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धनतेरस को लेकर सजे बाजार, बढ़ी रौनक, पुलिस भी अलर्ट - dhanteras festival

धनतेरस को देखते हुए बाजार सजने लगे हैं. इसी क्रम में हरिद्वार और जसपुर में भी लोग बड़ी संख्या में बाजारों में खरीददारी कर रहे हैं. जिसके चलते सुरक्षा को लेकर पुलिस प्रशासन भी सतर्क हो गया है.

धनतेरस को लेकर सजे बाजार.
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Published : Oct 24, 2019, 8:16 PM IST

हरिद्वार/जसपुर: धनतेरस कल है. धनतेरस के दिन लोग बाजारों में स्टील के बर्तन और सोने चांदी की खरीदारी करते है. साथ ही विशेष पूजा अर्चना कर माता लक्ष्मी को प्रसन्न करते हैं. धनतेरस त्योहार के मद्देनजर हरिद्वार और जसपुर के बाजारों में रौनक लौट आई है. बड़ी संख्या में लोग बर्तन और सोने चांदी की खरीदारी कर रहे हैं. वहीं, सुरक्षा के मद्देनजर भी पुलिस प्रशासन सतर्क हो गया है.

धनतेरस को लेकर सजे बाजार.

हिंदू मान्यता के अनुसार ये महीना कार्तिक का महीना है. कार्तिक का महीना भगवान विष्णु को प्रिय है. कहा जाता है कि भगवान विष्णु कार्तिक के महीने में सोए रहते हैं और आनेवाले देवोत्थान के दिन उठते हैं. हिंदू धर्म के अनुसार भगवान विष्णु के जागने से पहले माता लक्ष्मी उठ जाती हैं और वो दिन धनतेरस का दिन कहलाता है. यही कारण है कि धनतेरस के दिन माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने की तैयारियां की जाती है और दीपावली वाले दिन माता लक्ष्मी की विशेष पूजा अर्चना और दीपदान किया जाता है.

पढ़ें: पंचायत चुनाव: सबसे कम उम्र की जिला पंचायत सदस्य बनीं शालिनी, Etv Bharat से बताई प्राथमिकता

वहीं, हरिद्वार और जसपुर में धनतेरस के मद्देनजर लोग बाजारों में स्टील के बर्तन और सोने चांदी की खरीदारी कर रहे हैं. जिसके चलते दुकानदारों के चहरे भी खिले-खिले दिखाई दे रहे हैं. बाजारों में बढ़ती भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन भी सतर्क हो गया है. पुलिस लगातार बाजारों में नजर बनाए हुए है.

हरिद्वार/जसपुर: धनतेरस कल है. धनतेरस के दिन लोग बाजारों में स्टील के बर्तन और सोने चांदी की खरीदारी करते है. साथ ही विशेष पूजा अर्चना कर माता लक्ष्मी को प्रसन्न करते हैं. धनतेरस त्योहार के मद्देनजर हरिद्वार और जसपुर के बाजारों में रौनक लौट आई है. बड़ी संख्या में लोग बर्तन और सोने चांदी की खरीदारी कर रहे हैं. वहीं, सुरक्षा के मद्देनजर भी पुलिस प्रशासन सतर्क हो गया है.

धनतेरस को लेकर सजे बाजार.

हिंदू मान्यता के अनुसार ये महीना कार्तिक का महीना है. कार्तिक का महीना भगवान विष्णु को प्रिय है. कहा जाता है कि भगवान विष्णु कार्तिक के महीने में सोए रहते हैं और आनेवाले देवोत्थान के दिन उठते हैं. हिंदू धर्म के अनुसार भगवान विष्णु के जागने से पहले माता लक्ष्मी उठ जाती हैं और वो दिन धनतेरस का दिन कहलाता है. यही कारण है कि धनतेरस के दिन माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने की तैयारियां की जाती है और दीपावली वाले दिन माता लक्ष्मी की विशेष पूजा अर्चना और दीपदान किया जाता है.

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वहीं, हरिद्वार और जसपुर में धनतेरस के मद्देनजर लोग बाजारों में स्टील के बर्तन और सोने चांदी की खरीदारी कर रहे हैं. जिसके चलते दुकानदारों के चहरे भी खिले-खिले दिखाई दे रहे हैं. बाजारों में बढ़ती भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन भी सतर्क हो गया है. पुलिस लगातार बाजारों में नजर बनाए हुए है.

Intro:एंकर :- धनतेरस त्यौहार को लेकर हरिद्वार के बाजारों में रौनक लौट आई है बड़ी संख्या में लोग बर्तन सोने चांदी की खरीदारी कर रहे हैं यह त्योहार ऐसे नहीं मनाया जाता इसके पीछे कई पौराणिक गाथाएं है जो भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी से जुड़ी हुई है साथ ही धनतेरस वाले दिन यम देवता की भी पूजा की जाती है|

Body:वीओ:- मान्यता है कि ये महीना कार्तिक का महीना चल रहा है और कार्तिक का महीना भगवान विष्णु को अत्यधिक प्रिय है। कहा जाता है कि भगवान विष्णु कार्तिक के महीने में सोए हुए होते है और आनेवाले देवोत्थान के दिन उठते है।हिन्दू धर्म के अनुशार पति अपने पत्नी के जागने से पहले ही उठ जाती है उसी प्रकार भगवान विष्णु के जागने से पहले माता लक्ष्मी जागती है और वो दिन धनतेरस के दिन कहलाता है और यही कारण है कि माता लक्ष्मी के जागने वाले दिन यानी धनतेरस से माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने की तैयारियां शुरू की जाती है और दिवाली वाले दिन माता लक्ष्मी की विशेष पूजा अर्चना और दीपदान किया जाता है। धनतेरस की दिन लोग बाजारों में स्टील के बर्तन और सोने चांदी की खरीदारी करते है और विशेष पूजा अर्चना कर माता लक्ष्मी को प्रसन्न करते है। साथ ही धनतेरस के दिन दीपदान का महत्व भी बताया गया है कहा जाता है कि अकालमृत्यु से बचने के लिए यमराज के लिए दीपदान किया जाता है। इस दिन दीपक हाथ मे लेकर आकाश की और हाथ करके यम देवता का आह्वान किया जाता है और उनसे मृत्यु के भयमुक्त होने की कामना के साथ दीपक जलाया जाता है। ऐसा करने से यम देवता प्रसन्न होजाते है और अकालमृत्यु का काल टल जाता है।

Conclusion:बाइट:- पंडित देवेंद्र कृष्ण आचार्य, पंडित, हरिद्वार
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