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पूर्व समाज कल्याण अधिकारी के खिलाफ विजिलेंस ने किया मुकदमा दर्ज

पूर्व समाज कल्याण अधिकारी एन के सिंह देहरादून में साल 2005 से 2009 तक समाज कल्याण अधिकारी रहे थे. 2016 में आरटीआई कार्यकर्ता अजय शर्मा ने अनुसूचित जाति और जनजाति अवस्थापना फंड के तहत खर्च की गई धनराशि की जानकारी मांगी थी.

मुकदमा दर्ज
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Published : Sep 1, 2021, 12:30 PM IST

देहरादून: विजिलेंस ने पूर्व समाज कल्याण अधिकारी के खिलाफ साल 2016 में अनुसूचित जाति और जनजाति अवस्थापना फंड का दुरुपयोग के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है. हालांकि, पूर्व समाज कल्याण अधिकारी के विभागीय जांच में आरोप को क्लीनचिट मिल गई थी. वहीं, पूर्व समाज कल्याण अधिकारी का कहना है कि एक तरफा जांच में यह मुकदमा दर्ज किया गया है.

बता दें कि पूर्व समाज कल्याण अधिकारी एन के सिंह देहरादून में साल 2005 से 2009 तक समाज कल्याण अधिकारी रहे थे. 2016 में आरटीआई कार्यकर्ता अजय शर्मा ने अनुसूचित जाति और जनजाति अवस्थापना फंड के तहत खर्च की गई धनराशि की जानकारी मांगी थी. आरटीआई के तहत अधिकारी पर रुपयों का दुरुपयोग के आरोप लगे थे. उसके बाद अधिकारी के खिलाफ विभागीय जांच की गई तो वह निर्दोष पाए गए. इसके बाद शासन ने अधिकारी पर आय सम्पत्ति रखने के मामले में विजिलेंस जांच कराने के आदेश दिए थे.

पढ़ें- अटल उत्कृष्ट विद्यालयों की कार्यप्रणाली पर कांग्रेस विधायक ने उठाये सवाल

वहीं, पूर्व समाज कल्याण अधिकारी एन के सिंह का कहना है की विजिलेंस द्वारा मेरे लॉकर आदि को खोलकर नहीं देखा गया है, एक तरफा जांच में यह मुकदमा दर्ज किया गया है. विजिलेंस के अधिकारियों सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार खुली जांच में समाने आया है कि पूर्व समाज कल्याण अधिकारी ने आय से अधिक सम्पत्ति बनाई है, इसके बाद शासन को रिपोर्ट भेजी गई थी. शासन से अनुमति मिलने के बाद ही मुकदमा दर्ज कराया गया है.

देहरादून: विजिलेंस ने पूर्व समाज कल्याण अधिकारी के खिलाफ साल 2016 में अनुसूचित जाति और जनजाति अवस्थापना फंड का दुरुपयोग के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है. हालांकि, पूर्व समाज कल्याण अधिकारी के विभागीय जांच में आरोप को क्लीनचिट मिल गई थी. वहीं, पूर्व समाज कल्याण अधिकारी का कहना है कि एक तरफा जांच में यह मुकदमा दर्ज किया गया है.

बता दें कि पूर्व समाज कल्याण अधिकारी एन के सिंह देहरादून में साल 2005 से 2009 तक समाज कल्याण अधिकारी रहे थे. 2016 में आरटीआई कार्यकर्ता अजय शर्मा ने अनुसूचित जाति और जनजाति अवस्थापना फंड के तहत खर्च की गई धनराशि की जानकारी मांगी थी. आरटीआई के तहत अधिकारी पर रुपयों का दुरुपयोग के आरोप लगे थे. उसके बाद अधिकारी के खिलाफ विभागीय जांच की गई तो वह निर्दोष पाए गए. इसके बाद शासन ने अधिकारी पर आय सम्पत्ति रखने के मामले में विजिलेंस जांच कराने के आदेश दिए थे.

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वहीं, पूर्व समाज कल्याण अधिकारी एन के सिंह का कहना है की विजिलेंस द्वारा मेरे लॉकर आदि को खोलकर नहीं देखा गया है, एक तरफा जांच में यह मुकदमा दर्ज किया गया है. विजिलेंस के अधिकारियों सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार खुली जांच में समाने आया है कि पूर्व समाज कल्याण अधिकारी ने आय से अधिक सम्पत्ति बनाई है, इसके बाद शासन को रिपोर्ट भेजी गई थी. शासन से अनुमति मिलने के बाद ही मुकदमा दर्ज कराया गया है.

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