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सनातन धर्म की रक्षा के लिए नरसिंहानन्द सरस्वती ने खून से लिखा पत्र, कही ये बात - Letter written with blood to protect Sanatan Dharma

धर्माचार्यों को लिखे रक्त पत्र के बारे में बताते हुए यति नरसिंहानन्द सरस्वती ने कहा कि आज देश में इस्लामिक जिहादियों के हौसले बढ़ चुके हैं. वे खुलेआम देश को बर्बाद करने की धमकी दे रहे हैं. इतना ही नहीं उनको हर तरफ से इस काम के लिए मदद मिल रही है.

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नरसिंहानन्द सरस्वती ने खून से लिखा पत्र.
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Published : Jan 31, 2020, 7:15 PM IST

हरिद्वार: सनातन धर्म और भारत राष्ट्र के नवनिर्माण के लिए यति नरसिंहानन्द सरस्वती ने सनातन धर्म के सर्वोच्च धर्माचार्यों को अपने और अपने शिष्यों के रक्त से लिखा पत्र दिया. इस पत्र में सनातन धर्म और सनातन धर्म को मानने वालों की रक्षा करने का अनुरोध किया गया है. यति नरसिंहानन्द सरस्वती ने ये पत्र सभी पीठों के जगद्गुरु शंकराचार्यों,अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष, सभी अखाड़ों के आचार्य महामंडलेश्वरों और अखाड़ों के पदाधिकारियों को लिखा है.

नरसिंहानन्द सरस्वती ने खून से लिखा पत्र.

धर्माचार्यों को लिखे रक्त पत्र के बारे में बताते हुए यति नरसिंहानन्द सरस्वती ने कहा कि आज देश में इस्लामिक जिहादियों के हौसले बढ़ चुके हैं. वे खुलेआम देश को बर्बाद करने की धमकी दे रहे हैं. इतना ही नहीं उनको हर तरफ से इस काम के लिए मदद मिल रही है, जोकि सनातन धर्म और भारत के लिए विनाशकारी है. उन्होंने कहा ये लोग संगठित रूप से जगह-जगह हिन्दुओं की हत्या कर रहे हैं. सरकारें इस्लामिक जिहादियों के हौसलों के सामने प्रभावहीन दिखाई पड़ रही हैं. ऐसे में हिन्दू समाज के युवाओं का मनोबल टूट रहा है.

पढ़ें-धूप निकलते ही चांदी की तरह चमक उठे पहाड़, खूबसूरत नजारे ने पर्यटकों को कराया जन्नत का एहसास

यति नरसिंहानन्द सरस्वती ने कहा आज सनातन धर्म की लड़ाई लड़ने वाला कोई नहीं है. उन्होंने कहा आज भारतवर्ष में एक भी मठ, मन्दिर ऐसा नहीं है जो सनातन धर्म की लड़ाई लड़ रहा हो. ऐसे में हिन्दुओं की स्थिति अनाथों जैसी हो चुकी है. उन्होंने पत्र में सनातन धर्म के धर्माचार्यों से इस्लामिक जिहाद से अंतिम धर्मयुद्ध के लिये मदद मांगी है.

हरिद्वार: सनातन धर्म और भारत राष्ट्र के नवनिर्माण के लिए यति नरसिंहानन्द सरस्वती ने सनातन धर्म के सर्वोच्च धर्माचार्यों को अपने और अपने शिष्यों के रक्त से लिखा पत्र दिया. इस पत्र में सनातन धर्म और सनातन धर्म को मानने वालों की रक्षा करने का अनुरोध किया गया है. यति नरसिंहानन्द सरस्वती ने ये पत्र सभी पीठों के जगद्गुरु शंकराचार्यों,अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष, सभी अखाड़ों के आचार्य महामंडलेश्वरों और अखाड़ों के पदाधिकारियों को लिखा है.

नरसिंहानन्द सरस्वती ने खून से लिखा पत्र.

धर्माचार्यों को लिखे रक्त पत्र के बारे में बताते हुए यति नरसिंहानन्द सरस्वती ने कहा कि आज देश में इस्लामिक जिहादियों के हौसले बढ़ चुके हैं. वे खुलेआम देश को बर्बाद करने की धमकी दे रहे हैं. इतना ही नहीं उनको हर तरफ से इस काम के लिए मदद मिल रही है, जोकि सनातन धर्म और भारत के लिए विनाशकारी है. उन्होंने कहा ये लोग संगठित रूप से जगह-जगह हिन्दुओं की हत्या कर रहे हैं. सरकारें इस्लामिक जिहादियों के हौसलों के सामने प्रभावहीन दिखाई पड़ रही हैं. ऐसे में हिन्दू समाज के युवाओं का मनोबल टूट रहा है.

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यति नरसिंहानन्द सरस्वती ने कहा आज सनातन धर्म की लड़ाई लड़ने वाला कोई नहीं है. उन्होंने कहा आज भारतवर्ष में एक भी मठ, मन्दिर ऐसा नहीं है जो सनातन धर्म की लड़ाई लड़ रहा हो. ऐसे में हिन्दुओं की स्थिति अनाथों जैसी हो चुकी है. उन्होंने पत्र में सनातन धर्म के धर्माचार्यों से इस्लामिक जिहाद से अंतिम धर्मयुद्ध के लिये मदद मांगी है.

Intro:एंकर :-सनातन धर्म  के लिए और भारत राष्ट्र की अभूतपूर्व दुर्गति पर सनातन धर्म के धर्मचार्यो की उदासीनता से खिन्न होकर आज भूमा निकेतन में चल रहे माँ बगलामुखी महायज्ञ स्थल से यति नरसिंहानन्द सरस्वती ने सनातन धर्म के सर्वोच्च धर्माचार्यो को अपने और अपने शिष्यों के रक्त से पत्र लिखकर सनातन धर्म और सनातन धर्म के मानने वालों की रक्षा करने का अनुरोध किया।यति नरसिंहानन्द सरस्वती   ने ये पत्र सभी पीठो के जगद्गुरु शंकराचार्यो,अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष,सभी अखाड़ो के आचार्य महामंडलेश्वरों और अखाड़ो के पदाधिकारियों को लिखे।
Body:vo -1 धर्माचार्यो को लिखे रक्त पत्र की के बारे में बताते हुए  यति नरसिंहानन्द सरस्वती   ने कहा की देश में इस्लामिक जिहादियो के हौसले इतने बढ़ चुके हैं की वो खुलेआम देश को बर्बाद करने की धमकी दे रहे हैं साथ ही उनको हर तरफ से मदद मिल रही है। उनकी योजनाये बहुत विनाशकारी हैं।वो संगठित रूप से जगह जगह हिन्दुओ की हत्या कर रहे हैं।सरकारें इस्लामिक जिहादियो के हौसलों के सामने प्रभावहीन दिखाई पड़ रही हैं। ऐसे में हिन्दू समाज के युवाओ का मनोबल टूट रहा है।मुस्लिमो की सारी योजना मस्जिद और मदरसों से बनती हैं।ईसाइयत की लड़ाई चर्च लड़ता है।सिक्खों की लड़ाई सदैव गुरुद्वारों से लड़ी जाती है।बौद्धों की लड़ाई उनके भिक्षुओ ने लड़ी है परंतु सनातन की लड़ाई कोई नही लड़ रहा है।आज भारतवर्ष में एक भी मठ मन्दिर ऐसा नही है जो सनातन की लड़ाई तो दूर,इस्लाम के जिहाद के विरुद्ध बोल भी सके।ऐसे में हिन्दू की स्थिति अनाथो जैसी हो चुकी है।अब हिन्दू जाए तो कहाँ जाये। इसीलिये इस पत्र में सनातन धर्म के धर्माचार्यो से इस्लामिक जिहाद से अंतिम धर्मयुद्ध के लिये मदद माँगी गयी है।Conclusion:बाइट :-यति नरसिंहानन्द सरस्वती  
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