देहरादून: चार धाम यात्रा मार्गों पर हार्ट अटैक से हो रही मौतों के कई मामले सामने आए हैं. जिसे लेकर स्वास्थ्य महकमा अलर्ट हो गया है. जिसके चलते यात्रा मार्ग पर मौजूद सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को अपने विवेक से जीवन रक्षक दवाइयां खरीदने के विकल्प सुनिश्चित किए गए हैं. इसमें रुद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को स्पष्ट गाइडलाइन जारी करते हुए कहा गया है कि जीवन रक्षक दवाइयों का अभाव होने पर चिकित्सा अधिकारी अपने विवेक से स्थानीय स्तर पर दवाइयां खरीद सकते हैं.
बता दें कि चारधाम यात्रा में आंकडों के मुताबिक 44 लोगों की हार्ट अटैक से मौतें दर्ज की जा चुकी है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग पर सवालिया निशान उठना लाजिमी है. जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग ने यात्रा मार्ग पर मौजूद सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किये गए हैं. जिनमें यथा संभव तरीके से जीवन रक्षक औषधियां खरीदी जाएं, ताकि यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत के दौरान इलाज दिया जा सके.
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण महानिदेशक डॉक्टर रविंद्र थपलियाल ने बताया कि चार धाम यात्रा में इस साल 44 मरीजों की मौत ह्रदयघात से हो चुकी है. स्वास्थ्य महानिदेशक के मुताबिक चार धाम रूटों पर तैनात सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को एडवाइजरी जारी की गई है. जिसमें औषधि आपूर्ति में देरी होने पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी जीवन रक्षक दवाएं अपने स्तर पर खरीदें.
उन्होंने कहा कि यदि यात्री हार्ट पेशेंट है तो उसे सलाह के तौर पर समस्त दिशा निर्देश दिए जाते हैं. जिसके तहत बुजुर्ग यात्रियों को गर्म कपड़े ले जाने की सलाह दी जाती है. साथ ही डायबिटीज, हाइपरटेंशन के यात्रियों के पास बीमारियों से संबंधित दवाओं को होना आवश्यक है और ऐसी अवस्था में इन दवाइयों को यात्रा मार्गो पर ले जाना भी जरूरी है. उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में यात्री अपना बचाव स्वयं करें तो बेहतर रहेगा.