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फर्जी प्रदूषण जांच सर्टिफिकेट मिलने से अधिकारियों के उड़े होश, जांच केंद्र पहुंची टीम - देहरादून परिवहन आयुक्त कार्यालय

रायपुर में एक ऑटो रिक्शा का प्रदूषण जांच सर्टिफिकेट चेक किया गया तो सर्टिफिकेट पूरी तरह फर्जी निकला, जिसे देख कर परिवहन विभाग के प्रवर्तन टीम अधिकारियों के होश उड़ गए. मामले में टीम लालपुर स्थित सागर प्रदूषण जांच केंद्र पहुंची. जहां से फर्जी सर्टिफिकेट जारी किया गया था.

देहरादून
फर्जी प्रदूषण जांच सर्टिफिकेट मामला
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Published : Nov 4, 2020, 10:16 PM IST

देहरादून: परिवहन विभाग की प्रवर्तन टीम ने राजधानी में विशेष चेकिंग अभियान चलाया, इस दौरान एक बेहद चौकाने वाली बात सामने आई. दरअसल प्रवर्तन टीम ने जब रायपुर में एक ऑटो रिक्शा का प्रदुषण सर्टिफिकेट चेक किया गया तो सर्टिफिकेट पूरी तरह फर्जी निकला, जिसे देख कर विभागीय अधिकारियों के भी होश उड़ गए.

बता दें कि प्रदूषण सर्टिफिकेट फर्जी होने का पता तब चला, जब परिवहन विभाग के प्रवर्तन टीम ने अपने सॉफ्टवेर में संबंधित प्रदूषण जांच सर्टिफिकेट की पड़ताल की. उसके बाद टीम लालपुर स्थित सागर प्रदूषण जांच केंद्र पहुंची. जहां से फर्जी सर्टिफिकेट जारी किया गया था. इस दौरान जब विभागीय अधिकारियों ने सर्टिफिकेट में लिखी गई तारीख और वाहन संख्या को प्रदूषण जांच केंद्र के रजिस्टर में चेक किया तो रजिस्टर में संबंधित वाहन से जुड़ी कोई एंट्री नहीं मिली. जिसके बाद परिवहन विभाग की टीम ने प्रदूषण जांच केंद्र के रजिस्टर को कब्जे में ले लिया.

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वहीं, विभागीय अधिकारियों ने कहा है कि संबंधित प्रदूषण जांच केंद्र को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा. साथ ही इस पूरे प्रकरण की जानकारी परिवहन आयुक्त कार्यालय को भी दी जाएगी. ताकि प्रदूषण जांच सर्टिफिकेट में फर्जीवाड़ा करने वाले प्रदूषण जांच केंद्र पर कड़ी कार्रवाई की जा सके.

देहरादून: परिवहन विभाग की प्रवर्तन टीम ने राजधानी में विशेष चेकिंग अभियान चलाया, इस दौरान एक बेहद चौकाने वाली बात सामने आई. दरअसल प्रवर्तन टीम ने जब रायपुर में एक ऑटो रिक्शा का प्रदुषण सर्टिफिकेट चेक किया गया तो सर्टिफिकेट पूरी तरह फर्जी निकला, जिसे देख कर विभागीय अधिकारियों के भी होश उड़ गए.

बता दें कि प्रदूषण सर्टिफिकेट फर्जी होने का पता तब चला, जब परिवहन विभाग के प्रवर्तन टीम ने अपने सॉफ्टवेर में संबंधित प्रदूषण जांच सर्टिफिकेट की पड़ताल की. उसके बाद टीम लालपुर स्थित सागर प्रदूषण जांच केंद्र पहुंची. जहां से फर्जी सर्टिफिकेट जारी किया गया था. इस दौरान जब विभागीय अधिकारियों ने सर्टिफिकेट में लिखी गई तारीख और वाहन संख्या को प्रदूषण जांच केंद्र के रजिस्टर में चेक किया तो रजिस्टर में संबंधित वाहन से जुड़ी कोई एंट्री नहीं मिली. जिसके बाद परिवहन विभाग की टीम ने प्रदूषण जांच केंद्र के रजिस्टर को कब्जे में ले लिया.

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वहीं, विभागीय अधिकारियों ने कहा है कि संबंधित प्रदूषण जांच केंद्र को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा. साथ ही इस पूरे प्रकरण की जानकारी परिवहन आयुक्त कार्यालय को भी दी जाएगी. ताकि प्रदूषण जांच सर्टिफिकेट में फर्जीवाड़ा करने वाले प्रदूषण जांच केंद्र पर कड़ी कार्रवाई की जा सके.

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