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चार धाम यात्रा पर आए तीर्थ यात्री खुद रखें अपना ख्याल, यहां के डॉक्टरों पर न करें ज्यादा भरोसा ? - 44 deaths have been lost due to cardiac arrest

चार धाम यात्रा मार्गों पर हार्ट अटैक से हो रही मौतों के आंकड़ों से स्वास्थ्य महकमा हरकत में आया है. जिसके चलते विभाग ने मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को स्पष्ट गाइडलाइन जारी की है. वहीं चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण महानिदेशक डॉक्टर रविंद्र थपलियाल का कहना है कि चार धाम यात्रा में इस साल 44 मरीजों की मौत ह्रदयघात से हो चुकी है. ऐसी परिस्थितियों में यात्री अपना बचाव स्वयं करें तो बेहतर रहेगा.

चारधाम यात्रा पड़ाव के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को स्पष्ट गाइडलाइन जारी हो चुकी है.
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Published : Jun 14, 2019, 3:11 PM IST

देहरादून: चार धाम यात्रा मार्गों पर हार्ट अटैक से हो रही मौतों के कई मामले सामने आए हैं. जिसे लेकर स्वास्थ्य महकमा अलर्ट हो गया है. जिसके चलते यात्रा मार्ग पर मौजूद सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को अपने विवेक से जीवन रक्षक दवाइयां खरीदने के विकल्प सुनिश्चित किए गए हैं. इसमें रुद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को स्पष्ट गाइडलाइन जारी करते हुए कहा गया है कि जीवन रक्षक दवाइयों का अभाव होने पर चिकित्सा अधिकारी अपने विवेक से स्थानीय स्तर पर दवाइयां खरीद सकते हैं.

जानकारी देते डायरेक्टर जनरल आफ हेल्थ डा. रविंद्र थपलियाल.

बता दें कि चारधाम यात्रा में आंकडों के मुताबिक 44 लोगों की हार्ट अटैक से मौतें दर्ज की जा चुकी है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग पर सवालिया निशान उठना लाजिमी है. जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग ने यात्रा मार्ग पर मौजूद सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किये गए हैं. जिनमें यथा संभव तरीके से जीवन रक्षक औषधियां खरीदी जाएं, ताकि यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत के दौरान इलाज दिया जा सके.

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण महानिदेशक डॉक्टर रविंद्र थपलियाल ने बताया कि चार धाम यात्रा में इस साल 44 मरीजों की मौत ह्रदयघात से हो चुकी है. स्वास्थ्य महानिदेशक के मुताबिक चार धाम रूटों पर तैनात सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को एडवाइजरी जारी की गई है. जिसमें औषधि आपूर्ति में देरी होने पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी जीवन रक्षक दवाएं अपने स्तर पर खरीदें.
उन्होंने कहा कि यदि यात्री हार्ट पेशेंट है तो उसे सलाह के तौर पर समस्त दिशा निर्देश दिए जाते हैं. जिसके तहत बुजुर्ग यात्रियों को गर्म कपड़े ले जाने की सलाह दी जाती है. साथ ही डायबिटीज, हाइपरटेंशन के यात्रियों के पास बीमारियों से संबंधित दवाओं को होना आवश्यक है और ऐसी अवस्था में इन दवाइयों को यात्रा मार्गो पर ले जाना भी जरूरी है. उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में यात्री अपना बचाव स्वयं करें तो बेहतर रहेगा.

देहरादून: चार धाम यात्रा मार्गों पर हार्ट अटैक से हो रही मौतों के कई मामले सामने आए हैं. जिसे लेकर स्वास्थ्य महकमा अलर्ट हो गया है. जिसके चलते यात्रा मार्ग पर मौजूद सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को अपने विवेक से जीवन रक्षक दवाइयां खरीदने के विकल्प सुनिश्चित किए गए हैं. इसमें रुद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को स्पष्ट गाइडलाइन जारी करते हुए कहा गया है कि जीवन रक्षक दवाइयों का अभाव होने पर चिकित्सा अधिकारी अपने विवेक से स्थानीय स्तर पर दवाइयां खरीद सकते हैं.

जानकारी देते डायरेक्टर जनरल आफ हेल्थ डा. रविंद्र थपलियाल.

बता दें कि चारधाम यात्रा में आंकडों के मुताबिक 44 लोगों की हार्ट अटैक से मौतें दर्ज की जा चुकी है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग पर सवालिया निशान उठना लाजिमी है. जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग ने यात्रा मार्ग पर मौजूद सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किये गए हैं. जिनमें यथा संभव तरीके से जीवन रक्षक औषधियां खरीदी जाएं, ताकि यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत के दौरान इलाज दिया जा सके.

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण महानिदेशक डॉक्टर रविंद्र थपलियाल ने बताया कि चार धाम यात्रा में इस साल 44 मरीजों की मौत ह्रदयघात से हो चुकी है. स्वास्थ्य महानिदेशक के मुताबिक चार धाम रूटों पर तैनात सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को एडवाइजरी जारी की गई है. जिसमें औषधि आपूर्ति में देरी होने पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी जीवन रक्षक दवाएं अपने स्तर पर खरीदें.
उन्होंने कहा कि यदि यात्री हार्ट पेशेंट है तो उसे सलाह के तौर पर समस्त दिशा निर्देश दिए जाते हैं. जिसके तहत बुजुर्ग यात्रियों को गर्म कपड़े ले जाने की सलाह दी जाती है. साथ ही डायबिटीज, हाइपरटेंशन के यात्रियों के पास बीमारियों से संबंधित दवाओं को होना आवश्यक है और ऐसी अवस्था में इन दवाइयों को यात्रा मार्गो पर ले जाना भी जरूरी है. उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में यात्री अपना बचाव स्वयं करें तो बेहतर रहेगा.

Intro:चार धाम यात्रा मार्गो पर हृदयाघात से हो रही मौतों पर स्वास्थ्य महकमा नींद से जाग गया है,अब चार धाम यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को अपने विवेक से जीवन रक्षक दवाइयां खरीदने के विकल्प सुनिश्चित किए गए हैं, रुद्रप्रयाग ,चमोली और उत्तरकाशी के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को स्पष्ट गाइडलाइन जारी की गई है कि अगर जीवन रक्षक दवाइयों का अभाव होता है तो ऐसी अवस्था में अपने विवेक से स्थानीय स्तर पर दवाइयां खरीदकर जीवन रक्षक दवाये उपलब्ध करवाईं जायें।


Body: इस संबंध में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण महानिदेशक डॉक्टर रविंद्र थपलियाल का कहना है कि चार धाम यात्रा में इस बार 44 मरीजों की मौतें ह्रदयघात से हो चुकीं है ,स्वास्थ्य महानिदेशक के मुताबिक चार धाम रूटों पर तैनात सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को एडवाइजरी जारी की गई है कि यदि औषधि आपूर्ति में कोई देरी होती है ,तो ऐसी अवस्था में जीवन रक्षक दवाएं अपने स्तर पर खरीदी जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि यदि यात्री हार्ट पेशेंट है तो उसको एडवाइस के तौर पर समस्त दिशा निर्देश दिए जाते हैं जिसके तहत बुजुर्ग यात्रियों को गर्म कपड़े ले जाने की सलाह दी जाती है साथ ही अपनी स्थिति को देखते हुए यदि ऊंचाई वाले क्षेत्रों पर जाना है, तो उसके लिए आंकलन करने को अवश्य कहा जाता है। ऊंचाई वाले क्षेत्रों पर जाना उचित है या नहीं इसके अलावा डायबिटीज, हाइपरटेंशन के यात्रियों के पास बीमारियों से संबंधित दवाओं को होना आवश्यक है ,और ऐसी अवस्था में इन दवाइयों को यात्रा मार्गो पर ले जाना भी जरूरी है, ऐसे में यात्री अपना बचाव स्वयं करें तो बेहतर रहेगा।

बाईट-डॉ रविंद्र थपलियाल, डायरेक्टर जनरल आफ हेल्थ, उत्तराखंड


Conclusion: गौरतलब है कि चार धाम यात्रा में आने वाले 44 सीनियर सिटीजनों की मौतें हृदयाघात से हो चुकी है ।आंकड़ों के मुताबिक करीबन 44 मौतें हार्ट अटैक से दर्ज की जा चुकी हैं ,ऐसे में स्वास्थ्य विभाग पर सवालिया निशान उठना लाजिमी है। अब ऐसी परिस्थिति में यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को स्पष्ठ दिशा निर्देश जारी किये गए हैं कि यथा संभव हो तो अपने स्तर से जीवन रक्षक औषधियां खरीदी जाए, ताकि यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का सामना ना करना पड़े।
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