देहरादून: दीपावली का त्योहार घरों में सुख समृद्धि और खुशहाली लेकर आता है. धनतेरस से शुरू होकर ये त्योहार भैया दूज के दिन संपन्न होता है. इस बीच मनाये जाने वाले हर दिन खास होते हैं. बात अगर धनतेरस की करें तो ये दिवाली से 2 दिन पहले मनाया जाता है. इस दिन सोने-चांदी या किसी भी अन्य धातु से बने आभूषणों की खरीदारी करना बेहद ही शुभ माना गया है. ऐसे में यदि आप भी इस बार धनतेरस के दिन सोने या चांदी के आभूषण खरीदने की सोच रहे हैं तो हमारी ये खास रिपोर्ट आपके लिए है.
जब भी हम सोने या चांदी से बने आभूषणों को खरीदने के लिए पहुंचते हैं तो हमारे जेहन में ये सवाल जरूर उठता है कि जिस आभूषण के लिए हम हजारों रुपए खर्च कर रहें हैं वो असली भी है या नहीं? इसी दुविधा को दूर करने के लिए ईटीवी भारत की टीम देहरादून के भारतीय मानक ब्यूरो कार्यालय पहुंची. यहां पहुंचकर हमने ब्यूरो के वरिष्ठ वैज्ञानिक और प्रमुख अनिलेश एम डेविड से इन सब बातों के बारे में जानकारी ली.
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ईटीवी भारत से बात करते हुए भारतीय मानक ब्यूरो के प्रमुख अनिलेश एम डेविड ने बताया कि सोने और चांदी जैसी धातु की पहचान करने का कोई घरेलू उपाय नहीं है. ऐसे में लोगों को कोई भी आभूषण खरीदने से पहले सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि वह इन आभूषणों को भारतीय मानक ब्यूरो के हॉलमार्क लाइसेंस वाले शोरूम से ही खरीदें. उन्होंने बताया कि राजधानी देहरादून के 41 ज्वेलरी शोरूम में भारतीय मानक ब्यूरो के हॉलमार्क लाइसेंस हैं.
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बता दें कि भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) का हॉलमार्क यह दर्शाता है कि आप जो सोना या चांदी खरीद रहे हैं वह पूरी तरह से शुद्ध है. यह एक त्रिकोण का निशान होता है. इसमें सोने और चांदी की शुद्धता भी लिखी होती है. हालांकि यह काफी छोटे अक्षरों में लिखा होता है. मगर ग्राहक की संतुष्टि के लिए दुकानदार इसे मैग्नीफाइंग ग्लास से भी पढ़वा सकते हैं. चांदी के सिक्कों में भी BIS हॉलमार्क होता है. ऐसे में यदि आप किसी भी तरह की ठगी से बचना चाहते हैं तो चांदी का सिक्का खरीदते समय भी बीआईएस हॉल मार्क जरूर देखें. ऐसा न करने पर आपकी एक छोटी सी लापरवाही आपको ठगी का शिकार बना सकती है.