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मांगों को लेकर गरजे 108 सेवा के कर्मचारी, सरकार से लगाई मदद की गुहार

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Published : Apr 27, 2019, 7:20 PM IST

प्रदेश की 108 आपातकालीन सेवा के कर्मचारी अपने वेतन भत्तों और लोकेशन को लेकर मामले में सरकार से हस्तक्षेप करने की गुहार लगाई. शनिवार को भी शहर के सरकारी अस्पताल के सामने 108 कर्मचारियों ने एंबुलेंस खड़ी कर अपनी दो सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन किया.

2 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना करते 108 आपातकालीन सेवा के कर्मचारी.

काशीपुर: उत्तराखंड में आपातकालीन सेवा 108 एंबुलेंस के पहिए थम गए हैं. प्रदेश में 108 और केकेएस फील्ड कर्मचारी संघ अपनी 2 सूत्रीय मांगों को लेकर धरने पर है. जिसके चलते बीमार लोगों को परेशानी का सामना कर पड़ रहा है.

जानकारी देते 108 कर्मचारी के के शर्मा.

बता दें कि प्रदेश की 108 आपातकालीन सेवा के कर्मचारी अपने वेतन भत्तों और लोकेशन को लेकर मामले में सरकार से हस्तक्षेप करने की गुहार लगाई. शनिवार को भी शहर के सरकारी अस्पताल के सामने 108 कर्मचारियों ने एंबुलेंस खड़ी कर अपनी दो सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन किया.

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मामले को लेकर 108 सेवा के कर्मचारी के के शर्मा ने बताया कि पहले जीवीके कंपनी के साथ 108 सेवा के कर्मचारियों के वेतन को लेकर करार हुआ था. लेकिन अब प्रदेश सरकार ने 5 साल के लिए कैंप नाम की कंपनी को 108 सेवा की जिम्मेदारी सौंपी दी है. जिसके चलते कैम्प कंपनी पुराने कर्मचारियों को सेवा से बाहर कर रही है और शर्तों के अनुसार नए वेतनमान पर कर्मचारियों को नियुक्त करने की बात कर रही है, जो की गलत है.

काशीपुर: उत्तराखंड में आपातकालीन सेवा 108 एंबुलेंस के पहिए थम गए हैं. प्रदेश में 108 और केकेएस फील्ड कर्मचारी संघ अपनी 2 सूत्रीय मांगों को लेकर धरने पर है. जिसके चलते बीमार लोगों को परेशानी का सामना कर पड़ रहा है.

जानकारी देते 108 कर्मचारी के के शर्मा.

बता दें कि प्रदेश की 108 आपातकालीन सेवा के कर्मचारी अपने वेतन भत्तों और लोकेशन को लेकर मामले में सरकार से हस्तक्षेप करने की गुहार लगाई. शनिवार को भी शहर के सरकारी अस्पताल के सामने 108 कर्मचारियों ने एंबुलेंस खड़ी कर अपनी दो सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन किया.

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मामले को लेकर 108 सेवा के कर्मचारी के के शर्मा ने बताया कि पहले जीवीके कंपनी के साथ 108 सेवा के कर्मचारियों के वेतन को लेकर करार हुआ था. लेकिन अब प्रदेश सरकार ने 5 साल के लिए कैंप नाम की कंपनी को 108 सेवा की जिम्मेदारी सौंपी दी है. जिसके चलते कैम्प कंपनी पुराने कर्मचारियों को सेवा से बाहर कर रही है और शर्तों के अनुसार नए वेतनमान पर कर्मचारियों को नियुक्त करने की बात कर रही है, जो की गलत है.

Intro:संबंधित खबर के विजुअल और वाइट लाइव यू से भेज दिए गए हैं।

उत्तराखंड में मरीजों के लिए एवं आपातकालीन स्थिति में जीवनदायिनी के रूप में कार्य करने वाली 108 आपातकालीन सेवाओं खुशियों की सवारी सेवा में कार्यरत कर्मचारी अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। प्रदेश में उत्तराखंड 108 एवं केकेएस फील्ड कर्मचारी संघ अपनी 2 सूत्रीय मांगों को लेकर एम्बुलेंसों के पहिये जाम किये पड़े है। काशीपुर में भी आज 108 कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया।


Body:उत्तराखंड प्रदेश में 108 आपातकालीन सेवा खुशियों की सवारी सेवा में कार्यरत फील्ड कर्मचारियों को भविष्य में राज्य में आपातकालीन सेवाओं का संचालन करने वाली संस्था में वेतन भत्तों एवं लोकेशन सहित समायोजित करने के संबंध में थमे हुए 108 सेवाओं के पहिए लगातार आज भी थमे रहे। काशीपुर में सरकारी अस्पताल में ट्रामा सेंटर के सामने 108 कर्मचारियों ने 108 एंबुलेंस को खड़ा कर प्रदर्शन किया तथा अपनी 2 सूत्रीय मांगों के समाधान के लिए प्रदेश सरकार से गुहार लगाई। इस मौके पर 108 सेवा के कर्मचारियों ने कहा कि जीवीके कंपनी के साथ उनका जो करार आज से काफी साल पहले हुआ था उसमें अब जाकर वेतन बढ़ोतरी हुई थी लेकिन अब प्रदेश सरकार के द्वारा कैंप नामक नई कंपनी को 108 सेवा की जिम्मेदारी सौंपी गई है लेकिन कैम्प कंपनी प्रदेश में कई कई सालों से कार्यरत 108 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाने पर तुली हुई है साथ ही उन्होंने यह भी शर्त रखी है कि पुराने कर्मचारियों को कंपनी की शर्तों के अनुसार नए वेतनमान पर समायोजित किया जाएगा। उनके मुताबिक कैंप कंपनी का सरकार के साथ 5 साल का करार हुआ है।
बाइट- के के शर्मा, 108 कर्मचारी


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