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अनुच्छेद-370 पर भारी पड़ा '56 इंच' का सीना, पूरा हुआ मोदी का 'मिशन कश्मीर' - ETV Bharat News

मोदी सरकार द्वारा लिए गये इस फैसले में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 को हटा दिया गया है. यहां 370 के खंड ए को छोड़कर बाकी सभी खंडों को समाप्त करने का ऐलान किया गया है.  जिसके तहत जम्मू-कश्मीर राज्य को दो क्रेंद्र शासित प्रदेशों में बांटा गया है.

मोदी का 'मिशन कश्मीर'.
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Published : Aug 5, 2019, 11:18 PM IST

Updated : Aug 6, 2019, 12:02 AM IST

देहरादून: 5 अगस्त 2019 का दिन भारतीय इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया है. जम्मू कश्मीर पर मोदी सरकार के ऐतिहासिक फैसले के बाद देश भर में जश्न का माहौल है तो वहीं सियासी गलियों में भी इसे लेकर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. हर कोई अपने अपने तरीके से मोदी सरकार के इस फैसले पर बात कर रहा है.

मोदी का 'मिशन कश्मीर'
मोदी सरकार द्वारा लिए गये इस फैसले में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 को हटा दिया गया है. यहां 370 के खंड ए को छोड़कर बाकी सभी खंडों को समाप्त करने का ऐलान किया गया है. जिसके तहत जम्मू-कश्मीर राज्य को दो क्रेंद्र शासित प्रदेशों में बांटा गया है. जिनमें से एक जम्मू-कश्मीर और दूसरा लद्दाख है. अनुच्छेद-370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर से राज्य का दर्जा छीनने के बाद तमाम विशेषाधिकार छीन लिए गये हैं.

पढ़ें-अनुच्छेद 370: गदगद सीएम त्रिवेंद्र ने अमित शाह को बताया देश का दूसरा पटेल

सोमवार को अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक और जम्मू-कश्मीर आरक्षण दूसरा संशोधन बिल भी पेश किया. राज्यसभा में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक को पास कर दिया गया है. बिल के पक्ष में 125 वोट और 61 विपक्ष में वोट पड़े हैं जबकि एक सदस्य गैर हाजिर रहा. इस बिल में जम्मू कश्मीर से लद्दाख को अलग करने और दोनों को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा देने के प्रावधान शामिल हैं.

पढ़ें-अनुच्छेद 370: J&K में जन्मी शमीम काजमी बोलीं, फैसले से घाटी में शांति की उम्मीद

राज्यसभा में सोमवार को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पास किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉनफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला को पुलिस कस्टडी में ले लिया गया. रविवार देर रात इन दोनों नेताओं को नजरबंद किया गया था.राज्य से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के प्रस्ताव के बाद केंद्र सरकार ने यह कदम उठाया है.

देहरादून: 5 अगस्त 2019 का दिन भारतीय इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया है. जम्मू कश्मीर पर मोदी सरकार के ऐतिहासिक फैसले के बाद देश भर में जश्न का माहौल है तो वहीं सियासी गलियों में भी इसे लेकर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. हर कोई अपने अपने तरीके से मोदी सरकार के इस फैसले पर बात कर रहा है.

मोदी का 'मिशन कश्मीर'
मोदी सरकार द्वारा लिए गये इस फैसले में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 को हटा दिया गया है. यहां 370 के खंड ए को छोड़कर बाकी सभी खंडों को समाप्त करने का ऐलान किया गया है. जिसके तहत जम्मू-कश्मीर राज्य को दो क्रेंद्र शासित प्रदेशों में बांटा गया है. जिनमें से एक जम्मू-कश्मीर और दूसरा लद्दाख है. अनुच्छेद-370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर से राज्य का दर्जा छीनने के बाद तमाम विशेषाधिकार छीन लिए गये हैं.

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सोमवार को अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक और जम्मू-कश्मीर आरक्षण दूसरा संशोधन बिल भी पेश किया. राज्यसभा में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक को पास कर दिया गया है. बिल के पक्ष में 125 वोट और 61 विपक्ष में वोट पड़े हैं जबकि एक सदस्य गैर हाजिर रहा. इस बिल में जम्मू कश्मीर से लद्दाख को अलग करने और दोनों को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा देने के प्रावधान शामिल हैं.

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राज्यसभा में सोमवार को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पास किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉनफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला को पुलिस कस्टडी में ले लिया गया. रविवार देर रात इन दोनों नेताओं को नजरबंद किया गया था.राज्य से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के प्रस्ताव के बाद केंद्र सरकार ने यह कदम उठाया है.

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देहरादून: 5 अगस्त 2019 का दिन भारतीय इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया है.  जम्मू कश्मीर पर मोदी सरकार के ऐतिहासिक फैसले के बाद देश भर में जश्न का माहौल है तो वहीं सियासी गलियों में भी इसे लेकर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. हर कोई अपने अपने तरीके से मोदी सरकार के इस फैसले पर बात कर रहा है. 

मोदी सरकार द्वारा लिए गये इस फैसले में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 को हटा दिया गया है. यहां 370 के खंड ए को छोड़कर बाकी सभी खंडों को समाप्त करने का ऐलान किया गया है.  जिसके तहत जम्मू-कश्मीर राज्य को दो क्रेंद्र शासित प्रदेशों में बांटा गया है. जिनमें से एक जम्मू-कश्मीर और दूसरा लद्दाख है. अनुच्छेद-370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर से राज्य का दर्जा छीनने के बाद तमाम विशेषाधिकार छीन लिए गये हैं. 

सोमवार को अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक और जम्मू-कश्मीर आरक्षण दूसरा संशोधन बिल भी पेश किया. राज्यसभा में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक को पास कर दिया गया है. बिल के पक्ष में 125 वोट और 61 विपक्ष में वोट पड़े हैं जबकि एक सदस्य गैर हाजिर रहा. इस बिल में जम्मू कश्मीर से लद्दाख को अलग करने और दोनों को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा देने के प्रावधान शामिल हैं. 

राज्यसभा में सोमवार को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पास किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉनफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला को पुलिस कस्टडी में ले लिया गया. रविवार देर रात इन दोनों नेताओं को नजरबंद किया गया था.राज्य से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के प्रस्ताव के बाद केंद्र सरकार ने यह कदम उठाया है. 

 



अनुच्छेद-370 पर भारी पड़ा 56 इंच का सीना, पूरा हुआ मोदी का 'मिशन कश्मीर' 




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Last Updated : Aug 6, 2019, 12:02 AM IST
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