हल्द्वानी: बर्फ से ढकी ऊंची चोटियां, रेत के टीले, चमकती सुबह के साथ घने बादल, दुनिया की सबसे ऊंची जगह लद्दाख का परिदृश्य है. उत्तर की ओर से काराकोरम और दक्षिण की ओर हिमालय से घिरे लद्दाख को हाल ही में मोदी सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया गया है. ऐसे में लद्दाख के ऊपर 30 से ज्यादा किताबें लिख चुके हैं प्रेम सिंह जीना ने भी इस फैसले पर खुशी जाहिर की है.
लेह लद्दाख की खूबसूरती की बात करें तो, यहां आने पर्यटकों के दिल में लेह लद्दाख अपनी अनोखी छाप छोड़े हुए है. लेकिन, अभी भी ऐसे बहुत से लोग हैं जो यहां के संस्कृति, सभ्यता और रीति रिवाजों से अनजान हैं. ऐसे में लद्दाख को नजदीक से देखने वाले एक ऐसे शख्स हैं, जिन्होंने यहां की सुदंरता को अपने शब्दों में पिरोया है.
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दरअसल, हल्द्वानी के रहने वाले प्रेम सिंह जीना लद्दाख से आर्टिकल 370 हटाए जाने और केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने पर बेहद खुश हैं. रिटायर्ड प्रोफेसर प्रेम सिंह जीना का लेह लद्दाख से खास लगाव भी रहा है. उन्होंने लद्दाख में प्रोफेसर रहते हुए लद्दाख को नजदीक से देखा और उस पर करीब 35 पुस्तकें हिंदी और अंग्रेजी में लिख डालीं.
आइए जानते हैं कौन है प्रेम सिंह जीना...
जिले के पीली कोठी निवासी पूर्व प्रोफेसर प्रेम सिंह जीना सन 1981 में इंस्टिट्यूट ऑफ बुद्धिस्ट डीम्ड यूनिवर्सिटी लेह में प्रवक्ता पद पर नियुक्ति हुए थे. अपने 37 साल की नौकरी में प्रोफेसर जीना ने लद्दाख पर 35 किताबें लिख डाली हैं. यह किताबें लद्दाख की संस्कृति, धर्म, पर्यटन, शिक्षा, मौसम और कई अन्य विषयों पर आधारित है.
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प्रोफेसर जीना की प्रकाशित पुस्तकें
प्रेम सिंह जीना ने वैसे तो 35 किताबों में लद्दाख का बखान किया है. लेकिन इनकी किताबों से कुछ खास किताबें "रिसर्च ऑन द हिमालय लद्दाख", "लैंड एंड पीपल", "चेंजिंग फेस आफ लद्दाख", "लद्दाख पीपुल", हेरिटेज ऑफ लद्दाख शामिल हैं. लद्दाख के बारे में सोचना मुश्किल होता है, लिहाजा 2019 में बदलते लद्दाख को उन्होंने अपनी सोच के जरिए किताबों में उतारा है. जब केंद्र सरकार ने आर्टिकल 370 हटा कर अलग राज्य बनाने की घोषणा की तो प्रोफेसर जीना बेहद खुश नजर आए. प्रोफेसर जीना का कहना है कि केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद लेह लद्दाख में बहुत कुछ बदलाव आ सकेगा. इस राज्य की एक अलग तस्वीर उभर कर सामने आएगी, जो लेह लद्दाख के लिए मील का पत्थर साबित होगा.
बता दें कि लद्दाख आज भी रिटायर प्रोफेसर जीना के मन में बसा हुआ है. उन्होंने बताया कि उनके पढ़ाए विद्यार्थी आज मौजूदा सांसद सहित कई राजनीति में बहुत ऊपर हैं. उनके मुताबिक केंद्र शासित प्रदेश बनने की वजह से लद्दाख में एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा. लिहाजा उनकी लिखी हुई किताबों के जरिए आम जनता लेह लद्दाख को समझने का प्रयास कर सकेगी.
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वहीं, प्रोफेसर जीना की पत्नी मंजू जीना बताती हैं कि लेह लद्दाख के हालातों को समझना बहुत मुश्किल था. शादी के बाद कुछ समय तक वह लद्दाख में अपने पति के साथ रहीं. उनकी हौसला अफजाई के चलते प्रोफेसर जीना को हौसला मिलता था और एक के बाद एक उन्होंने लद्दाख के ऊपर 35 किताबें हिंदी और अंग्रेजी में लिखीं.
प्रेम सिंह जीना रिटायर होने के बाद भी लद्दाख की यादों, वर्तमान घटनाओं को अपनी लेखिनी के जरिए किताबों में समेट ने का प्रयास कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने यह भी उम्मीद जताई है कि अब केंद्र शासित प्रदेश बनने से लेह लद्दाख में काफी बदलाव देखने को मिलेगा.