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उत्तराखंड में पहाड़ से लेकर मैदान तक सब बेहाल, खेतों में खड़ी फसल गिरी, किसान परेशान

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Published : Apr 18, 2019, 8:26 PM IST

देवभूमि में आंधी-बारिश से खेतों में खड़ी गेहूं की फसल को भारी नुकसान हुआ है. जिससे किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं.

बारिश से फसलों को नुकसान.

डोइवाला/टिहरी/खटीमा/सोमेश्वर/उधम सिंह नगर/पौड़ी/ऋषिकेश/हल्द्वानी: देवभूमि में आंधी-बारिश से खेतों में खड़ी गेहूं की फसल को भारी नुकसान हुआ है. जिससे किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं. किसानों का कहना है बारिश के कारण गेहूं की गुणवत्ता पर असर पड़ेगा. दाने के रंग और स्वाद में अंतर आएगा. जिसके चलते बाजार में दाम भी कम मिलेंगे. वहीं, आंधी-बारिश का असर आम और लीची पर भी देखने को मिल रहा है.

बारिश से फसलों को नुकसान.

आंधी-बारिश के चलते हुए नुकसान को लेकर डोईवाला कर्षि अधिकारी इंदु गोदियाल ने बताया कि बेमौसम की बारिश से गेंहू की फसल को नुकसान पहुंचा है. क्षेत्र में टीम द्वारा नुकसान का आंकलन किया जा रहा है. इंदू ने कहा कि अगर दोबारा बारिश होती है तो फसल गिर जायगी और किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा.

बारिश के चलते नई टिहरी शहर में ठंड बढ़ गई है और लोगों ने गर्म कपड़ों का सहारा लेना शुरू कर दिया है. बारिश के कारण दोपहिया वाहन चालकों और पैदल चलने वाले राहगीरों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि बारिश के कारण लोग घरों से निकल नहीं पा रहे हैं. इसलिए दुकानदारी पर भी इसका काफी प्रभाव पड़ रहा है.

खटीमा के नानकमत्ता और सितारगंज तहसील क्षेत्र में बारिश के कारण से गेहूं और मेंथा के फसल को काफी नुकसान हुआ है. पीड़ित किसानों का कहना है कि तीन दिन से रुक-रुककर हो रही बारिश से खेतों में खड़ी गेहूं और मेंथा की फसल गिर गयी है. अगर बारिश लगातार जारी रही तो बची हुई फसल भी खराब हो जाएगी. जिससे छोटे किसानों के आगे भुखमरी की स्थिति पैदा हो जाएगी.

वहीं, एसडीएम निर्मला बिष्ट ने कहा की राजस्व विभाग की टीम भेजकर फसल खराब होने से किसानों के नुकसान का आंकलन कर जिला प्रशासन को रिपोर्ट भेजी जायेगी. ताकि किसानों को जल्द सरकारी मदद मिल सके.

सोमेश्वर और कौसानी में भी लगातार हो रही बारिश के कारण किसानों को गेहूं और जौ की तैयार फसल के खराब होने का भी डर सता रहा है. बागवानी, साग सब्जियों और असिंचित जमीन की फसलों के लिए ये बारिश लाभकारी मानी जा रही है. इसके अलावा बारिश के चलते प्राकृतिक जलस्रोतों के रिचार्ज होने की भी उम्मीदें हैं.

उधम सिंह नगर में तेज हवा के साथ बारिश ने गेहूं की फसल को भारी नुकसान पहुंचाया है. बारिश ने किसानों की सैकड़ो एकड़ गेहूं की फ़सल को बरबाद कर कर दिया है. किसानों की मानें तो किसान पहले से ही कर्ज के तले दबे हुए हैं. जिससे किसानों के सामने आत्महत्या करने की नौबत आ गई है.

वहीं, पौड़ी में बारिश के बाद तापमान में गिरावट आई है. स्थानीय लोगों का कहना है कि बारिश के बाद मौसम काफी खुशनुमा हो गया है. गर्मी से काफी राहत मिली है. साथ ही लोगों ने कहा कि दूरस्थ क्षेत्रों से पौड़ी आने-जाने वाले लोगों को समय पर आवाजाही के लिए गाड़ियां नहीं मिल पा रही है. जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

हल्द्वानी और आसपास के क्षेत्रों में बारिश के कारण गेहूं की फसल बर्बादी के कगार पर पहुंच गई है. साथ ही आम और लीची की फसल पर भी प्रभाव पड़ रहा है. जिसके चलते किसानों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. अगर बारिश इसी तरह जारी रही तो फसल पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगी.

ऋषिकेश में मौसम में हुए बदलाव का किसानों पर भारी असर हुआ है. बारिश के कारण गेहूं की फसल नमी के कारण खराब होने लगी है. साथ ही फसल पूरी तरह से आड़ी हो गई है. जिससे किसानों की परेशानी बढ़ गई है.

डोइवाला/टिहरी/खटीमा/सोमेश्वर/उधम सिंह नगर/पौड़ी/ऋषिकेश/हल्द्वानी: देवभूमि में आंधी-बारिश से खेतों में खड़ी गेहूं की फसल को भारी नुकसान हुआ है. जिससे किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं. किसानों का कहना है बारिश के कारण गेहूं की गुणवत्ता पर असर पड़ेगा. दाने के रंग और स्वाद में अंतर आएगा. जिसके चलते बाजार में दाम भी कम मिलेंगे. वहीं, आंधी-बारिश का असर आम और लीची पर भी देखने को मिल रहा है.

बारिश से फसलों को नुकसान.

आंधी-बारिश के चलते हुए नुकसान को लेकर डोईवाला कर्षि अधिकारी इंदु गोदियाल ने बताया कि बेमौसम की बारिश से गेंहू की फसल को नुकसान पहुंचा है. क्षेत्र में टीम द्वारा नुकसान का आंकलन किया जा रहा है. इंदू ने कहा कि अगर दोबारा बारिश होती है तो फसल गिर जायगी और किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा.

बारिश के चलते नई टिहरी शहर में ठंड बढ़ गई है और लोगों ने गर्म कपड़ों का सहारा लेना शुरू कर दिया है. बारिश के कारण दोपहिया वाहन चालकों और पैदल चलने वाले राहगीरों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि बारिश के कारण लोग घरों से निकल नहीं पा रहे हैं. इसलिए दुकानदारी पर भी इसका काफी प्रभाव पड़ रहा है.

खटीमा के नानकमत्ता और सितारगंज तहसील क्षेत्र में बारिश के कारण से गेहूं और मेंथा के फसल को काफी नुकसान हुआ है. पीड़ित किसानों का कहना है कि तीन दिन से रुक-रुककर हो रही बारिश से खेतों में खड़ी गेहूं और मेंथा की फसल गिर गयी है. अगर बारिश लगातार जारी रही तो बची हुई फसल भी खराब हो जाएगी. जिससे छोटे किसानों के आगे भुखमरी की स्थिति पैदा हो जाएगी.

वहीं, एसडीएम निर्मला बिष्ट ने कहा की राजस्व विभाग की टीम भेजकर फसल खराब होने से किसानों के नुकसान का आंकलन कर जिला प्रशासन को रिपोर्ट भेजी जायेगी. ताकि किसानों को जल्द सरकारी मदद मिल सके.

सोमेश्वर और कौसानी में भी लगातार हो रही बारिश के कारण किसानों को गेहूं और जौ की तैयार फसल के खराब होने का भी डर सता रहा है. बागवानी, साग सब्जियों और असिंचित जमीन की फसलों के लिए ये बारिश लाभकारी मानी जा रही है. इसके अलावा बारिश के चलते प्राकृतिक जलस्रोतों के रिचार्ज होने की भी उम्मीदें हैं.

उधम सिंह नगर में तेज हवा के साथ बारिश ने गेहूं की फसल को भारी नुकसान पहुंचाया है. बारिश ने किसानों की सैकड़ो एकड़ गेहूं की फ़सल को बरबाद कर कर दिया है. किसानों की मानें तो किसान पहले से ही कर्ज के तले दबे हुए हैं. जिससे किसानों के सामने आत्महत्या करने की नौबत आ गई है.

वहीं, पौड़ी में बारिश के बाद तापमान में गिरावट आई है. स्थानीय लोगों का कहना है कि बारिश के बाद मौसम काफी खुशनुमा हो गया है. गर्मी से काफी राहत मिली है. साथ ही लोगों ने कहा कि दूरस्थ क्षेत्रों से पौड़ी आने-जाने वाले लोगों को समय पर आवाजाही के लिए गाड़ियां नहीं मिल पा रही है. जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

हल्द्वानी और आसपास के क्षेत्रों में बारिश के कारण गेहूं की फसल बर्बादी के कगार पर पहुंच गई है. साथ ही आम और लीची की फसल पर भी प्रभाव पड़ रहा है. जिसके चलते किसानों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. अगर बारिश इसी तरह जारी रही तो फसल पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगी.

ऋषिकेश में मौसम में हुए बदलाव का किसानों पर भारी असर हुआ है. बारिश के कारण गेहूं की फसल नमी के कारण खराब होने लगी है. साथ ही फसल पूरी तरह से आड़ी हो गई है. जिससे किसानों की परेशानी बढ़ गई है.

Intro:uk-doiwala-pritam singh- बे मौसम की बारिश से किसानों की गेहूं की फसल खराब होने के कगार पर ।

आँधी तूफान के बाद रुक रुक कर हो रही बे मौसमी बारीश से किसान गेहूं की फसल को लेकर चिंतित दिखाई दे रहे है । गेंहू की फसल पककर तैयार है किसान गेंहू की फसल को काटने का इंतजार कर रहे है लेकिन मोसम के करवट लेने से किसान गेहूं की फसल को काटने में डर रहे है । वही आंधी ओर तूफान से गेहूं की फसल गिर गई जिससे गेहू के उत्पादन पर फर्क पड़ेगा तो वही उद्यान पर भी नुकसान देखने को मिल रहा है । आम लीची पर फूल आ रखा है और तूफान से फूल झड़कर गिर रहा है ।


Body:डोईवाला कर्षि अधिकारी इंदु गोदियाल ने बताया कि बे मोसम की बारिश से गेंहू की फसल को नुकसान पहुँचा है और छेत्र में जाकर टीम द्वारा नुकसान का आँकलन किया जा रहा है । वही कर्षि अधिकारी इंदू गोदियाल ने बताया कि डोईवाला में गेंहू की खेती मुख्य फसल के रूप में होती है और इस समय गेहूं की फसल कटने के लिए तैयार है अगर दोबारा बारिश या तूफान आता है तो फसल गिर जायगी ओर किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा ।
वही किसान भी अपनी फसलो को लेकर चिंतित दिखाई दे रहे है । किसानों का कहना है कि कुछ दिनों पहने आये तूफान से फसलें गिर गई और किसानों को भारी नुकसान हुआ है ।


Conclusion:दो दिनों की बारिश से जहाँ लोगो को गर्मी से राहत भले ही मिली हो लेकिन इस बारिश से किसानों के माथे पर बल पड़ने लगे है कियोकि साल भर की मेहनत और भारी खर्च करने के बाद अब किसानों को अनाज का सहारा होता है । जिसका किसान एक साल तक इंतजार करता है । लेकिन अब किसान मोसम के साफ होने का इंतजार कर रहा है जिससे अपनी मेहनत से तैयार फसल को घर तक ले जा सके ।

बाईट किसान ओम प्रकाश काम्बोज कुर्ते पजामे में
बाईट इंदु गोदियाल कर्षि अधिकारी डोईवाला
पीटीसी
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