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त्रिवेंद्र सरकार के मंत्रियों में नहीं तालमेल, नया मामला फिर करवा रहा किरकिरी - Minister of Trivandra Government in dispute

त्रिवेंद्र सरकार में मंत्रियों का आपसी टकराव कोई नई बात नहीं है. चाहे बात मदन कौशिक और सतपाल महाराज के बीच अंदरूनी घमासान की हो या फिर प्रतिनियुक्ति को लेकर हरक सिंह रावत और अरविंद पांडेय के विरोधाभाषी बयानों की. ऐसे कई मामले हैं जब सरकार के मंत्रियों में तालमेल की कमी के कारण टकराव देखा गया.

त्रिवेंद्र सरकार के मंत्रियों में नहीं तालमेल
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Published : Oct 25, 2019, 11:12 PM IST

देहरादून: त्रिवेंद्र सरकार के मंत्रियों में आपसी तालमेल की कमी टकराव के हालात पैदा कर रही है. ताजा मामला वीर चंद्र सिंह गढ़वाली उत्तराखंड उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाए जाने से जुड़ा है. जिसमें विभागीय मंत्री को बताए बिना ही विश्वविद्यालय को लेकर कार्य योजना तैयार की गई.

त्रिवेंद्र सरकार में मंत्रियों का आपसी टकराव कोई नई बात नहीं है. चाहे बात मदन कौशिक और सतपाल महाराज के बीच अंदरूनी घमासान की हो या फिर प्रतिनियुक्ति को लेकर हरक सिंह रावत और अरविंद पांडेय के विरोधाभाषी बयानों की. ऐसे कई मामले हैं जब सरकार के मंत्रियों में तालमेल की कमी के कारण टकराव देखा गया. इस बार मुद्दा वीरचंद्र सिंह गढ़वाली उत्तराखंड उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय यानी भरसार विश्वविद्यालय से जुड़ा है.

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दरअसल, हाल में ही भरसार विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाए जाने की चर्चाएं जोरों पर रही. जानकारी मिली थी कि उच्च शिक्षा राज्य मंत्री धन सिंह रावत ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक से विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाए जाने को लेकर बात की है. हैरत की बात ये थी कि कृषि मंत्री सुबोध उनियाल को भरसार विश्वविद्यालय पर हो रही इस कार्य योजना की कोई जानकारी ही नहीं. जब मामला मीडिया में आया तो दोनों मंत्रियों के बीच टकराव जैसी स्थिति बन गई. हालांकि इसे लेकर मंत्रियों की तरफ से कोई बयान नहीं आए.

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विभागीय मंत्री सुबोध उनियाल को बताए बिना ही विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाए जाने की कार्य योजना तैयार करने से मंत्रियों के बीच तालमेल पर सवाल खड़े होना लाजमी है. हालांकि मामला बढ़ता देख उच्च शिक्षा राज्य मंत्री ने फौरन साफ किया कि उनके द्वारा केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री से प्राथमिकता के हिसाब से बात की गई है. इस मामले पर नीतिगत और सैद्धांतिक फैसला विभागीय मंत्री सुबोध उनियाल और केंद्रीय मंत्री ही करेंगे.

देहरादून: त्रिवेंद्र सरकार के मंत्रियों में आपसी तालमेल की कमी टकराव के हालात पैदा कर रही है. ताजा मामला वीर चंद्र सिंह गढ़वाली उत्तराखंड उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाए जाने से जुड़ा है. जिसमें विभागीय मंत्री को बताए बिना ही विश्वविद्यालय को लेकर कार्य योजना तैयार की गई.

त्रिवेंद्र सरकार में मंत्रियों का आपसी टकराव कोई नई बात नहीं है. चाहे बात मदन कौशिक और सतपाल महाराज के बीच अंदरूनी घमासान की हो या फिर प्रतिनियुक्ति को लेकर हरक सिंह रावत और अरविंद पांडेय के विरोधाभाषी बयानों की. ऐसे कई मामले हैं जब सरकार के मंत्रियों में तालमेल की कमी के कारण टकराव देखा गया. इस बार मुद्दा वीरचंद्र सिंह गढ़वाली उत्तराखंड उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय यानी भरसार विश्वविद्यालय से जुड़ा है.

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दरअसल, हाल में ही भरसार विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाए जाने की चर्चाएं जोरों पर रही. जानकारी मिली थी कि उच्च शिक्षा राज्य मंत्री धन सिंह रावत ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक से विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाए जाने को लेकर बात की है. हैरत की बात ये थी कि कृषि मंत्री सुबोध उनियाल को भरसार विश्वविद्यालय पर हो रही इस कार्य योजना की कोई जानकारी ही नहीं. जब मामला मीडिया में आया तो दोनों मंत्रियों के बीच टकराव जैसी स्थिति बन गई. हालांकि इसे लेकर मंत्रियों की तरफ से कोई बयान नहीं आए.

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विभागीय मंत्री सुबोध उनियाल को बताए बिना ही विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाए जाने की कार्य योजना तैयार करने से मंत्रियों के बीच तालमेल पर सवाल खड़े होना लाजमी है. हालांकि मामला बढ़ता देख उच्च शिक्षा राज्य मंत्री ने फौरन साफ किया कि उनके द्वारा केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री से प्राथमिकता के हिसाब से बात की गई है. इस मामले पर नीतिगत और सैद्धांतिक फैसला विभागीय मंत्री सुबोध उनियाल और केंद्रीय मंत्री ही करेंगे.

Intro:summary- त्रिवेंद्र सरकार के मंत्रियों में आपसी तालमेल की कमी टकराव के हालात पैदा कर रही है.. मामला वीर चंद्र सिंह गढ़वाली उत्तराखंड उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाए जाने से जुड़ा है..जिसमें विभागीय मंत्री को बताए बिना ही विश्वविद्यालय को लेकर कार्ययोजना तैयार की गई... जानिए क्या है ये पूरा मामला...


Body:त्रिवेंद्र सरकार में मंत्रियों का आपसी टकराव कोई नई बात नहीं है..चाहे बात मदन कौशिक और सतपाल महाराज के बीच अंदरूनी घमासान की हो, या फिर प्रतिनियुक्ति को लेकर हरक सिंह और अरविंद पांडेय के विरोधिभाषी बयानों की... ऐसे कई मामले हैं जहां कुछ खास मुद्दों को लेकर न केवल मंत्री बल्कि मुख्यमंत्री तक से टकराव की स्थिति बनती हुई दिखाई दी है.. इस बार मुद्दा वीरचंद्र सिंह गढ़वाली उत्तराखंड उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय यानी भरसार विश्वविद्यालय से जुड़ा है... दरअसल हाल ही में भरसार विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाए जाने की चर्चाएं जोरों पर रही.. जानकारी आई की उच्च शिक्षा राज्य मंत्री धन सिंह रावत ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक से विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाए जाने को लेकर बात की है... हैरत की बात यह थी कि कृषि मंत्री सुबोध उनियाल को भरसार विश्वविद्यालय पर हो रही इस कार्य योजना की कोई जानकारी ही नहीं दी गई.. मामला मीडिया में आया तो दोनों मंत्रियों के बीच टकराव जैसी स्थिति बन गई.. हालांकि इसको लेकर मंत्रियों की तरफ से कोई बयान नहीं आए.. लेकिन बिरहा विभागीय मंत्री सुबोध उनियाल को बताएं विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाए जाने की कार्य योजना तैयार करने से मंत्रियों के बीच तालमेल पर सवाल खड़े हो गए है.. हालांकि मामला बढ़ता देख उच्च शिक्षा राज्य मंत्री ने फौरन साफ किया की उनके द्वारा केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री से जो बात की गई है वह मात्र प्राथमिक बात है... जबकि नीतिगत और सैद्धांतिक फैसला इस पर नहीं हुआ है... उन्होंने कहा कि इस मामले में विभागीय मंत्री सुबोध उनियाल और केंद्रीय मंत्री भारत सरकार से भी बात की जाएगी।।

बाइट धन सिंह रावत उच्च शिक्षा राज्य मंत्री उत्तराखंड

कृषि मंत्री सुबोध उनियाल का मामले में कोई संज्ञान नहीं होने की बात कहना यह साफ कर गया कि त्रिवेंद्र सरकार के मंत्रियों में आपसी तालमेल ही रही है... यह भी चिंताजनक है कि विभागीय मंत्री को बताए बिना क्यों इस तरह की कार्य योजना को आगे बढ़ाने के लिए केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री से बात की गई। बहरहाल अब बाबला सुबोध उनियाल के भी संज्ञान में है ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि राज्य को प्रदेश का दूसरा केंद्रीय विश्वविद्यालय मिल पाएगा और आपसी तालमेल के साथ इस कार्य योजना को आगे बढ़ाया जाएगा।।।


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