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दिल्ली MCD के पूर्व प्रशासनिक अधिकारी की गला दबाकर की गई थी हत्या, हत्यारों ने ऐसे लिया था झांसे में

पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया कि हत्यारों ने पूर्व प्रशासनिक अधिकारी की हत्या कोटद्वार के जंगल गैंडीखाता में की. बताया जा रहा है कि दिल्ली एमसीडी के पूर्व प्रशासनिक अधिकारी आनंद प्रकाश चौहान को गृह क्लेश से छुटकारा दिलाने के नाम पर गुमराह कर उनकी हत्या की गई.

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पूर्व प्रशासनिक अधिकारी की हत्या मामले में तीन गिरफ्तार
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Published : Feb 29, 2020, 9:27 PM IST

देहरादून: शनिवार को दून पुलिस ने दिल्ली एमसीडी के पूर्व प्रशासनिक अधिकारी की गुमशुदगी के बाद हत्या मामले का खुलासा किया है. पुलिस के मुताबिक हत्यारों ने पूर्व प्रशासनिक अधिकारी आनंद प्रकाश चौहान को गृह क्लेश से मुक्ति दिलाने के नाम पर गैंडीखाता (कोटद्वार) के जंगलों में बुलाया. जहां उन्होंने गला दबाकर हत्या कर दी. पुलिस ने इस मामले में एक महिला समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों से मृतक की कार, मोबाइल, अंगूठी, कपड़े सहित अन्य सामान बरामद हुए हैं.

पुलिस ने बताया कि हत्यारों ने पूर्व प्रशासनिक अधिकारी की हत्या कोटद्वार के जंगल गैंडीखाता में की. दिल्ली एमसीडी के पूर्व प्रशासनिक अधिकारी आनंद प्रकाश चौहान को गृह क्लेश से छुटकारा दिलाने के नाम पर गुमराह कर उनकी हत्या की गई. पुलिस ने बताया हत्यारोपी नरपाल सिंह, उसका भाई प्रेमपाल सिंह और सरोज बाला नाम की महिला है. जिन्होंने गृह क्लेश से निजात दिलाने का झांसा देकर उन्हें तांत्रिक से मिलने गैंड़ीखाता के जंगलों में बुलाया. उसके बाद उन्होंने मिलकर आनंद प्रकाश की गला दबाकर हत्या कर दी. हत्या के बाद तीनों ही घटनास्थल से कार और नकदी लेकर फरार हो गए.

पूर्व प्रशासनिक अधिकारी की हत्या मामले में तीन गिरफ्तार

पढ़ें- उत्तराखंडः अटल आयुष्मान योजना में सरकार ने किया बदलाव, कैबिनेट बैठक में 14 प्रस्तावों पर मुहर लगी

क्या था मामला

बता दें देहरादून के राजपुर दून विहार के रहने वाले आनंद प्रकाश चौहान 5 फरवरी 2020 को लापता हुए थे. जिसके बाद उनके परिजनों ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी. पुलिस ने जब मामले की छानबीन की तो पता चला कि घर से लापता होने से एक दिन पहले 4 फरवरी को आनंद प्रकाश के बैंक अकाउंट से डेढ़ लाख रुपए निकाले गये हैं. छानबीन के दौरान आनंद प्रकाश के मोबाइल की लोकेशन हरिद्वार के चिड़ियापुर के आसपास मिली.

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पुलिस ने आनंद प्रकाश के मोबाइल नंबर की जांच की तो पता चला कि कई दिनों से उस नंबर पर नरपाल सिंह नाम के व्यक्ति से लगातार 9 बार बात की गई है. नरपाल सिंह देहरादून के राजपुर स्थित एक इंस्टीट्यूट में गार्ड का काम करता है. जिसके बाद पुलिस ने नरपाल सिंह को हिरासत में लेने के बाद उसके भाई प्रेमपाल से भी पूछताछ की. तब जाकर सारे मामले का खुलासा हुआ.

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पुलिस ने बताया कि हत्यारे गिरोह के बिजनौर में भी कई आपराधिक रिकॉर्ड हैं. डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्तों के खिलाफ पहले भी बिजनौर में कई तरह के आपराधिक मामले दर्ज हैं. पुलिस रिकॉर्ड के चलते ये 3 बार जेल जा चुका है. फिलहाल पुलिस तीसरे अभियुक्त के साथ मिलकर लूटपाट की गई रकम और पूरे मामले की विस्तृत जांच कर रही है.

देहरादून: शनिवार को दून पुलिस ने दिल्ली एमसीडी के पूर्व प्रशासनिक अधिकारी की गुमशुदगी के बाद हत्या मामले का खुलासा किया है. पुलिस के मुताबिक हत्यारों ने पूर्व प्रशासनिक अधिकारी आनंद प्रकाश चौहान को गृह क्लेश से मुक्ति दिलाने के नाम पर गैंडीखाता (कोटद्वार) के जंगलों में बुलाया. जहां उन्होंने गला दबाकर हत्या कर दी. पुलिस ने इस मामले में एक महिला समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों से मृतक की कार, मोबाइल, अंगूठी, कपड़े सहित अन्य सामान बरामद हुए हैं.

पुलिस ने बताया कि हत्यारों ने पूर्व प्रशासनिक अधिकारी की हत्या कोटद्वार के जंगल गैंडीखाता में की. दिल्ली एमसीडी के पूर्व प्रशासनिक अधिकारी आनंद प्रकाश चौहान को गृह क्लेश से छुटकारा दिलाने के नाम पर गुमराह कर उनकी हत्या की गई. पुलिस ने बताया हत्यारोपी नरपाल सिंह, उसका भाई प्रेमपाल सिंह और सरोज बाला नाम की महिला है. जिन्होंने गृह क्लेश से निजात दिलाने का झांसा देकर उन्हें तांत्रिक से मिलने गैंड़ीखाता के जंगलों में बुलाया. उसके बाद उन्होंने मिलकर आनंद प्रकाश की गला दबाकर हत्या कर दी. हत्या के बाद तीनों ही घटनास्थल से कार और नकदी लेकर फरार हो गए.

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क्या था मामला

बता दें देहरादून के राजपुर दून विहार के रहने वाले आनंद प्रकाश चौहान 5 फरवरी 2020 को लापता हुए थे. जिसके बाद उनके परिजनों ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी. पुलिस ने जब मामले की छानबीन की तो पता चला कि घर से लापता होने से एक दिन पहले 4 फरवरी को आनंद प्रकाश के बैंक अकाउंट से डेढ़ लाख रुपए निकाले गये हैं. छानबीन के दौरान आनंद प्रकाश के मोबाइल की लोकेशन हरिद्वार के चिड़ियापुर के आसपास मिली.

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पुलिस ने आनंद प्रकाश के मोबाइल नंबर की जांच की तो पता चला कि कई दिनों से उस नंबर पर नरपाल सिंह नाम के व्यक्ति से लगातार 9 बार बात की गई है. नरपाल सिंह देहरादून के राजपुर स्थित एक इंस्टीट्यूट में गार्ड का काम करता है. जिसके बाद पुलिस ने नरपाल सिंह को हिरासत में लेने के बाद उसके भाई प्रेमपाल से भी पूछताछ की. तब जाकर सारे मामले का खुलासा हुआ.

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पुलिस ने बताया कि हत्यारे गिरोह के बिजनौर में भी कई आपराधिक रिकॉर्ड हैं. डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्तों के खिलाफ पहले भी बिजनौर में कई तरह के आपराधिक मामले दर्ज हैं. पुलिस रिकॉर्ड के चलते ये 3 बार जेल जा चुका है. फिलहाल पुलिस तीसरे अभियुक्त के साथ मिलकर लूटपाट की गई रकम और पूरे मामले की विस्तृत जांच कर रही है.

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