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प्रदेशभर में याद किये गये खटीमा गोलीकांड के शहीद, मनाई गई 25वीं बरसी - tribute to martyrs of Khatima firing

उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान 1 सितंबर 1994 को खटीमा में हुए गोलीकांड की 25वीं बरसी मनाई गई. इस दौरान शहीदों की शहादत को याद करते हुए लोगों ने उन्हें नम आंखों से याद किया.

प्रदेश भर में याद किये गये खटीमा गोलीकांड के शहीद
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Published : Sep 1, 2019, 11:12 PM IST

Updated : Sep 1, 2019, 11:42 PM IST

खटीमा/नैनीताल: रविवार को प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर खटीमा गोलीकांड की 25वीं बरसी मनायी गई. खटीमा में इस दौरान स्थानीय लोगों व राज्य आंदोलनकारियों ने शहीद स्थल पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया. जिसमें नैनीताल से लोकसभा सांसद अजय भट्ट ने भी शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए. वहीं बात अगर नैनीताल की करें तो यहां भी इस दिन को शहीदी दिवस के तौर पर मनाया गया. इस मौके पर राज्य आंदोलनकारियों ने उत्तराखंड निर्माण में शहीद हुए आंदोलनकारियों को याद कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी.

प्रदेशभर में याद किये गये खटीमा गोलीकांड के शहीद

रविवार को उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान 1 सितंबर 1994 को खटीमा में हुए गोलीकांड की 25वीं बरसी मनाई गई. इस दौरान शहीदों की शहादत को याद करते हुए लोगों ने उन्हें नम आंखों से याद किया. खटीमा गोलीकांड की 25वीं बरसी के मौके पर खटीमा में एक कार्यक्रम का आयोजन किया. जिसमें नैनीताल से सांसद अध्यक्ष अजय भट्ट ने भी हिस्सा लिया.

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शहीदों को याद करते हुए बीजेपी सांसद अजय भट्ट ने कहा कि शहीदों की शहादत के फलस्वरुप ही हमें उत्तराखंड राज्य मिल पाया है. इसलिए राज्य की सरकारें भी शहीदों की परिकल्पना के हिसाब से राज्य के विकास कार्य में लगी हैं. उन्होंने कहा आज हम जो कुछ भी हैं सब कुछ शहीदों की ही बदौलत हैं. कार्यक्रम के दौरान वहां मौजूद जनप्रतिनिधियों और पूर्व आंदोलनकारियों ने भी शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए उन्हें याद किया.

पढ़ें-देश की पहली और उत्तराखंड की पूर्व महिला DGP कंचन चौधरी भट्टाचार्य का निधन

भले ही आज खटीमा गोलीकांड को 25 साल बीत गए हो, लेकिन आज भी उत्तराखंड आंदोलनकारियों के दिलों में वह दर्द ज्यों का त्यों बना हुआ है. उत्तर प्रदेश सरकार की बर्बरता को याद कर आंदोलनकारी आज भी सिहर उठते हैं. नैनीताल में राज्य आंदोलनकारी महिलाओं का कहना है कि जिस उत्तराखंड की मांग को लेकर उन्होंने प्रदर्शन किया और शहादत दी वो उत्तराखंड आज भी नहीं बन सका है. उन्होंने कहा कि सरकारें आज भी केवल विकास के दावे ही करती हैं. जिससे राज्य आंदोलनकारी मायूस हैं. वहीं राज्य आंदोलनकारी महिलाओं ने कहा कि उत्तराखंड में महिलाएं सुरक्षित नहीं है, जिसपर राज्य सरकार को ध्यान देना चाहिए.

पढ़ें-कुमाऊं में इस जगह से था महात्मा गांधी को प्रेम, अब बदलेगी तस्वीर

गौरतलब है कि 1 सितंबर 1994 को राज्य आंदोलन के दौरान खटीमा में पहला गोली कांड हुआ था. जिसमें सात राज्य आंदोलनकारियों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी. खटीमा गोलीकांड की चिंगारी की बदौलत ही हमें उत्तराखंड राज्य मिल पाया था.

खटीमा/नैनीताल: रविवार को प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर खटीमा गोलीकांड की 25वीं बरसी मनायी गई. खटीमा में इस दौरान स्थानीय लोगों व राज्य आंदोलनकारियों ने शहीद स्थल पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया. जिसमें नैनीताल से लोकसभा सांसद अजय भट्ट ने भी शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए. वहीं बात अगर नैनीताल की करें तो यहां भी इस दिन को शहीदी दिवस के तौर पर मनाया गया. इस मौके पर राज्य आंदोलनकारियों ने उत्तराखंड निर्माण में शहीद हुए आंदोलनकारियों को याद कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी.

प्रदेशभर में याद किये गये खटीमा गोलीकांड के शहीद

रविवार को उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान 1 सितंबर 1994 को खटीमा में हुए गोलीकांड की 25वीं बरसी मनाई गई. इस दौरान शहीदों की शहादत को याद करते हुए लोगों ने उन्हें नम आंखों से याद किया. खटीमा गोलीकांड की 25वीं बरसी के मौके पर खटीमा में एक कार्यक्रम का आयोजन किया. जिसमें नैनीताल से सांसद अध्यक्ष अजय भट्ट ने भी हिस्सा लिया.

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शहीदों को याद करते हुए बीजेपी सांसद अजय भट्ट ने कहा कि शहीदों की शहादत के फलस्वरुप ही हमें उत्तराखंड राज्य मिल पाया है. इसलिए राज्य की सरकारें भी शहीदों की परिकल्पना के हिसाब से राज्य के विकास कार्य में लगी हैं. उन्होंने कहा आज हम जो कुछ भी हैं सब कुछ शहीदों की ही बदौलत हैं. कार्यक्रम के दौरान वहां मौजूद जनप्रतिनिधियों और पूर्व आंदोलनकारियों ने भी शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए उन्हें याद किया.

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भले ही आज खटीमा गोलीकांड को 25 साल बीत गए हो, लेकिन आज भी उत्तराखंड आंदोलनकारियों के दिलों में वह दर्द ज्यों का त्यों बना हुआ है. उत्तर प्रदेश सरकार की बर्बरता को याद कर आंदोलनकारी आज भी सिहर उठते हैं. नैनीताल में राज्य आंदोलनकारी महिलाओं का कहना है कि जिस उत्तराखंड की मांग को लेकर उन्होंने प्रदर्शन किया और शहादत दी वो उत्तराखंड आज भी नहीं बन सका है. उन्होंने कहा कि सरकारें आज भी केवल विकास के दावे ही करती हैं. जिससे राज्य आंदोलनकारी मायूस हैं. वहीं राज्य आंदोलनकारी महिलाओं ने कहा कि उत्तराखंड में महिलाएं सुरक्षित नहीं है, जिसपर राज्य सरकार को ध्यान देना चाहिए.

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गौरतलब है कि 1 सितंबर 1994 को राज्य आंदोलन के दौरान खटीमा में पहला गोली कांड हुआ था. जिसमें सात राज्य आंदोलनकारियों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी. खटीमा गोलीकांड की चिंगारी की बदौलत ही हमें उत्तराखंड राज्य मिल पाया था.

Intro:summary- खटीमा गोलीकांड में शहीद हुए शहीदों की याद में मनाए जाने वाले 25 वे शहीद दिवस पर खटीमा पहुंचे बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष व सांसद अजय भट्ट ने शहीद स्मारक पर जाकर शहीदों को पुष्प अर्पित कर नमन किया। साथ ही शहीदों की भावना के अनुरूप राज्य बनाने की कोशिश करने की बात कही।

नोट-खबर एफटीपी में - khatima golikand ki pachchisi barsi manayi - नाम के फोल्डर में है।

एंकर- पृथक राज्य की मांग को लेकर निकाले जा रहे हैं जुलूस पर पुलिस द्वारा चलाई गई गोली से शहीद हुए शहीदों की शहादत की याद में मनाए जाने वाले खटीमा गोलीकांड की 25वीं बरसी पर खटीमा पहुंचे। नैनीताल सांसद और बीजेपी के प्रदेश संयोजक ने शहीदों को पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। साथ ही गोली कांड में शहीद हुए सात शहीदों को नमन किया।


Body:वीओ- उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान 1 सितंबर 1994 को खटीमा में हुए गोलीकांड की 25वीं बरसी पर स्थानीय लोगों व राज्य आंदोलनकारियों ने शहीद स्थल पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया। जिसमें स्थानीय जनता, जनप्रतिनिधि और राज्य आंदोलनकारियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा ले शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित की। इस दौरान नैनीताल लोकसभा से सांसद व बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने भी शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए। बीजेपी सांसद अजय भट्ट ने कहा कि शहीदों की शहादत के फलस्वरुप हमें उत्तराखंड राज्य मिल पाया है। इसलिए राज्य की सरकारें भी शहीदों की परिकल्पना के हिसाब से राज्य के विकास को आगे ले जाने का कार्य कर रही हैं। आज वह सांसद है या अन्य वह लोग जो विधायक या जनप्रतिनिधि हैं। वह सब शहीदों की शहादत की बदौलत की है। इसलिए हमें शहीदों के सपनों के अनुरूप ही उत्तराखंड राज्य को आगे ले जाना है। वही गौरतलब है कि 1 सितंबर 1994 को राज्य आंदोलन के दौरान खटीमा में पहला गोली कांड हुआ था। जिसमें सात राज्य आंदोलनकारियों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी। खटीमा गोलीकांड की चिंगारी के की बदौलत ही हमें उत्तराखंड राज्य मिल पाया था।

बाइट-अजय भट्ट नैनीताल लोकसभा सांसद प्रदेश अध्यक्ष बीजेपी उत्तराखंड


Conclusion:
Last Updated : Sep 1, 2019, 11:42 PM IST
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