देहरादून: त्रिवेंद्र सरकार के मंत्रियों में आपसी तालमेल की कमी टकराव के हालात पैदा कर रही है. ताजा मामला वीर चंद्र सिंह गढ़वाली उत्तराखंड उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाए जाने से जुड़ा है. जिसमें विभागीय मंत्री को बताए बिना ही विश्वविद्यालय को लेकर कार्य योजना तैयार की गई.
त्रिवेंद्र सरकार में मंत्रियों का आपसी टकराव कोई नई बात नहीं है. चाहे बात मदन कौशिक और सतपाल महाराज के बीच अंदरूनी घमासान की हो या फिर प्रतिनियुक्ति को लेकर हरक सिंह रावत और अरविंद पांडेय के विरोधाभाषी बयानों की. ऐसे कई मामले हैं जब सरकार के मंत्रियों में तालमेल की कमी के कारण टकराव देखा गया. इस बार मुद्दा वीरचंद्र सिंह गढ़वाली उत्तराखंड उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय यानी भरसार विश्वविद्यालय से जुड़ा है.
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दरअसल, हाल में ही भरसार विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाए जाने की चर्चाएं जोरों पर रही. जानकारी मिली थी कि उच्च शिक्षा राज्य मंत्री धन सिंह रावत ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक से विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाए जाने को लेकर बात की है. हैरत की बात ये थी कि कृषि मंत्री सुबोध उनियाल को भरसार विश्वविद्यालय पर हो रही इस कार्य योजना की कोई जानकारी ही नहीं. जब मामला मीडिया में आया तो दोनों मंत्रियों के बीच टकराव जैसी स्थिति बन गई. हालांकि इसे लेकर मंत्रियों की तरफ से कोई बयान नहीं आए.
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विभागीय मंत्री सुबोध उनियाल को बताए बिना ही विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाए जाने की कार्य योजना तैयार करने से मंत्रियों के बीच तालमेल पर सवाल खड़े होना लाजमी है. हालांकि मामला बढ़ता देख उच्च शिक्षा राज्य मंत्री ने फौरन साफ किया कि उनके द्वारा केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री से प्राथमिकता के हिसाब से बात की गई है. इस मामले पर नीतिगत और सैद्धांतिक फैसला विभागीय मंत्री सुबोध उनियाल और केंद्रीय मंत्री ही करेंगे.