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गिरती GDP पर हरीश रावत ने केंद्र सरकार को घेरा, PM मोदी की नीतियों को बताया जिम्मेदार - demonetisation and GST

हरीश रावत ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि नोटबंदी और जीएसटी के कारण आज देश में बेराजगारी चरम सीमा पर है. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राहुल गांधी ने सरकार को इसके दुष्परिणामों से चेताया था.

गिरती GDP पर हरीश रावत ने मोदी सरकार को घेरा
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Published : Sep 3, 2019, 9:59 PM IST

Updated : Sep 3, 2019, 10:40 PM IST

देहरादून: पूर्व सीएम हरीश रावत ने एक बार फिर से केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है. हरीश रावत ने देश की जीडीपी में आ रही गिरावट पर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया है. हरीश रावत ने कहा है कि केंद्र की मोदी सरकार जो कदम उठा रही है वो नाकाफी हैं. हरीश रावत ने कहा कि देश के हालातों को देखकर ऐसा लगता है कि आने वाले दिनों में देश की जीडीपी में अभी और गिरावट आएगी.

जीडीपी में आ रही गिरावट के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए हरीश रावत ने केंद्र सरकार की नीतियों पर सवालिया निशान खड़े किए हैं. हरीश रावत ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि नोटबंदी और जीएसटी के कारण आज देश में बेराजगारी चरम सीमा पर है. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राहुल गांधी ने सरकार को इसके दुष्परिणामों से चेताया था, लेकिन उसके बदले राहुल गांधी के खिलाफ कैंपेन चलाया गया था.

गिरती GDP पर हरीश रावत ने केंद्र सरकार को घेरा

पढ़ें-सौतेली मां ने पार की हैवानियत की हद, मासूम के गुप्तांग को किया चोटिल

हरीश रावत ने कहा कि उस दौरान मनमोहन सिंह ने कहा था कि यह एक संगठित लूट और अर्थव्यवस्था के खिलाफ गंभीर अपराध है, वो बिल्कुल सही साबित हो रहा है. वर्तमान में असंगठित क्षेत्र पूरी तरह से बर्बाद हो गया है. कृषि क्षेत्र में उदासी और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की हालत बेहद खराब बनी हुई है. यहां तक कि सर्विसेज सेक्टर का ग्राफ इससे पहले कभी इतना नीचे नहीं गया.

पढ़ें-छात्रवृत्ति घोटाला: अनुराग शंखधर को हाई कोर्ट से मिली जमानत, ये है पूरा मामला

उन्होंने कहा कि इस समय अर्थव्यवस्था ऐसे खराब चक्र में फंस चुकी है, जिससे बाहर निकलने का मोदी सरकार के पास कोई रास्ता नहीं दिखाई दे रहा है. हरीश रावत ने सरकारी बैंकों के विलय को लेकर भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि टुकड़े- टुकड़े में बैंकों का मर्जर किया जा रहा है, जिससे स्थिति और खराब होती जा रही है. ऐसे में सरकार समझ नहीं पा रही कि इस स्थिति से कैसे उबरा जाए.

देहरादून: पूर्व सीएम हरीश रावत ने एक बार फिर से केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है. हरीश रावत ने देश की जीडीपी में आ रही गिरावट पर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया है. हरीश रावत ने कहा है कि केंद्र की मोदी सरकार जो कदम उठा रही है वो नाकाफी हैं. हरीश रावत ने कहा कि देश के हालातों को देखकर ऐसा लगता है कि आने वाले दिनों में देश की जीडीपी में अभी और गिरावट आएगी.

जीडीपी में आ रही गिरावट के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए हरीश रावत ने केंद्र सरकार की नीतियों पर सवालिया निशान खड़े किए हैं. हरीश रावत ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि नोटबंदी और जीएसटी के कारण आज देश में बेराजगारी चरम सीमा पर है. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राहुल गांधी ने सरकार को इसके दुष्परिणामों से चेताया था, लेकिन उसके बदले राहुल गांधी के खिलाफ कैंपेन चलाया गया था.

गिरती GDP पर हरीश रावत ने केंद्र सरकार को घेरा

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हरीश रावत ने कहा कि उस दौरान मनमोहन सिंह ने कहा था कि यह एक संगठित लूट और अर्थव्यवस्था के खिलाफ गंभीर अपराध है, वो बिल्कुल सही साबित हो रहा है. वर्तमान में असंगठित क्षेत्र पूरी तरह से बर्बाद हो गया है. कृषि क्षेत्र में उदासी और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की हालत बेहद खराब बनी हुई है. यहां तक कि सर्विसेज सेक्टर का ग्राफ इससे पहले कभी इतना नीचे नहीं गया.

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उन्होंने कहा कि इस समय अर्थव्यवस्था ऐसे खराब चक्र में फंस चुकी है, जिससे बाहर निकलने का मोदी सरकार के पास कोई रास्ता नहीं दिखाई दे रहा है. हरीश रावत ने सरकारी बैंकों के विलय को लेकर भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि टुकड़े- टुकड़े में बैंकों का मर्जर किया जा रहा है, जिससे स्थिति और खराब होती जा रही है. ऐसे में सरकार समझ नहीं पा रही कि इस स्थिति से कैसे उबरा जाए.

Intro: भले ही स्टिंग मामले में पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत की गिरफ्तारी को लेकर सीबीआई शिकंजा कसने में लगी हुई है, लेकिन उन्होंने जीडीपी में आ रही गिरावट पर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होने कहा कि सरकार वर्तमान में जो कदम उठा रही है वो नाकाफी हैं,इन हालातों को देखकर ऐसा लग रहा है कि जीडीपी में गिरावट अभी और नीचे आने की संभावना है।


Body: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने जीडीपी में आ रही गिरावट पर केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है, उन्होंने कहा कि वर्तमान स्थिति को देखकर ऐसा लग रहा है कि जीडीपी और नीचे आने की संभावना बनी हुई है। तो वही देश में बेरोजगारी चरम सीमा पर है, जिसका मुख्य कारण नोटबंदी और जीएसटी है। हरीश रावत ने कहा कि नोटबंदी के जाने के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह और राहुल गांधी ने सरकार को इसके दुष्परिणामों से चेताया था, लेकिन उसके बदले राहुल गांधी के खिलाफ एक्सेसमेटिव कैंपेन चलाया गया था। आज के हालातों को देखकर ऐसा लग रहा है कि डॉ मनमोहन सिंह ने उस दौरान कहा था कि यह एक संगठित लूट और अर्थव्यवस्था के खिलाफ गंभीर अपराध है वो बिल्कुल सही साबित हो रहा है। वर्तमान में असंगठित क्षेत्र पूरी तरह से बर्बाद हो गया है कृषि क्षेत्र में उदासी और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की हालत बेहद खराब बनी हुई है। यहां तक कि सर्विसेज सेक्टर का ग्राफ इससे पहले कभी नीचे नहीं गया, लेकिन उसका सूचकांक भी नीचे की तरफ है। यह स्थिति तभी सुधर सकती है, जब तक लोगों के खरीदने की पावर नहीं बढ़ाई जाएगी साथ ही गावों में यदि पैसा नहीं पहुंचेगा, और सामान्य वर्ग के हाथ में पैसा नहीं आएगा तब तक ना खरीदारी होगी और ना ही कंजप्शन बढ़ेगा, जिस कारण उत्पादन नहीं बढ़ पाएगा। इस समय अर्थव्यवस्था ऐसे खराब चक्र में फंस चुकी है कि जिस को बाहर निकालने का मोदी सरकार के पास कोई रास्ता दिखाई नहीं दे रहा है।

बाईट- हरीश रावत ,पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस महासचिव


Conclusion:हरीश रावत ने जीडीपी ग्रोथ में आ रही गिरावट पर सरकारी बैंकों के विलय पर भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा है उन्होंने कहा कि टुकड़ों टुकड़ों में बैंकों का मर्जर किया जा रहा है जिससे स्थिति और खराब होती जा रही है ऐसे में सरकार समझ नहीं पा रही कि इस स्थिति से कैसे उबरा जाए।
Last Updated : Sep 3, 2019, 10:40 PM IST
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