नैनीताल: नैनीताल हाईकोर्ट से सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को बड़ा झटका लगा है. नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने पूर्व मुख्यमंत्रियों के बकाया मामले में राज्य सरकार के उस अध्यादेश को खारिज कर दिया है जिसमें राज्य सरकार द्वारा सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों के बकाए को माफ करने का फैसला किया था. वहीं, कोर्ट ने सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास और अन्य भत्तों का किराया जल्द से जल्द जमा करने के आदेश दिए हैं.
बता दें कि देहरादून की रूलर लिटिगेशंस संस्था ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि उत्तराखंड के सभी पूर्व मुख्यमंत्री सरकारी आवास समेत अन्य सुविधाओं का प्रयोग कर रहे हैं. लिहाजा, इन सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों से बाजार भाव के हिसाब से किराया लिया जाए. मामले में सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने राज्य सरकार को आदेश दिए थे कि सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों से 3 महीने के भीतर सरकारी आवास का किराया लिया जाए, लेकिन राज्य सरकार ने कैबिनेट में अध्यादेश लाकर सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों पर बकाया जमा करने में छूट दे दी.
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में चाय के बागान कितने सफल? जानिए एक्सपर्ट की राय
जिसके बाद याचिकाकर्ता एक बार फिर से हाईकोर्ट की शरण में आए और कोर्ट को बताया कि सरकार की ओर से लाए गए अध्यादेश में मुख्यमंत्रियों को राहत दी जा रही है जो गलत है. मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने फैसला सुरक्षित रखा था.
वहीं, याचिकाकर्ता द्वारा कोर्ट को बताया गया था कि करीब इन सुविधाओं के अलावा भी सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों द्वारा करीब 15 से 16 करोड़ रूपया सरकार का देना है. लिहाजा, वो रुपये भी इनसे वसूल किए जाएं. मामले में हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि इस धनराशि का आकलन कर सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों से पैसा वसूल किया जाए.
बता दें कि सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों पर करीब 2 करोड़ 85 लाख रुपये की धनराशि बकाया है...
जिसमें रमेश पोखरियाल निशंक पर 40 लाख 95 हजार रुपये, भुवन चंद खंडूड़ी पर 46 लाख 59 हजार रुपये, विजय बहुगुणा पर 37 लाख 50 हजार रुपये. जबकि, भगत सिंह कोश्यारी पर 45 लाख 57 हजार रुपए बकाया है. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गवासी एनडी तिवारी के नाम पर 1 करोड़ 13 लाख की देनदारी है.