मुंबई : जीवन बीमा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी एलआईसी की एक बार फिर से मेडिक्लेम कारोबार में कदम रखने की मंशा है. इस बारे में बीमा नियामक से स्थिति स्पष्ट होते ही कंपनी अपने कदम आगे बढ़ा सकती है. भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के चेयरमैन एमआर कुमार ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा, 'हम पहले से ही दीर्घकालिक स्वास्थ्य बीमा और गारंटी देने वाले स्वास्थ्य उत्पादों की पेशकश कर रहे हैं. हम बीमा नियामक से हाल ही में आए सुझाव की भी समीक्षा कर रहे हैं.' LIC in Mediclaim business.
कुमार ने कहा, 'मुझे नहीं लगता है कि हमारे लिए मेडिक्लेम कारोबार में उतरना मुश्किल होगा. हम पहले से ही कुछ स्वास्थ्य बीमा उत्पाद मुहैया करा रहे हैं.' मेडिक्लेम पॉलिसी असल में मुआवजे पर आधारित स्वास्थ्य बीमा योजनाएं ही होती हैं और ये देश में सर्वाधिक लोकप्रिय स्वास्थ्य बीमा उत्पाद हैं. हालांकि, भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने वर्ष 2016 में जीवन बीमा कारोबार में लगी कंपनियों को मेडिक्लेम पॉलिसी की पेशकश करने से रोक दिया था.
उसके बाद से जीवन बीमा कंपनियों को सिर्फ तय लाभ वाली स्वास्थ्य योजनाओं की ही पेशकश करने की इजाजत है. मुआवजा आधारित स्वास्थ्य बीमा योजनाओं के तहत बीमा कंपनियां इलाज के दौरान खर्च हुई रकम की भरपाई करती हैं जो बीमित राशि के भीतर हो. वहीं तय लाभ वाली स्वास्थ्य बीमा योजनाओं के तहत पॉलिसीधारक को पूर्व-चिह्नित बीमारी या स्वास्थ्य स्थिति के लिए एक तय राशि दी जाती है.
इरडा के चेयरमैन देवाशीष पांडा ने हाल में कहा था कि अब जीवन बीमा कंपनियों के फिर से मेडिक्लेम में प्रवेश करने का वक्त आ गया है. उन्होंने वर्ष 2030 तक देश के हरेक नागरिक के पास स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी होने का लक्ष्य हासिल करने को भी कहा है. वैश्विक स्तर पर अधिकांश देशों में जीवन बीमा कंपनियां स्वास्थ्य बीमा योजनाओं की भी बिक्री करती हैं.
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