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उत्तराखंड के 205 गांवों में आज भी नहीं है मोबाइल कनेक्टिविटी, संसद में उठा मुद्दा - Minister of State for Information Technology Sanjay Dhotre

उत्तराखंड में 15745 गांव हैं. जिसमें से 15540 गांवों में मोबाइल सर्विस उपलब्ध है, वहीं 205 गांव ऐसे हैं जहां मोबाइल सर्विस नहीं है.

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उत्तराखंड के 205 गांवों में आज भी नहीं है मोबाइल कनेक्टिविटी
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Published : Feb 5, 2020, 7:35 PM IST

दिल्ली/देहरादून: उत्तराखंड समेत अन्य कई पहाड़ी राज्यों के गांवों को जल्द ही मोबाइल कनेक्टिविटी से जोड़ा जाएगा. उत्तराखंड, हिमाचल, लद्दाख, कारगिल के 354 गांवों में मोबाइल कनेक्टिविटी के लिए केंद्र सरकार ने मंजूरी दी है. बुधवार को लोकसभा में पूछे गये एक सवाल के जवाब में सूचना प्रौद्योगिकी राज्‍य मंत्री संजय धोत्रे ने ये बात कही.

सूचना प्रौद्योगिकी राज्‍य मंत्री संजय धोत्रे ने बताया कि उत्तराखंड में 2011 में जनगणना हुई थी. जिसके अनुसार यहां 15745 गांव हैं. जिसमें से 15540 गांवों में मोबाइल सर्विस उपलब्ध है, वहीं 205 गांव ऐसे हैं जहां मोबाइल सर्विस नहीं है. इसके अलावा उत्तराखंड के सापेक्ष पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश के 166 गांवों में मोबाइल सर्विस नहीं है.

पढ़ें-सीएए से नहीं पड़ेगा देश के किसी नागरिक पर प्रभाव : रजनीकांत

बुधवार को लोकसभा की कार्यवाही के दौरान सांसद डॉ. निशिकांत दुबे और रवि किशन ने देशभर में मोबाइल सेवा की स्थिति पर सवाल पूछा. इन दोनों सासंदों ने लोकसभा में पूछा कि देश के कितने गांवों में अभी तक मोबाइल सेवा नहीं है, इसके साथ ही उन्होंने इसके न होने के कारण पर भी जवाब मांगा.

पढ़ें-देहरादून: प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की बैठक, वन मंत्री ने अधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा-निर्देश

दोनों सांसदों के सवालों का जवाब देते हुए सूचना प्रौद्योगिकी राज्‍य मंत्री संजय धोत्रे ने बताया कि केंद्र सरकार देशभर के गांवों तक मोबाइल सेवा पहुंचाने के लिए पुरजोर कोशिश कर ही है. उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने वामपंथ उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में पहले चरण की परियोजना में मोबाइल कनेक्टिविटी के लिए 2355 टॉवर स्थापित करवाये हैं.

पढ़ें-अल्मोड़ा: स्वर्गीय डॉ. शमशेर सिंह बिष्ट के जनसंघर्षों को किया याद, मनाई गई 74वीं जयंती

इसके अलावा लद्दाख, कारगिल, हिमाचल और उत्तराखंड के अनकवर्ड और सीमावर्ती क्षेत्रों व अन्य प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के 354 गांवों में मोबाइल कनेक्टिविटी के लिए भी मंजूरी दी गई है. जिनमें चरणबद्ध और योजनाबद्ध तरीके से कनेक्टिविटी उपलब्ध करवाई जा रही है.

पढ़ें-अल्मोड़ा: 15 बाल वैज्ञानिकों ने प्रस्तुत किए शानदार मॉडल, राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में लेंगे भाग

सवाल के जवाब में जानकारी देते हुए संजय धोत्रे ने बताया कि भारतनेट परियोजना के अंतर्गत देश में 42068 करोड़ की लागत से ब्रॉड बैंड कनेक्टिविटी की व्यवस्था की जा रही है. इसके अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़े गांवों में मोबाइल कवरेज उपलब्ध करवाने के लिए भी काम किये जा रहे हैं.

दिल्ली/देहरादून: उत्तराखंड समेत अन्य कई पहाड़ी राज्यों के गांवों को जल्द ही मोबाइल कनेक्टिविटी से जोड़ा जाएगा. उत्तराखंड, हिमाचल, लद्दाख, कारगिल के 354 गांवों में मोबाइल कनेक्टिविटी के लिए केंद्र सरकार ने मंजूरी दी है. बुधवार को लोकसभा में पूछे गये एक सवाल के जवाब में सूचना प्रौद्योगिकी राज्‍य मंत्री संजय धोत्रे ने ये बात कही.

सूचना प्रौद्योगिकी राज्‍य मंत्री संजय धोत्रे ने बताया कि उत्तराखंड में 2011 में जनगणना हुई थी. जिसके अनुसार यहां 15745 गांव हैं. जिसमें से 15540 गांवों में मोबाइल सर्विस उपलब्ध है, वहीं 205 गांव ऐसे हैं जहां मोबाइल सर्विस नहीं है. इसके अलावा उत्तराखंड के सापेक्ष पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश के 166 गांवों में मोबाइल सर्विस नहीं है.

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बुधवार को लोकसभा की कार्यवाही के दौरान सांसद डॉ. निशिकांत दुबे और रवि किशन ने देशभर में मोबाइल सेवा की स्थिति पर सवाल पूछा. इन दोनों सासंदों ने लोकसभा में पूछा कि देश के कितने गांवों में अभी तक मोबाइल सेवा नहीं है, इसके साथ ही उन्होंने इसके न होने के कारण पर भी जवाब मांगा.

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दोनों सांसदों के सवालों का जवाब देते हुए सूचना प्रौद्योगिकी राज्‍य मंत्री संजय धोत्रे ने बताया कि केंद्र सरकार देशभर के गांवों तक मोबाइल सेवा पहुंचाने के लिए पुरजोर कोशिश कर ही है. उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने वामपंथ उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में पहले चरण की परियोजना में मोबाइल कनेक्टिविटी के लिए 2355 टॉवर स्थापित करवाये हैं.

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इसके अलावा लद्दाख, कारगिल, हिमाचल और उत्तराखंड के अनकवर्ड और सीमावर्ती क्षेत्रों व अन्य प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के 354 गांवों में मोबाइल कनेक्टिविटी के लिए भी मंजूरी दी गई है. जिनमें चरणबद्ध और योजनाबद्ध तरीके से कनेक्टिविटी उपलब्ध करवाई जा रही है.

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सवाल के जवाब में जानकारी देते हुए संजय धोत्रे ने बताया कि भारतनेट परियोजना के अंतर्गत देश में 42068 करोड़ की लागत से ब्रॉड बैंड कनेक्टिविटी की व्यवस्था की जा रही है. इसके अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़े गांवों में मोबाइल कवरेज उपलब्ध करवाने के लिए भी काम किये जा रहे हैं.

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