हैं किसानों का कहना है कि 6 महीने से दिन रात मेहनत कर फसलें और सब्जियां उगा रहे हैं लेकिन जंगली जानवर उनकी मेहनत पर पानी फेर रहे हैं जंगली सूअरों ने सभी तरह की फसलों को नुकसान पहुंचाया है रात को समर खेतों को तहस-नहस कर रहे हैं और बची हुई फसलें खेत खुद कर खराब कर रहे हैं किसान कहते हैं फसलों को उगाने की जितनी मेहनत की जाए सब बेकार हो जाती है फलदार पेड़ों के फल बंदर खा जाते हैं गेहूं मसूर गडेरी के खेत सूअर खोद रहे हैंBody: किसान हरीश चंद्र पंथ कहते हैं कि सरकार पलायन को रोकने के लिए पारंपरिक खेती अपनाने की बात कर रही है पहाड़ का युवा लगातार पलायन कर रहा है जो लोग गांव में कृषि कार्य करते हैं उनकी फसलों को स्वर और बंदर पर बात कर रहे हैं गांव में रहने वाला काश्तकार साल भर मेहनत कर फसल तैयार करता है जिसे बंदर और सुवर चंद दिनों में नष्ट कर जाते हैंConclusion:किसान मोहन चंद्र जोशी बताते हैं की उन्होंने 2 किलोमीटर दूर से पानी भरकर आलू और प्याज की फसल तैयार की एक ही दिन में बंदर और सवरने उनके दो खेतों की फसल बर्बाद कर दी दिन भर हुए बंदर भगाते रहे और रात को चोरों ने खेत में आकर पूरी फसल चौपट कर दी
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