नैनीताल: पिछली तिथि को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की कोर्ट ने केंद्रीय चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने को कहा था. जिसकी सुनवाई हेतु आज की तिथि नियत की गई थी.
याचिका में सभी राजनीतिक दलों को यह निर्देश देने की भी मांग की गई है कि वे अपनी रैलियां वर्चुअल रूप से ही करें, साथ ही अदालत से नए साल के जश्न के दौरान होने वाली पार्टियों पर प्रतिबंध लगाने की भी मांग की गई थी. उन्होंने यह भी कहा है कि विधान सभा के चुनाव स्थगित किए जाएं. इस सम्बंध में चुनाव आयोग भारत सरकार को निर्देश दिए जाएं.
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रैलियों की तस्वीरें पेश की गईं थी: उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव फरवरी-मार्च 2022 में होने की उम्मीद है. राज्य के सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने अपना अभियान शुरू कर दिया है. याचिका में भारतीय जनता पार्टी, आम आदमी पार्टी के साथ-साथ कांग्रेस द्वारा आयोजित रैलियों की तस्वीरें संलग्न की गई हैं. इन तस्वीरों में सामाजिक दूरियों के मानदंडों या कोविड के उचित व्यवहार का पालन किए बिना भारी भीड़ दिखाई दे रही है.
अधिवक्ता शिव भट्ट ने हाईकोर्ट के समक्ष पहले से लंबित जनहित याचिका (PIL) के एक समूह में आवेदन दायर किया, जो याचिका लंबित है और HC उत्तराखंड में उसपर सुनवाई करके कोविड की स्थिति की निगरानी कर रहा है.
वर्चुअल रैली की उठाई गई मांग: मौजूदा आवेदन में कहा गया था कि नया ओमीक्रोन वेरिएंट कोविड के किसी भी अन्य संस्करण की तुलना में 300 फीसदी से अधिक तेजी से फैल रहा है. इसलिए लोगों के जीवन की रक्षा के लिए यह आवश्यक हो गया है कि चुनावी रैलियों जैसी बड़ी सभाओं से बचा जाए.
आवेदन में कहा गया था कि 'उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव फरवरी-मार्च 2022 के महीने में होने जा रहे हैं. इसके लिए सभी राजनीतिक दलों द्वारा विशाल ‘चुनाव रैलियां’ आयोजित की जा रही हैं. लेकिन राजनीतिक दलों की चुनावी रैलियों में न तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है और न ही लोग मास्क पहन रहे हैं. तस्वीरें और वीडियो यूट्यूब पर उपलब्ध हैं.'
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याचिका में सभी राजनीतिक दलों को यह निर्देश देने की भी मांग की गई है कि वे अपनी रैलियां वर्चुअल रूप से ही करें, साथ ही कोर्ट से नए साल के जश्न के दौरान सभाओं पर प्रतिबंध लगाने के लिए भी कहा.
उत्तराखंड में चुनावी रैलियां: उत्तराखंड में अगर चुनावी रैलियों की बात करें तो अब तक बड़े नेताओं की 8 रैलियां हो चुकी हैं. इनमें अभी तक दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सबसे ज्यादा रैलियां की हैं. दूसरे नंबर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं. तीसरे नंबर पर कांग्रेस के नेता राहुल गांधी हैं.
केजरीवाल कर चुके हैं 5 रैली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उत्तराखंड में अब तक पांच रैलियां कर चुके हैं. आज केजरीवाल उत्तराखंड में 6वीं रैली करने जा रहे हैं. केजरीवाल की तीन रैलियां देहरादून, एक काशीपुर और एक हल्द्वानी में हो चुकी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो रैली: उत्तराखंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो बड़ी रैलियां हो चुकी हैं. प्रधानमंत्री के पहली रैली देहरादून में हुई थी. इस रैली में विशाल जनसमूह उमड़ा था. पीएम मोदी की दूसरी रैली कुमाऊं मंडल के हल्द्वानी में हुई थी. इस रैली में भी भारी भीड़ उमड़ी थी.
राहुल गांधी की एक रैली: कांग्रेस के नेता राहुल गांधी की उत्तराखंड में अभी तक सिर्फ एक रैली हुई है. कांग्रेस का दावा है कि देहरादून में राहुल गांधी की रैली में एक लाख से ज्यादा लोग जुटे थे. उत्तराखंड कांग्रेस का तो ये भी दावा है कि इस रैली में देहरादून में प्रधानमंत्री नरेंद्री मोदी की रैली से ज्यादा भीड़ उमड़ी थी.
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इसके अलावा उत्तराखंड में आए दिन रैली, यात्रा और जनसभाएं होती रहती हैं. बीजेपी की विजय संकल्प यात्रा चल रही है. कांग्रेस की उत्तराखंडियत बचाओ कैंपेन चल रहा है. इन सभी आयोजनों में भीड़ उमड़ रही है.
उत्तराखंड में तेजी से बढ़ रहा कोरोना: इधर उत्तराखंड में कोरोना ने तेजी से फिर अपने पांव पसार लिए हैं. रविवार को 259 नए मरीज सामने आए हैं. अकेले नैनीताल जिले में 91 लोग कोरोना से संक्रमित मिले हैं. इनमें नवोदय विद्यालय के बच्चे भी शामिल हैं. एक समय 200 से कम पहुंच चुके कोरोना के केस अब 500 का आंकड़ा पार कर गए हैं. इस समय उत्तराखंड में एक्टिव मरीजों की संख्या 502 है. राज्य में ओमीक्रोन के भी चार केस सामने आ चुके हैं. हालांकि चारों मरीज अब ठीक हो गए हैं.