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दून में खुलेगी प्रीतम की 'जागर ढोल सागर इंटरनेशनल एकेडमी', 17 अक्टूबर को CM करेंगे शुभारंभ

जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण ने देहरादून में 'जागर ढोल सागर इंटरनेशनल एकेडमी' शुरू करने की घोषणा की है. 17 अक्टूबर को सीएम पुष्कर सिंह धामी एकेडमी का शुभारंभ करेंगे. एकेडमी में देश और प्रदेश से आए इच्छुक छात्र-छात्राओं को निशुल्क प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा.

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देहरादून
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Published : Oct 14, 2021, 4:06 PM IST

Updated : Oct 14, 2021, 4:11 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड में पारंपरिक और धार्मिक अनुष्ठानों के रूप में गाए जाने वाले जागर को दुनियाभर के मंचों तक पहुंचाने वाले जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण ने देहरादून में 'जागर ढोल सागर इंटरनेशनल एकेडमी' शुरू करने की घोषणा की है.

एकेडमी खुलने से लोक संगीत, पारंपरिक ढोल दमाऊ, हुड़का, डोर आदि में रुचि रखने वाले छात्र-छात्राओं और शोधार्थियों को उत्तराखंडी लोक संस्कृति को जानने व समझने का मौका मिलेगा. प्रीतम भरतवाण 'जागर ढोल सागर इंटरनेशनल एकेडमी' से प्रशिक्षण लेने के इच्छुक छात्र-छात्राएं ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. पद्मश्री जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण ने बताया कि लोक संस्कृति, जागर, ढोल सागर जैसी विधाओं को बचाने के लिए इस एकेडमी को शुरू करने का निर्णय लिया गया है, जिसका शुभारंभ आगामी 17 अक्टूबर को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी करेंगे.

जागर ढोल सागर इंटरनेशनल एकेडमी

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शेरदास और कमल दास होंगे सम्मानितः प्रीतम भरतवाण ने बताया कि एकेडमी में देश और प्रदेश से आए इच्छुक छात्र-छात्राओं को निशुल्क प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा. प्रीतम भरतवाण ने बताया कि इस मौके पर ढोल सागर के कलाकारों को सम्मानित भी किया जाएगा. साथ ही आगामी 17 अक्टूबर को एकेडमी के शुभारंभ के मौके पर ढोल कला विरासत को संजोने वाले 107 वर्षीय ढोल सागर ज्ञाता शेरदास व 81 वर्षीय कलम दास जैसे अन्य कलावंतों को भी सम्मानित किया जाएगा.

ऑनलाइन करें आवेदनः प्रीतम भरतवाण जागर ढोल सागर इंटरनेशनल एकेडमी में प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल होने के इच्छुक छात्र-छात्राएं निशुल्क प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं. एकेडमी में प्रवेश के लिए ऑनलाइन jaagardholsaagar@gmail.com पर आवेदन कर सकते हैं. बता दें कि उत्तराखंड के प्रत्येक जिले और गांव में लोग अपने-अपने आराध्य देवताओं के दर्शन पा सकें इसके लिए पूजा पाठ का आयोजन किया जाता है. ऐसी मान्यता है कि जागर का देवताओं पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है.

ये भी पढ़ेंः मां सुरेश्वरी देवी की महिमा है अपार, कष्ट हरतीं, सुख देतीं बारंबार

ऐसे में पद्मश्री से नवाजे गए प्रीतम भरतवाण उत्तराखंड के ऐसे अकेले ऐसे गायक हैं, जिनकी आवाज से देवता भी पवित्र व्यक्ति पर अवतरित हो जाते हैं. ऐसे में लोक संगीत, ढोल सागर, जागर जैसी पारंपरिक लोक संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए प्रीतम भरतवाण ने जागर ढोल सागर इंटरनेशनल एकेडमी शुरू करने की घोषणा की है.

देहरादूनः उत्तराखंड में पारंपरिक और धार्मिक अनुष्ठानों के रूप में गाए जाने वाले जागर को दुनियाभर के मंचों तक पहुंचाने वाले जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण ने देहरादून में 'जागर ढोल सागर इंटरनेशनल एकेडमी' शुरू करने की घोषणा की है.

एकेडमी खुलने से लोक संगीत, पारंपरिक ढोल दमाऊ, हुड़का, डोर आदि में रुचि रखने वाले छात्र-छात्राओं और शोधार्थियों को उत्तराखंडी लोक संस्कृति को जानने व समझने का मौका मिलेगा. प्रीतम भरतवाण 'जागर ढोल सागर इंटरनेशनल एकेडमी' से प्रशिक्षण लेने के इच्छुक छात्र-छात्राएं ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. पद्मश्री जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण ने बताया कि लोक संस्कृति, जागर, ढोल सागर जैसी विधाओं को बचाने के लिए इस एकेडमी को शुरू करने का निर्णय लिया गया है, जिसका शुभारंभ आगामी 17 अक्टूबर को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी करेंगे.

जागर ढोल सागर इंटरनेशनल एकेडमी

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शेरदास और कमल दास होंगे सम्मानितः प्रीतम भरतवाण ने बताया कि एकेडमी में देश और प्रदेश से आए इच्छुक छात्र-छात्राओं को निशुल्क प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा. प्रीतम भरतवाण ने बताया कि इस मौके पर ढोल सागर के कलाकारों को सम्मानित भी किया जाएगा. साथ ही आगामी 17 अक्टूबर को एकेडमी के शुभारंभ के मौके पर ढोल कला विरासत को संजोने वाले 107 वर्षीय ढोल सागर ज्ञाता शेरदास व 81 वर्षीय कलम दास जैसे अन्य कलावंतों को भी सम्मानित किया जाएगा.

ऑनलाइन करें आवेदनः प्रीतम भरतवाण जागर ढोल सागर इंटरनेशनल एकेडमी में प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल होने के इच्छुक छात्र-छात्राएं निशुल्क प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं. एकेडमी में प्रवेश के लिए ऑनलाइन jaagardholsaagar@gmail.com पर आवेदन कर सकते हैं. बता दें कि उत्तराखंड के प्रत्येक जिले और गांव में लोग अपने-अपने आराध्य देवताओं के दर्शन पा सकें इसके लिए पूजा पाठ का आयोजन किया जाता है. ऐसी मान्यता है कि जागर का देवताओं पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है.

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ऐसे में पद्मश्री से नवाजे गए प्रीतम भरतवाण उत्तराखंड के ऐसे अकेले ऐसे गायक हैं, जिनकी आवाज से देवता भी पवित्र व्यक्ति पर अवतरित हो जाते हैं. ऐसे में लोक संगीत, ढोल सागर, जागर जैसी पारंपरिक लोक संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए प्रीतम भरतवाण ने जागर ढोल सागर इंटरनेशनल एकेडमी शुरू करने की घोषणा की है.

Last Updated : Oct 14, 2021, 4:11 PM IST
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