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मथुरा की होली से कम नहीं है यहां की होली, ढोल मजीरे की थाप पर देखते बन रही महिला होल्यारों की जुगलबंदी - उत्तराखंड न्यूज

कुमाऊं की होली में अबीर-गुलाल के साथ-साथ गायन की विशेष परंपरा है. जिसके कारण कुमाऊंनी होली का अपना अलग ही महत्व है. इस दिन महिला होल्यार गली-मोहल्लों में जाकर कुमाऊंनी लोकगीत और होली के गीतों की प्रस्तुति देती हैं,

कुमाऊंनी लोकगीत गीतों पर झूमते होल्यार.
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Published : Mar 19, 2019, 11:23 PM IST

हल्द्वानी: बसंत के आगमन के साथ ही पूरे उत्तराखंड विशेषकर कुमाऊं में होली का रंग बिखरने लगा है. मथुरा की होली की तरह ही यहां की बैठकी और खड़ी होली का अपना ही अलग ही रंग है. होली को बस दो ही दिन बचे हैं, ऐसे में कुमाऊं में होली का उत्साह पूरे शबाब पर है. जगह जगह बैठकी और खड़ी होली की महफिल सज रही है. महिला और पुरुष होल्यार घर-घर जाकर होली के गीतों से एक दूसरे को बधाई दे रहे हैं. ढोल मजीरे की थाप पर होल्यार रंगों को त्योहार को मना रहे हैं.

कुमाऊंनी लोकगीत गीतों पर झूमते होल्यार.


कुमाऊं की होली में अबीर-गुलाल के साथ-साथ गायन की विशेष परंपरा है. जिसके कारण कुमाऊंनी होली का अपना अलग ही महत्व है. इस दिन महिला होल्यार गली-मोहल्लों में जाकर कुमाऊंनी लोकगीत और होली के गीतों की प्रस्तुति देती हैं, साथ ही हंसी मजाक और मनोरंजन के माहौल को आनंददायक बनाती हैं. महिला होल्यार टोलियों में निकलकर एक दूसरे के घरों में जा रही हैं और अबीर गुलाल से एक दूसरे को सराबोर कर रही हैं.


रंगों और गानों में डूबी महिला होल्यारों से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि होली का त्योहार भाई चारा और आपसी प्रेम सद्भाव का त्योहार है. उन्होंने कहा कि सभी को बड़ी बेसब्री से इसका इंतजार रहता है. इस दिन लोग एक दूसरे से गिले शिकवे भुलाकर मिलते हैं और होली मनाते हैं.

हल्द्वानी: बसंत के आगमन के साथ ही पूरे उत्तराखंड विशेषकर कुमाऊं में होली का रंग बिखरने लगा है. मथुरा की होली की तरह ही यहां की बैठकी और खड़ी होली का अपना ही अलग ही रंग है. होली को बस दो ही दिन बचे हैं, ऐसे में कुमाऊं में होली का उत्साह पूरे शबाब पर है. जगह जगह बैठकी और खड़ी होली की महफिल सज रही है. महिला और पुरुष होल्यार घर-घर जाकर होली के गीतों से एक दूसरे को बधाई दे रहे हैं. ढोल मजीरे की थाप पर होल्यार रंगों को त्योहार को मना रहे हैं.

कुमाऊंनी लोकगीत गीतों पर झूमते होल्यार.


कुमाऊं की होली में अबीर-गुलाल के साथ-साथ गायन की विशेष परंपरा है. जिसके कारण कुमाऊंनी होली का अपना अलग ही महत्व है. इस दिन महिला होल्यार गली-मोहल्लों में जाकर कुमाऊंनी लोकगीत और होली के गीतों की प्रस्तुति देती हैं, साथ ही हंसी मजाक और मनोरंजन के माहौल को आनंददायक बनाती हैं. महिला होल्यार टोलियों में निकलकर एक दूसरे के घरों में जा रही हैं और अबीर गुलाल से एक दूसरे को सराबोर कर रही हैं.


रंगों और गानों में डूबी महिला होल्यारों से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि होली का त्योहार भाई चारा और आपसी प्रेम सद्भाव का त्योहार है. उन्होंने कहा कि सभी को बड़ी बेसब्री से इसका इंतजार रहता है. इस दिन लोग एक दूसरे से गिले शिकवे भुलाकर मिलते हैं और होली मनाते हैं.

Intro: स्लग-कुमाऊनी होली

रिपोर्टर भावना पंडित हल्द्वानी
एंकर होली का उत्साह पूरे शबाब पर है जगह जगह बैठकी और खड़ी होली की महफिल सज रही है। महिला और पुरूष होलियार गली गली घरों घरों में जाकर होली की गीत गा कर एक दूसरे को बधाई दे रहे हैं। ढोल मजीरा के थाप पर होलियार मस्ती के रंग एक दूसरे पर घोल रहे हैं। होली के गीतों के गुंज में उत्साह के रंग दिखाई दे रहे हैं।


Body:उत्तराखंड में कुमाऊनी होली का अपना अलग ही महत्व है महिला होली आर गली मोहल्ले मोहल्ले में जाकर कुमाऊनी के होली लोकगीत और शास्त्रीकिय होली गीत हंसी मजाक और मनोरंजन प्रस्तुति देते हुए एक दूसरे की बधाइयां दे रहे हैं। महिला होली आर टोली टोली में निकल कर एक दूसरे के घरों में जा रही हैं और अबीर गुलाल से एक दूसरे को सराबोर कर रही है।


Conclusion:वहीं महिला होली यारों का कहना है कि होली का त्यौहार भाईचारा आपसी प्रेम सद्भाव का त्यौहार है सालों से इस त्यौहार का इंतजार रहता है एक दूसरे से गिला शिकवा भुलाकर एक साथ साथ मना रहे हैं। होली के त्यौहार को लेकर काफी दिनों से इंतजार रहता है ऐसे में होली के इस त्योहार का जमकर लुफ्त उठा रहे हैं।

बाइट-महिला होलियार
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