देहरादून/दिल्ली: आज दिल्ली में कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की महत्वपूर्ण बैठक है. कांग्रेस के उम्मीदवारों की घोषणा मकर संक्रांति यानी 14 जनवरी के बाद कभी भी हो सकती है. ऐसे में आज कांग्रेस केंद्रीय स्क्रीनिंग कमेटी की दिल्ली में अहम बैठक होने जा रही है. उम्मीद की जा रही है कि आज की बैठक के बाद कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के लिए अपनी पहली लिस्ट आज देर शाम ही केंद्रीय चुनाव समिति को सौंप सकती है.
कांग्रेस में 500 दावेदारों ने दिया है इंटरव्यू: इस बार कांग्रेस ने मनमर्जी से टिकट नहीं बांटे हैं. इसके लिए एक सेटअप बनाया है. पार्टी ने स्क्रीनिंग कमेटी के माध्यम से टिकट की इच्छा रखने वाले दावेदारों के बाकायदा इंटरव्यू लिए हैं. संबंधित दावेदार की पूरी कुंडली खंगाली गई है. स्क्रीनिंग कमेटी के हेड अविनाश पांडे ने ये इंटरव्यू लिए हैं.
एक परिवार एक टिकट फॉर्मूला: पार्टी के ज्यादा से ज्यादा समर्पित कार्यकर्ताओं को टिकट मिले इसके लिए इस बार कांग्रेस हाईकमान ने एक परिवार एक टिकट का फॉर्मूला अपनाया है. बताया जा रहा है कि शुरुआती नाराजगी के बाद प्रदेश स्तर पर शीर्ष नेता भी इस फार्मूले पर सहमत हो गए हैं.
हरीश रावत के घर से आई थी तीन टिकटों की मांग: दरअसल कांग्रेस अभी तक परिवारवाद पर चलती आई है. पिछले चुनावों तक पार्टी के वरिष्ठ और महत्वपूर्ण पदों पर रहे नेता अपने परिवार के लोगों और चहेतों को टिकट दिलवा देते थे. इस बार राहुल गांधी सख्ती से एक परिवार एक टिकट के फॉर्मूले पर अड़े हैं. हरीश रावत के परिवार से उनकी बेटी और दो बेटों ने भी टिकट मांगा है.
उधर यशपाल आर्य भी अपने बेटे संजीव आर्य के लिए टिकट चाहते हैं. बताया जाता है कि बीजेपी भी इस बार संजीव आर्य को टिकट नहीं दे रही थी. इसी कारण यशपाल आर्य और उनके बेटे संजीव आर्य ने बीजेपी को छोड़कर कांग्रेस में वापसी की थी. लेकिन अब कांग्रेस हाईकमान के एक परिवार एक टिकट से यशपाल आर्य भी खुद को ठगा महसूस कर रहे होंगे.
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45 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा संभव: कांग्रेस अपनी पहली लिस्ट में 45 से 50 सीटों के उम्मीदवार घोषित कर सकती है. पार्टी में इन सीटों पर पूर्व सीएम हरीश रावत, प्रदेश अध्यक्ष गोदियाल और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह के बीच कोई विरोध नहीं है. इन सीटों पर प्रस्तावित नामों पर तीनों ही नेता सहमत हैं. बाकी 20 से 25 सीटों पर कुछ मतभेद बताए जा रहे हैं. कुछ जगहों पर नए लोगों के कांग्रेस में शामिल होने से टिकट पर पुनर्विचार होना है.