ETV Bharat / city

हरक सिंह की करीबी दमयंती रावत की बर्खास्तगी की तैयारी, एक्शन से पहले फाइल दबी!

दमयंती रावत दिग्गज नेता हरक सिंह रावत के करीबी रही हैं और शिक्षा विभाग में होने के बावजूद भी उन्होंने बिना महकमे से एनओसी लिए दूसरे विभागों में प्रतिनियुक्ति पर अपनी सेवाएं दी हैं. दमयंती रावत यूं तो मूल रूप से शिक्षा विभाग में खंड शिक्षा अधिकारी हैं (Education Department officer Damayanti Rawat) और पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान हरक सिंह रावत ने कृषि मंत्री रहते हुए उन्हें अपने विभाग में प्रतिनियुक्ति पर लाए थे. यही नहीं खंड शिक्षा अधिकारी के पद पर रहते हुए जिस ग्रेड-पे को लेकर दमयंती अधिकृत थीं. उससे कहीं अधिक ग्रेड पे उन्हें प्रतिनियुक्ति के दौरान मिलता रहा.

Uttarakhand latest news
हरक सिंह की करीबी दमयंती रावत की थी बर्खास्तगी की तैयारी
author img

By

Published : May 5, 2022, 5:06 PM IST

Updated : May 5, 2022, 6:01 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में बेहद चर्चित रही शिक्षा विभाग की अधिकारी दमयंती रावत (Education Department officer Damayanti Rawat) पर सरकार शिकंजा कसने के मूड में है. धामी सरकार एक तरफ दमयंती की बर्खास्तगी की भूमिका तैयार कर रही है. वहीं, दूसरी तरफ उनके खिलाफ नई जांच करवाकर ठोस आधार भी तैयार किया जा रहा है. खबर है कि जांच से जुड़ी यह फाइल अब मुख्यमंत्री दरबार तक भी पहुंच चुकी है. हालांकि, इस एक्शन से पहले फाइल के किसी स्तर पर दबने की आशंका भी जताई जा रही है.

उत्तराखंड के दिग्गज नेता हरक सिंह रावत की करीबी दमयंती रावत अब सरकार के निशाने पर हैं. दमयंती के खिलाफ सरकार बर्खास्तगी से पहले की रूपरेखा को तैयार कर रही है. इसके लिए दमयंती रावत के खिलाफ शासन स्तर से एक बड़ी जांच करवाने का मन बनाया गया है और इससे जुड़ी फाइल शिक्षा मंत्रालय से होते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंचने की भी खबर है.

दरअसल, दमयंती रावत की बर्खास्तगी से पहले सरकार एक अंतिम जांच कराना चाहती है, जिसके लिए पिछली सरकार में ही शिक्षा विभाग ने श्रम विभाग को दमयंती रावत के पद के दुरुपयोग से जुड़े मामले पर श्रम आयुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाकर जांच कराने की सिफारिश की थी.

पढ़ें- चंपावत उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने प्रत्याशी तय किया! जल्द होगा नाम का ऐलान

खबर है कि इस जांच में श्रम विभाग से लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भी रखा जाना था. इसके लिए बकायदा शिक्षा विभाग ने फाइल चलाकर श्रम विभाग और फिर मुख्यमंत्री कार्यालय तक भी मंजूरी के लिए फाइल को भेजा था. हालांकि, इसके बाद आचार संहिता लगने और प्रदेश के चुनाव मोड में जाने के चलते यह मामला लटक गया. खबर है कि इस जांच के आधार पर सरकार दमयंती रावत को शिक्षा विभाग से बर्खास्त करने के प्रयास में है. ईटीवी भारत से बात करते हुए शासन के एक बड़े अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है.

बता दें कि दमयंती रावत दिग्गज नेता हरक सिंह रावत के करीबी रही हैं और शिक्षा विभाग में होने के बावजूद भी उन्होंने बिना महकमे से एनओसी लिए दूसरे विभागों में प्रतिनियुक्ति पर अपनी सेवाएं दी हैं. दमयंती रावत यूं तो मूल रूप से शिक्षा विभाग में खंड शिक्षा अधिकारी हैं और पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान हरक सिंह रावत ने कृषि मंत्री रहते हुए उन्हें अपने विभाग में प्रतिनियुक्ति पर लाए थे.

यही नहीं खंड शिक्षा अधिकारी के पद पर रहते हुए जिस ग्रेड-पे को लेकर दमयंती अधिकृत थीं, उससे कहीं अधिक ग्रेड पे उन्हें प्रतिनियुक्ति के दौरान मिलता रहा. हालांकि, उस दौरान सरकार के शिक्षा मंत्री ने दमयंती को एनओसी देने से इनकार कर दिया था. बावजूद इसके दमयंती प्रतिनियुक्ति पर बिना परेशानी के सेवाएं देती रहीं.

पढ़ें- 9 मई को नामांकन करेंगे CM पुष्कर सिंह धामी, चंपावत विधानसभा सीट से लड़ रहे हैं उपचुनाव

इसके बाद दमयंती का कद बढ़ाते हुए उन्हें उत्तराखंड बीज एवं जैविक प्रमाणीकरण अभिकरण में निदेशक के पद पर भी तैनात कर दिया गया. वहीं, इसके बाद हरक सिंह रावत कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया और इसके साथ ही तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने भी दमयंती को उनके पद से हटा दिया. लिहाजा, दमयंती रावत ने वापस शिक्षा विभाग में ज्वॉइनिंग तो ले ली. लेकिन दमयंती रावत को जैसे ही पिथौरागढ़ भेजा गया, तो उन्होंने वहां ज्वॉइन ही नहीं किया. हालांकि, इसके बाद हरक सिंह रावत भाजपा में फिर सत्ता में आ गए और उन्होंने दमयंती रावत को कर्मकार कल्याण बोर्ड में प्रतिनियुक्ति पर बुला लिया.

हैरानी की बात यह है कि इस बार भी सरकार में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने उन्हें विभाग से जाने की एनओसी नहीं देने का फैसला लिया. बावजूद इसके दमयंती रावत कर्मकार कल्याण बोर्ड में काम करती रही लेकिन अब जब हरक सिंह रावत फिर वापस कांग्रेस का दामन थाम चुके हैं तो सरकार दमयंती रावत की भी घेराबंदी करने में जुटती हुई दिखने लगी है. पूर्ववर्ती सरकार में ही दमयंती रावत को बर्खास्त करने के लिए सरकार अपना पहला कदम उठा चुकी थी और उनके खिलाफ जांच की फाइल भी आगे बढ़ा दी गई थी लेकिन तब विधानसभा चुनाव होने के चलते इस पर आगे कोई कदम नहीं बढ़ पाया. खास बात यह है कि अब सूचना है कि यह फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंच चुकी है और इंतजार मुख्यमंत्री की संस्तुति का है. जिसके बाद दमयंती रावत के खिलाफ एक बड़ी जांच शुरू हो पाएगी.

देहरादून: उत्तराखंड में बेहद चर्चित रही शिक्षा विभाग की अधिकारी दमयंती रावत (Education Department officer Damayanti Rawat) पर सरकार शिकंजा कसने के मूड में है. धामी सरकार एक तरफ दमयंती की बर्खास्तगी की भूमिका तैयार कर रही है. वहीं, दूसरी तरफ उनके खिलाफ नई जांच करवाकर ठोस आधार भी तैयार किया जा रहा है. खबर है कि जांच से जुड़ी यह फाइल अब मुख्यमंत्री दरबार तक भी पहुंच चुकी है. हालांकि, इस एक्शन से पहले फाइल के किसी स्तर पर दबने की आशंका भी जताई जा रही है.

उत्तराखंड के दिग्गज नेता हरक सिंह रावत की करीबी दमयंती रावत अब सरकार के निशाने पर हैं. दमयंती के खिलाफ सरकार बर्खास्तगी से पहले की रूपरेखा को तैयार कर रही है. इसके लिए दमयंती रावत के खिलाफ शासन स्तर से एक बड़ी जांच करवाने का मन बनाया गया है और इससे जुड़ी फाइल शिक्षा मंत्रालय से होते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंचने की भी खबर है.

दरअसल, दमयंती रावत की बर्खास्तगी से पहले सरकार एक अंतिम जांच कराना चाहती है, जिसके लिए पिछली सरकार में ही शिक्षा विभाग ने श्रम विभाग को दमयंती रावत के पद के दुरुपयोग से जुड़े मामले पर श्रम आयुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाकर जांच कराने की सिफारिश की थी.

पढ़ें- चंपावत उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने प्रत्याशी तय किया! जल्द होगा नाम का ऐलान

खबर है कि इस जांच में श्रम विभाग से लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भी रखा जाना था. इसके लिए बकायदा शिक्षा विभाग ने फाइल चलाकर श्रम विभाग और फिर मुख्यमंत्री कार्यालय तक भी मंजूरी के लिए फाइल को भेजा था. हालांकि, इसके बाद आचार संहिता लगने और प्रदेश के चुनाव मोड में जाने के चलते यह मामला लटक गया. खबर है कि इस जांच के आधार पर सरकार दमयंती रावत को शिक्षा विभाग से बर्खास्त करने के प्रयास में है. ईटीवी भारत से बात करते हुए शासन के एक बड़े अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है.

बता दें कि दमयंती रावत दिग्गज नेता हरक सिंह रावत के करीबी रही हैं और शिक्षा विभाग में होने के बावजूद भी उन्होंने बिना महकमे से एनओसी लिए दूसरे विभागों में प्रतिनियुक्ति पर अपनी सेवाएं दी हैं. दमयंती रावत यूं तो मूल रूप से शिक्षा विभाग में खंड शिक्षा अधिकारी हैं और पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान हरक सिंह रावत ने कृषि मंत्री रहते हुए उन्हें अपने विभाग में प्रतिनियुक्ति पर लाए थे.

यही नहीं खंड शिक्षा अधिकारी के पद पर रहते हुए जिस ग्रेड-पे को लेकर दमयंती अधिकृत थीं, उससे कहीं अधिक ग्रेड पे उन्हें प्रतिनियुक्ति के दौरान मिलता रहा. हालांकि, उस दौरान सरकार के शिक्षा मंत्री ने दमयंती को एनओसी देने से इनकार कर दिया था. बावजूद इसके दमयंती प्रतिनियुक्ति पर बिना परेशानी के सेवाएं देती रहीं.

पढ़ें- 9 मई को नामांकन करेंगे CM पुष्कर सिंह धामी, चंपावत विधानसभा सीट से लड़ रहे हैं उपचुनाव

इसके बाद दमयंती का कद बढ़ाते हुए उन्हें उत्तराखंड बीज एवं जैविक प्रमाणीकरण अभिकरण में निदेशक के पद पर भी तैनात कर दिया गया. वहीं, इसके बाद हरक सिंह रावत कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया और इसके साथ ही तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने भी दमयंती को उनके पद से हटा दिया. लिहाजा, दमयंती रावत ने वापस शिक्षा विभाग में ज्वॉइनिंग तो ले ली. लेकिन दमयंती रावत को जैसे ही पिथौरागढ़ भेजा गया, तो उन्होंने वहां ज्वॉइन ही नहीं किया. हालांकि, इसके बाद हरक सिंह रावत भाजपा में फिर सत्ता में आ गए और उन्होंने दमयंती रावत को कर्मकार कल्याण बोर्ड में प्रतिनियुक्ति पर बुला लिया.

हैरानी की बात यह है कि इस बार भी सरकार में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने उन्हें विभाग से जाने की एनओसी नहीं देने का फैसला लिया. बावजूद इसके दमयंती रावत कर्मकार कल्याण बोर्ड में काम करती रही लेकिन अब जब हरक सिंह रावत फिर वापस कांग्रेस का दामन थाम चुके हैं तो सरकार दमयंती रावत की भी घेराबंदी करने में जुटती हुई दिखने लगी है. पूर्ववर्ती सरकार में ही दमयंती रावत को बर्खास्त करने के लिए सरकार अपना पहला कदम उठा चुकी थी और उनके खिलाफ जांच की फाइल भी आगे बढ़ा दी गई थी लेकिन तब विधानसभा चुनाव होने के चलते इस पर आगे कोई कदम नहीं बढ़ पाया. खास बात यह है कि अब सूचना है कि यह फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंच चुकी है और इंतजार मुख्यमंत्री की संस्तुति का है. जिसके बाद दमयंती रावत के खिलाफ एक बड़ी जांच शुरू हो पाएगी.

Last Updated : May 5, 2022, 6:01 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.