देहरादून: आगामी 29 और 30 नवंबर को गैरसैंण में होने जा रहे शीतकालीन सत्र पर कांग्रेस ने चुटकी ली है. कांग्रेस ने कहा है कि यह अजीब-ओ-गरीब बात है कि ग्रीष्मकालीन राजधानी में शीतकालीन सत्र किया जा रहा है.
29 और 30 नवंबर को ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में होने जा रहे दो दिवसीय शीतकालीन सत्र को लेकर अभी से कांग्रेस ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. जहां एक तरफ कांग्रेस के नेता हरीश रावत सरकार से गैरसैंण के लिए किए गए कामों का जवाब मांग रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी का कहना है कि यह बड़ी गंभीर विडंबना है कि जिसे सरकार द्वारा ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया गया है, वहां पर शीतकालीन सत्र आहुत किया जा रहा है.
गरिमा दसौनी ने सवाल उठाया है कि यह कितना व्यवहारिक है कि भीषण ठंड में गैरसैंण में सत्र करवाया जा रहा है. कांग्रेस का आरोप है कि गैरसैंण को एक बार फिर से राजनीतिक मुद्दा बनाने के लिए भाजपा पूरे सरकारी तंत्र की फजीहत कराने में लगी हुई है.
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वहीं, दूसरी तरफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि उनकी सरकार ने गैरसैंण को उसका उचित सम्मान दिया है. साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का यह भी कहना है कि गैरसैंण हम सबकी भावनाओं के साथ-साथ प्रदेश की संभावनाओं का एक केंद्र है, जिसके लिए हरीश रावत को चिंतित होने की जरूरत नहीं है. बीजेपी की सरकार गैरसैंण की बेहतरी के लिए हर एक कदम उठा रही है. दूसरी तरफ भाजपा प्रवक्ता विपिन कैंथोला का कहना है कि कांग्रेस का यह विरोध केवल अपने आप को चमकाने के लिए और सरकार का विरोध करने के लिए है. उनके इस मुद्दे में किसी भी तरह का कोई आधार नहीं है.