देहरादून: हिमालय राज्यों के कॉनक्लेव में राज्यों द्वारा रखे गये विषयों को आयोग अक्टूबर या नम्बर माह में संसद में पेश करेगा. जिसके बाद एक अप्रैल से 15वें वित्त आयोग की संस्तुतियां लागू हो जाएंगी. हाल ही में मसूरी में हुए हिमालयी राज्यों के कॉनक्लेव में पर्यावरणीय सेवाओं के बदले ग्रीन बोनस देने और हिमालय क्षेत्र के लिए अलग मंत्रालय बनाने का सभी राज्यों ने पुरजोर समर्थन किया था. जिसके बाद इस कॉनक्लेव में रखे गये विषयों को आयोग के सामने रखा गया. वित्त सचिव अमित नेगी ने मीडिया से बातचीत करते हुए मामले की जानकारी दी.
वित्त सचिव अमित नेगी ने बताया कि हाल ही में हुए हिमालयन राज्यों के कॉनक्लेव में सभी हिमालयन राज्यों ने ज्वाइंट मेमोरेंडम नीति आयोग की टीम के सामने रखा गया था. अमित नेगी ने बताया कि इससे पहले भी राज्य सरकार 15वें वित्त आयोग के समक्ष पर्यटन, आपदा, वन सहित तमाम विषयों को रखा था. जिनकी विस्तृत रिपोर्ट भी आयोग को दी गई थी. जिसके बाद हिमालयन कॉनक्लेव में भी सभी राज्यों ने एक साथ कॉमन विषयों पर संयुक्त ज्ञापन आयोग के सामने पेश किया. जिसे आयोग अक्टूबर या नवंबर माह में संसद में पेश करेगा.
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वित्त सचिव अमित नेगी ने बताया कि संसद में पेश होने के बाद पहली अप्रैल से इसकी संस्तुतियां लागू की जाएंगी. अमित नेगी ने बताया कि इसके लागू होने के बाद हिमालय राज्यों को फायदा मिलेगा. बता दें कि बीती 28 जुलाई को हिमालयी राज्यों के मुख्यमंत्री मसूरी में जुटे थे. जहां सभी ने पर्यावरणीय सेवाओं के बदले ग्रीन बोनस देने और हिमालय क्षेत्र के लिए अलग मंत्रालय बनाने पर सहमति जताई थी. जिसके बाद हिमालयी राज्यों से जुड़े विषयों की एक रिपोर्ट बनाकर 15वें वित्त आयोग के समक्ष रखी गई थी.