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शिक्षक बनने के इच्छुक युवाओं को सरकार ने दिया बड़ा झटका

उत्तराखंड में बीएड डिग्री धारकों के रोजगार को लेकर संभावनाएं बेहद कम हो गई हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने एनसीटीई के नए पाठ्यक्रमों पर रोक लगा दी है.

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Published : Jun 28, 2019, 10:08 PM IST

राज्य सरकार ने एनसीटीई के नए पाठ्यक्रमों पर लगाई रोक.

देहरादून: प्रदेश सरकार ने राष्‍ट्रीय अध्‍यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के नए पाठ्यक्रमों पर निर्णय लिया है. एनसीटीई के इंटीग्रेटेड पाठ्यक्रमों की मान्यता पर सरकार ने रोक लगा दी है. इसके बाद अब छात्र एनसीटीई के 4 वर्षीय पाठ्यक्रमों का लाभ नहीं ले पाएंगे.

सरकार के इस फैसले के बाद अब 12वीं के बाद शिक्षक बनने की ख्वाहिश रखने वाले छात्रों को मायूस होना पड़ेगा. सरकार ने यह निर्णय उत्तराखंड में बीएड डिग्री धारकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए लिया है.

राज्य सरकार ने एनसीटीई के नए पाठ्यक्रमों पर लगाई रोक.

दरअसल, उत्तराखंड में बीएड डिग्री धारकों के रोजगार को लेकर संभावनाएं बेहद कम हो गई हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने एनसीटीई के नए पाठ्यक्रमों पर रोक लगा दी है.

सरकार ने करीब 6 साल पहले ही B.Ed के नए कॉलेजों की एनओसी पर भी रोक लगा दी थी. इसके बाद D.El.Ed को लेकर सरकारी और निजी कॉलेजों के संचालन पर भी सरकार रोक लगा चुकी है. ऐसे में अब महज छात्र डायट के जरिए ही इन पाठ्यक्रमों को चुन पा रहे थे.

देहरादून: प्रदेश सरकार ने राष्‍ट्रीय अध्‍यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के नए पाठ्यक्रमों पर निर्णय लिया है. एनसीटीई के इंटीग्रेटेड पाठ्यक्रमों की मान्यता पर सरकार ने रोक लगा दी है. इसके बाद अब छात्र एनसीटीई के 4 वर्षीय पाठ्यक्रमों का लाभ नहीं ले पाएंगे.

सरकार के इस फैसले के बाद अब 12वीं के बाद शिक्षक बनने की ख्वाहिश रखने वाले छात्रों को मायूस होना पड़ेगा. सरकार ने यह निर्णय उत्तराखंड में बीएड डिग्री धारकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए लिया है.

राज्य सरकार ने एनसीटीई के नए पाठ्यक्रमों पर लगाई रोक.

दरअसल, उत्तराखंड में बीएड डिग्री धारकों के रोजगार को लेकर संभावनाएं बेहद कम हो गई हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने एनसीटीई के नए पाठ्यक्रमों पर रोक लगा दी है.

सरकार ने करीब 6 साल पहले ही B.Ed के नए कॉलेजों की एनओसी पर भी रोक लगा दी थी. इसके बाद D.El.Ed को लेकर सरकारी और निजी कॉलेजों के संचालन पर भी सरकार रोक लगा चुकी है. ऐसे में अब महज छात्र डायट के जरिए ही इन पाठ्यक्रमों को चुन पा रहे थे.

Intro:summary- उत्तराखंड सरकार ने एनसीटीई के नए पाठ्यक्रमों पर निर्णय लेते हुए एनओसी देने पर रोक लगा दी है... इसके बाद अब एनसीटीई यानी राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के 4 वर्षीय पाठ्यक्रमों को छात्र नहीं कर पाएंगे....

राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के इंटीग्रेटेड पाठ्यक्रमों की मान्यता पर सरकार ने रोक लगा दी है। सरकार के इस फैसले के बाद अब 12वीं के बाद शिक्षक बनने की ख्वाहिश रखने वाले छात्रों को मायूस होना पड़ेगा। सरकार ने निर्णय प्रदेश में बीएड डिग्री धारकों की बढ़ती संख्या के कारण लिया है।


Body:उत्तराखंड में बीएड डिग्री धारकों के रोजगार को लेकर संभावनाएं बेहद कम हो गई है इसी का नतीजा है कि राज्य में लगातार बेरोजगार बीएड डिग्री धारकों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने एक बड़ा निर्णय लेते हुए एनसीटीई के नए पाठ्यक्रमों पर रोक लगा दी है। आपको बता दें कि सरकार ने करीब 6 साल पहले ही B.Ed के नए कॉलेजों की एनओसी पर भी रोक लगा दी थी इसके बाद D.El.Ed को लेकर सरकारी और निजी कॉलेजों के संचालन पर भी सरकार रोक लगा चुकी है ऐसे में अब महज छात्र डायट के जरिए ही इन पाठ्यक्रमों को चुन पा रहे थे।
खास बात यह है कि अब 12वीं पास करने के बाद एनसीटीई के 4 साल के पाठ्यक्रम को कर शिक्षक बनने की ख्वाहिश रखने वाले छात्रों के लिए भी सरकार ने दरवाजे बंद कर दिए हैं राज्य सरकार ने पाठ्यक्रम पर रोक लगा कर ऐसे छात्रों को तगड़ा झटका दिया है।



Conclusion:राज्य में लगातार शिक्षकों के पदों की रिक्तियों में संख्या कम होती जा रही है और शिक्षक बनने की ख्वाहिश रखने वाले डिग्री धारकों की संख्या में बेहद ज्यादा इजाफा हो रहा है और सरकार ने इस बात को समझते हुए बेरोजगार डिग्री धारकों के आंदोलन से बचने के लिए इस फैसले को लिया है।
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