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उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र की अधिसूचना जारी, 7 जनवरी को बुलाया गया सत्र - ,एसटी-एससी आरक्षण एक्ट लेटेस्ट न्यूज

7 जनवरी को विधानसभा के विशेष सत्र के लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है. विधानसभा में एसटी-एससी आरक्षण एक्ट को पास करवाने को लेकर ये विशेष सत्र बुलाया जा रहा है.

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उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र की अधिसूचना जारी,
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Published : Dec 27, 2019, 10:09 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड सरकार आगामी 7 जनवरी को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने जा रही है. जिसके लिए शुक्रवार को अधिसूचना जारी कर दी गई. 7 जनवरी को सुबह 11 बजे सत्र की शुरुआत होगी. विधानसभा सचिव जगदीश चंद ने बताया 7 जनवरी को एसटी-एससी आरक्षण एक्ट को लेकर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है. केंद्र सरकार पहले ही लोकसभा और राज्यसभा में एसटी-एससी आरक्षण एक्ट को पास करवा चुकी है.

बता दें कि एसटी-एससी आरक्षण एक्ट में संशोधन करते हुए केंद्र सरकार इसे अगले 10 सालों तक और आगे बढ़ाना चाहती है. जिसे लेकर संशोधन विधेयक लोकसभा और राज्यसभा में पास हो चुका है. अब राज्य की विधानसभाओं की बारी है, जिसे देखते हुए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जा रहा है. साल 2010 में अनुसूचित जाति जनजाति आरक्षण अधिनियम को 25 जनवरी 2020 तक प्रभावी किया गया, लेकिन अब केंद्र सरकार इसे 10 साल और आगे बढ़ाना चाहती है.

यही वजह है कि संशोधित विधेयक को जल्द से जल्द राज्यों की विधानसभा में भी पास करवाना जरूरी है. अगर राज्यों से विधेयक को पास होने में देरी होती है तो 25 जनवरी 2020 के बाद इस एक्ट का कोई अस्तित्व नहीं रहेगा. बता दें इससे पहले विधानसभा का तीसरा सत्र चार दिसंबर को बुलाया गया था, जो 10 दिसंबर को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया था.

देहरादून: उत्तराखंड सरकार आगामी 7 जनवरी को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने जा रही है. जिसके लिए शुक्रवार को अधिसूचना जारी कर दी गई. 7 जनवरी को सुबह 11 बजे सत्र की शुरुआत होगी. विधानसभा सचिव जगदीश चंद ने बताया 7 जनवरी को एसटी-एससी आरक्षण एक्ट को लेकर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है. केंद्र सरकार पहले ही लोकसभा और राज्यसभा में एसटी-एससी आरक्षण एक्ट को पास करवा चुकी है.

बता दें कि एसटी-एससी आरक्षण एक्ट में संशोधन करते हुए केंद्र सरकार इसे अगले 10 सालों तक और आगे बढ़ाना चाहती है. जिसे लेकर संशोधन विधेयक लोकसभा और राज्यसभा में पास हो चुका है. अब राज्य की विधानसभाओं की बारी है, जिसे देखते हुए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जा रहा है. साल 2010 में अनुसूचित जाति जनजाति आरक्षण अधिनियम को 25 जनवरी 2020 तक प्रभावी किया गया, लेकिन अब केंद्र सरकार इसे 10 साल और आगे बढ़ाना चाहती है.

यही वजह है कि संशोधित विधेयक को जल्द से जल्द राज्यों की विधानसभा में भी पास करवाना जरूरी है. अगर राज्यों से विधेयक को पास होने में देरी होती है तो 25 जनवरी 2020 के बाद इस एक्ट का कोई अस्तित्व नहीं रहेगा. बता दें इससे पहले विधानसभा का तीसरा सत्र चार दिसंबर को बुलाया गया था, जो 10 दिसंबर को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया था.

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