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हरदा के जुबानी 'तीर' हरक के लिए बने आशीर्वाद और फूल, मांगी माफी, बताया बड़ा भाई

आखिरकार हरक सिंह रावत ने हरीश रावत से माफी मांग ही ली है. हरक सिंह रावत ने कहा- हरीश भाई मुझे चोर, अपराधी कुछ भी बोल दें, मैं तो उनके चरणों में नत मस्तक हूं. हरीश रावत बड़े भाई हैं, वे कुछ भी बोल सकते हैं. उनके लिए सौ खून माफ हैं. मैं या माफी कांग्रेस में वापसी के लिए नहीं मांग रहा हूं, ये माफी बड़े भाई के लिहाज से मांगी जा रही है. हरीश भाई का हर शब्द मेरे लिए आशीर्वाद और फूल हैं.

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हरक सिंह ने हरीश रावत से मांगी माफी
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Published : Oct 22, 2021, 3:49 PM IST

Updated : Oct 22, 2021, 5:26 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में हरक सिंह रावत और हरीश रावत की जुबानी जंग पर आखिरकार पूर्ण विराम लग गया है. हरक सिंह रावत ने खुद हरीश रावत से माफी मांग कर पिछले कई दिनों से चल रही इस लड़ाई को समाप्त करने के संकेत दे दिए हैं, हालांकि उन्होंने यह भी साफ किया कि कांग्रेस में आने के लिए उनकी तरफ से यह माफी नहीं मांगी जा रही है. बल्कि हरीश रावत की उम्र और बड़े भाई होने के नाते वह उन्हें यह सम्मान दे रहे हैं.

प्रदेश में हरीश रावत और हरक सिंह रावत की आपसी तकरार अब खत्म होती दिखाई दे रही है. दरअसल, हरक सिंह रावत के तेवर अब नरम पड़ चुके हैं. इन हल्के तेवरों के चलते भविष्य में इन दोनों नेताओं की जुबानी जंग पर कुछ समय तक रोक लगने की उम्मीद है.

पढ़ें- बागियों की घर वापसी पर बोले हरीश रावत, 'कार्यकर्ता करेंगे जिसका स्वागत, उसकी होगी एंट्री'

दरअसल, हरक सिंह रावत ने आज हरीश रावत के लिए दोनों हाथ जोड़कर उनके चरणों में नत मस्तक होने की बात कह दी. हरक सिंह रावत ने कहा वह हरीश रावत को बड़ा भाई मानते हैं. वे दोनों हाथ जोड़कर उनके सामने नत मस्तक हैं. हरीश रावत और उनको कुछ भी कहेंगे तो वह उस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देंगे.

हरक सिंह ने हरीश रावत से हाथ जोड़कर मांगी माफी

पढ़ें- उत्तराखंड को देना चाहता हूं समय, पंजाब के दायित्व से चाहिए मुक्तिः हरीश रावत

बता दें हरीश रावत ने हरक सिंह को कभी महापापी कहा तो कभी गुनहगार. ऐसे में हरक सिंह रावत की तरफ से भी उन पर प्रतिक्रिया दी गई. अब लगता है कि हरक सिंह रावत इस बयानबाजी से या तो थक गए हैं या वे हरीश रावत से बैर लेकर कांग्रेस में वापसी की राह बंद नहीं करना चाहते, जिसके कारण उन्होंने माफी मांगी है.

बता दें हरीश रावत और हरक सिंह के बीच पिछले काफी समय से जुबानी जंग चल रही है. हरीश रावत , हरक समेत कुछ नेताओं को लोकतंत्र का अपराधी मानते हुए पापी करार दे चुके हैं. हरक सिंह ने भी तब पलटवार किया था.

पढ़ें- ETV भारत के सवाल पर बोले अमित शाह, आपदा से निपटने को जल्द बनेगा रिसर्च एवं अपग्रेडेशन इंस्टीट्यूट

अभी कुछ दिन पहले ही हरक सिंह ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस छोड़ने के बाद हरीश रावत और उनके समर्थकों ने उन्हें जेल भिजवाने की कई साजिशें की. मेरे चरित्र हनन का भी प्रयास किया, लेकिन कामयाब नहीं हो पाए. तब हरक सिंह ने कहा राजनीति में किसी का भी विश्वास कर लिया जाए, लेकिन हरीश भाई का विश्वास कतई नहीं करना चाहिए.

हरक सिंह रावत ने कहा अगर छलनी दावा करे कि वो पानी रोक लेगी, तो उसका विश्वास कर लेना चाहिए, लेकिन हरीश की बात का नहीं. यही नहीं, हरक सिंह रावत ने कहा था उनके विधानसभा स्थित कार्यालय को मुख्यमंत्री रहते हरीश रावत ने खुद बंद करवाया था. वे खुद विधानसभा में उनके दफ्तर पर ताला लगाने गए थे. मुख्यमंत्री रहते हरीश रावत को उस समय यह लगा कि, उनके विधानसभा स्थित ऑफिस में पता नहीं कौन सा खजाना छिपा हुआ है. हरक सिंह यहीं नहीं रुके, उनका कहना है कि, भाजपा ने उनको सम्मान दिया जबकि, कांग्रेस में रहते हुए उन्हें फंसाने की कोशिश की गई.

देहरादून: उत्तराखंड में हरक सिंह रावत और हरीश रावत की जुबानी जंग पर आखिरकार पूर्ण विराम लग गया है. हरक सिंह रावत ने खुद हरीश रावत से माफी मांग कर पिछले कई दिनों से चल रही इस लड़ाई को समाप्त करने के संकेत दे दिए हैं, हालांकि उन्होंने यह भी साफ किया कि कांग्रेस में आने के लिए उनकी तरफ से यह माफी नहीं मांगी जा रही है. बल्कि हरीश रावत की उम्र और बड़े भाई होने के नाते वह उन्हें यह सम्मान दे रहे हैं.

प्रदेश में हरीश रावत और हरक सिंह रावत की आपसी तकरार अब खत्म होती दिखाई दे रही है. दरअसल, हरक सिंह रावत के तेवर अब नरम पड़ चुके हैं. इन हल्के तेवरों के चलते भविष्य में इन दोनों नेताओं की जुबानी जंग पर कुछ समय तक रोक लगने की उम्मीद है.

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दरअसल, हरक सिंह रावत ने आज हरीश रावत के लिए दोनों हाथ जोड़कर उनके चरणों में नत मस्तक होने की बात कह दी. हरक सिंह रावत ने कहा वह हरीश रावत को बड़ा भाई मानते हैं. वे दोनों हाथ जोड़कर उनके सामने नत मस्तक हैं. हरीश रावत और उनको कुछ भी कहेंगे तो वह उस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देंगे.

हरक सिंह ने हरीश रावत से हाथ जोड़कर मांगी माफी

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बता दें हरीश रावत ने हरक सिंह को कभी महापापी कहा तो कभी गुनहगार. ऐसे में हरक सिंह रावत की तरफ से भी उन पर प्रतिक्रिया दी गई. अब लगता है कि हरक सिंह रावत इस बयानबाजी से या तो थक गए हैं या वे हरीश रावत से बैर लेकर कांग्रेस में वापसी की राह बंद नहीं करना चाहते, जिसके कारण उन्होंने माफी मांगी है.

बता दें हरीश रावत और हरक सिंह के बीच पिछले काफी समय से जुबानी जंग चल रही है. हरीश रावत , हरक समेत कुछ नेताओं को लोकतंत्र का अपराधी मानते हुए पापी करार दे चुके हैं. हरक सिंह ने भी तब पलटवार किया था.

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अभी कुछ दिन पहले ही हरक सिंह ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस छोड़ने के बाद हरीश रावत और उनके समर्थकों ने उन्हें जेल भिजवाने की कई साजिशें की. मेरे चरित्र हनन का भी प्रयास किया, लेकिन कामयाब नहीं हो पाए. तब हरक सिंह ने कहा राजनीति में किसी का भी विश्वास कर लिया जाए, लेकिन हरीश भाई का विश्वास कतई नहीं करना चाहिए.

हरक सिंह रावत ने कहा अगर छलनी दावा करे कि वो पानी रोक लेगी, तो उसका विश्वास कर लेना चाहिए, लेकिन हरीश की बात का नहीं. यही नहीं, हरक सिंह रावत ने कहा था उनके विधानसभा स्थित कार्यालय को मुख्यमंत्री रहते हरीश रावत ने खुद बंद करवाया था. वे खुद विधानसभा में उनके दफ्तर पर ताला लगाने गए थे. मुख्यमंत्री रहते हरीश रावत को उस समय यह लगा कि, उनके विधानसभा स्थित ऑफिस में पता नहीं कौन सा खजाना छिपा हुआ है. हरक सिंह यहीं नहीं रुके, उनका कहना है कि, भाजपा ने उनको सम्मान दिया जबकि, कांग्रेस में रहते हुए उन्हें फंसाने की कोशिश की गई.

Last Updated : Oct 22, 2021, 5:26 PM IST
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