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गणेश चतुर्थी पर शुरू हुआ जौनसार का जागड़ा पर्व, महासू देवता के भक्तों की उमड़ी भीड़

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Published : Sep 10, 2021, 3:50 PM IST

Updated : Sep 10, 2021, 5:04 PM IST

महासू देवता के मंदिर में जागड़ा पर्व का आयोजन किया गया. मंदिर में दर्शन के लिए सैकड़ों श्रद्धालु पहुंचे. श्रद्धालुओं का उत्साह और जोश देखते ही बनता था. हरितालिका तीज पर देवता का रात्रि जागरण किया जाता है. गणेश चतुर्दशी को देवता की देव डोली को मंदिर से बाहर निकाल कर देव पानी से स्नान करवाया जाता है. जागड़ा पर्व में लोग दूर-दूर से महासू देवता के मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं.

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जौनसार बावर क्षेत्र में धूमधाम से शुरू हुआ जागड़ा पर्व

विकासनगर:जौनसार बावर स्थित महासू देवता का काफी प्रसिद्ध मंदिर है. महासू देवता को भगवान भोलेनाथ का रूप माना जाता है. महासू देवता को न्याय का देवता कहा जाता है. यही कारण है कि ये मंदिर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश में एक अलग पहचान रखता है. जौनसार बावर जनजाति क्षेत्र के ये कुल आराध्य देव हैं. बीती रात महासू देवता मंदिर में जागरण पर्व का आयोजन किया गया. इस मौके पर सैकड़ों श्रद्धालु यहां पहुंचे. महासू देवता मंदिर थैना में श्रद्धालुओं ने देव दर्शन कर सुख समृद्धि की कामना की.

जौनसार बावर जनजातीय क्षेत्र में महासू देवता के जागड़े पर्व के अवसर पर हनोल, थैना, लक्स्यार, लखवाड़, मोहना, भंजरा बिसोई, तपलाड़ आदि देव मन्दिरों पर महासू देवता के जयकारों से संपूर्ण जौनसार बावर गुंजायमान रहा. बृहस्पतिवार को श्रद्धालुओं ने रात्रि जागरण कर देव स्तुति की. शुक्रवार सुबह विधि-विधान से मंदिरों से देव डोली को मंदिर से बाहर निकाला गया.

पढ़ें- नैनीताल में ठंडी सड़क क्षेत्र में हुआ भूस्खलन, नैनीझील में गिर रहा मलबा

डोलियों को देव पानी (जल कुंड देवता का पानी) से स्नान करवाया गया. उसके बाद श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए देव डोली को मंदिर परिसर में लाया गया. जहां पर देव डोली को श्रद्धालुओं ने कंधों पर उठाकर नचाया. देव डोली को कंधा देने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. तय समयानुसार देव डोली को मंदिर में आसन पर स्थापित किया गया.

जौनसार बावर क्षेत्र में धूमधाम से शुरू हुआ जागड़ा पर्व

पढ़ें-उत्तराखंड में सियासी समीकरण बदल सकते हैं हरक सिंह रावत, क्या दोहराएंगे इतिहास

मंदिर समिति के संरक्षक महेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि जौनसार बावर जनजातीय क्षेत्र के महासू देवता इष्ट आराध्य देवता हैं. हरितालिका तीज पर देवता का रात्रि जागरण किया जाता है. गणेश चतुर्दशी को देवता की देव डोली को मंदिर से बाहर निकाल कर देव पानी से स्नान करवाया जाता है. जागड़ा पर्व में लोग दूर-दूर से महासू देवता के मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं.

विकासनगर:जौनसार बावर स्थित महासू देवता का काफी प्रसिद्ध मंदिर है. महासू देवता को भगवान भोलेनाथ का रूप माना जाता है. महासू देवता को न्याय का देवता कहा जाता है. यही कारण है कि ये मंदिर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश में एक अलग पहचान रखता है. जौनसार बावर जनजाति क्षेत्र के ये कुल आराध्य देव हैं. बीती रात महासू देवता मंदिर में जागरण पर्व का आयोजन किया गया. इस मौके पर सैकड़ों श्रद्धालु यहां पहुंचे. महासू देवता मंदिर थैना में श्रद्धालुओं ने देव दर्शन कर सुख समृद्धि की कामना की.

जौनसार बावर जनजातीय क्षेत्र में महासू देवता के जागड़े पर्व के अवसर पर हनोल, थैना, लक्स्यार, लखवाड़, मोहना, भंजरा बिसोई, तपलाड़ आदि देव मन्दिरों पर महासू देवता के जयकारों से संपूर्ण जौनसार बावर गुंजायमान रहा. बृहस्पतिवार को श्रद्धालुओं ने रात्रि जागरण कर देव स्तुति की. शुक्रवार सुबह विधि-विधान से मंदिरों से देव डोली को मंदिर से बाहर निकाला गया.

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डोलियों को देव पानी (जल कुंड देवता का पानी) से स्नान करवाया गया. उसके बाद श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए देव डोली को मंदिर परिसर में लाया गया. जहां पर देव डोली को श्रद्धालुओं ने कंधों पर उठाकर नचाया. देव डोली को कंधा देने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. तय समयानुसार देव डोली को मंदिर में आसन पर स्थापित किया गया.

जौनसार बावर क्षेत्र में धूमधाम से शुरू हुआ जागड़ा पर्व

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मंदिर समिति के संरक्षक महेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि जौनसार बावर जनजातीय क्षेत्र के महासू देवता इष्ट आराध्य देवता हैं. हरितालिका तीज पर देवता का रात्रि जागरण किया जाता है. गणेश चतुर्दशी को देवता की देव डोली को मंदिर से बाहर निकाल कर देव पानी से स्नान करवाया जाता है. जागड़ा पर्व में लोग दूर-दूर से महासू देवता के मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं.

Last Updated : Sep 10, 2021, 5:04 PM IST
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