नई दिल्ली : हॉलमार्किंग विशिष्ट पहचान संख्या (एचयूआईडी) प्रणाली को लागू करने के खिलाफ देश में कई जगह प्रदर्शन हुए. आभूषण विक्रेताओं (ज्वेलर्स) ने सोमवार को अपना कारोबार बंद रखा और देशव्यापी हड़ताल में शामिल हुए.
दिल्ली में बड़ी कंपनियों को छोड़कर, अधिकांश आभूषण विक्रेताओं की दुकानें बंद रहीं. हड़ताल आभूषण विक्रेताओं के 350 के करीब संघों के आह्वान पर हुई.
अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद (जीजेसी) के निदेशक दिनेश जैन ने कहा, 'एचयूआईडी प्रणाली के खिलाफ देशव्यापी हड़ताल को अच्छी प्रतिक्रिया मिली है. दुकानें एक दिन के लिए बंद हैं.'
हालांकि, तमिलनाडु और केरल में ओणम त्योहार के कारण दोपहर 12.30 बजे तक दुकानें बंद रहीं.
पिछले हफ्ते, भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के महानिदेशक प्रमोद कुमार तिवारी ने जौहरियों के संगठनों से हड़ताल वापस लेने का आग्रह किया था, जिसमें कहा गया था कि सोने की हॉलमार्किंग का कार्यान्वयन अब तक बेहद सफल रहा है. बीआईएस देश में गोल्ड हॉलमार्किंग सिस्टम लागू कर रहा है.
विरोध करने वाले जौहरियों के निकायों के अनुसार, सोने की हॉलमार्किंग की पहले की प्रक्रिया नई एचयूआईडी प्रणाली से बेहतर थी. नयी प्रणाली व्यापार करने में आसानी के सिद्धांत के खिलाफ है.
ज्वैलर्स के निकायों को डर है कि सरकार नए एचयूआईडी सिस्टम के नाम पर अपलोड किए जा रहे डेटा का इस्तेमाल ज्वैलर्स पर कार्रवाई करने के लिए कर सकती है. अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद (जीजेसी) के निदेशक दिनेश जैन ने कहा, 'एचयूआईडी प्रणाली को लागू करने में एक व्यावहारिक समस्या है. मान लीजिए कि एक थोक व्यापारी के पास 50 किलो के सोने के हालमार्किग वाले आभूषण है. एक खुदरा विक्रेता उसके पास आता है और एक किलो आभूषण खरीदता है. स्टॉक देने में कुछ ही मिनट लगते हैं लेकिन हर आभूषण का एचयूआईडी के साथ बिल तैयार करने में घंटों लगते हैं.'
गुजरात में बंद रही दुकानें
गुजरात में करीब 15,000 आभूषण विक्रेताओं ने एचयूआईडी के खिलाफ देशव्यापी हड़ताल में हिस्सा लिया. आभूषण विक्रेताओं (ज्वेलर्स) ने सोमवार को अपना कारोबार बंद रखा. देशव्यापी हड़ताल में शामिल हुए.
ज्वेलर्स एसोसिएशन ऑफ अहमदाबाद के अध्यक्ष जिगर सोनी ने दावा किया कि अहमदाबाद में करीब 6,000 आभूषण की दुकानें और शोरूम मालिक एक सरल हॉलमार्किंग प्रक्रिया की मांग को लेकर हड़ताल में शामिल हुए.
अहमदाबाद के अलावा, राजकोट और कई अन्य शहरों के सभी प्रमुख आभूषण बाजारों में भी दुकानें बंद रहने से सुबह से ही सन्नाटा पसरा रहा. आभूषण उद्योग से जुड़़े लोगों ने दावा किया कि राजकोट में लगभग 4,000 इकाइयां तथा सूरत सहित पूरे दक्षिण गुजरात में 3,500 दुकानें और शोरूम बंद रहे.
राजकोट के एक प्रमुख जौहरी अरविंद पटाडिया ने कहा, 'हम हॉलमार्किंग के खिलाफ नहीं हैं. हम नए पेश किए गए एचयूआईडी के बारे में चिंतित हैं, क्योंकि इसमें हमारा बहुत समय लगेगा और प्रक्रिया भी सरल नहीं है.' इस नई प्रणाली के तहत हॉलमार्किंग के समय हर आभूषण को एक विशिष्ट कोड दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि कोड जौहरी के साथ-साथ ग्राहक की पहचान करने में भी मदद करेगा.
उन्होंने कहा, किसी एक आभूषण पर एचयूआईडी स्टाम्प प्राप्त करने में दो सप्ताह से अधिक का समय लगेगा. इससे हमारा व्यवसाय समाप्त हो जाएगा. कल्पना कीजिए कि हम केवल एचयूआईडी स्टाम्प प्राप्त करने के लिए कितना समय और ऊर्जा खर्च करेंगे.' उन्होंने दावा किया कि यह प्रणाली अंततः 'इंस्पेक्टर राज' को वापस लाएगी.
पटाड़िया ने कहा, 'बेनामी लेनदेन पर नजर रखने के लिए, एचयूआईडी ग्राहकों के बारे में जानकारी भी रखता है. हम चाहते हैं कि सरकार प्रक्रिया को और अधिक सरल और तेज बनाए. मुझे विश्वास है कि केंद्र एक अनुकूल निर्णय लेगा.' सूरत के जौहरी दीपक चोकसी ने दावा किया कि दक्षिण गुजरात के करीब 3,500 जौहरी सोमवार को हड़ताल में शामिल हुए.
जम्मू कश्मीर में विरोध प्रदर्शन
उधर, जम्मू कश्मीर में सर्राफा व्यवसायियों ने अपने प्रतिष्ठानों को बंद रख कर देशव्यापी विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया. सर्राफा एसोसिएशन जम्मू तथा स्वर्णकार संघ एडहॉक कमेटी जम्मू ने संयुक्त रूप से शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया . इन लोगों ने हॉलमार्क को लागू किये जाने के खिलाफ नारेबाजी की.
सर्राफा एसोसिएशन जम्मू के अध्यक्ष रमन सूरी ने कहा, 'नीति आयोग की सफारिशों के अनुसार लागू किया गया नया बीआईएस अधिनियम अच्छा नहीं है. नए कानूनों का कार्यान्वयन मनमाने ढंग से किया गया है, विशेष रूप से सोने के आभूषणों की हॉलमार्किंग के संबंध में. इसे लागू करना बेहद मुश्किल हो रहा है.'
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गौरतलब है कि 16 जून से चरणबद्ध तरीके से सोने की 'हॉलमार्किंग' अनिवार्य की गई है. सरकार ने पहले चरण के कार्यान्वयन के लिए 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 256 जिलों की पहचान की है. कीमती धातु की शुद्धता का प्रमाणीकरण 'हॉलमार्किंग' अब तक स्वैच्छिक थी.
(एजेंसी इनपुट)