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स्लाटर हाउस को लेकर नैनीताल हाई कोर्ट सख्त, हल्द्वानी नगर आयुक्त को कोर्ट में पेश होने के आदेश - स्लाटर हाउस

कोर्ट ने राज्य सरकार को 3 माह के अंदर सभी वैध स्लाटर हाउसों को अस्तित्व में लाने के आदेश दिए हैं. nainital high court, slater house construction, uttarakhand high court, hearing, नैनीताल हाई कोर्ट, स्लाटर हाउस, उत्तराखंड हाई कोर्ट

नैनीताल हाई कोर्ट सख्त
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Published : Mar 7, 2019, 6:15 PM IST

नैनीताल: राज्य में स्लाटर हाउस निर्माण मामले में नैनीताल हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए हल्द्वानी नगर निगम आयुक्त को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिये है. साथ नैनीताल नगर पालिका को 1 सप्ताह में जवाब पेश करने का कहा है.

नैनीताल हाई कोर्ट सख्त

इसके साथ ही हाई कोर्ट ने नगर पालिका रामनगर से स्लाटर हाउस की डीपीआर और कितने समय में बनकर चालू हो जाएगी, इसकी रिपोर्ट भी कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं. इसके अलावा कोर्ट ने राज्य सरकार को 3 माह के अंदर सभी वैध स्लाटर हाउसों को अस्तित्व में लाने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए हैं कि वो इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में दायर विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) की जानकारी भी अगली तिथि पर कोर्ट में पेश करे.

बता दें कि पूर्व में सुनवाई के दौरान नैनीताल हाई कोर्ट की एकल पीठ ने प्रदेश में चल रहे सभी अवैध स्लाटर हाउसों को बंद करने के आदेश दिए थे. कोर्ट ने कहा था कि किसी भी स्थिति में खुले में जानवरों को न काटा जाए. जिसके बाद प्रदेश में सभी स्लाटर हाउस बंद कर दिए गए थे.

हाई कोर्ट के इस आदेश को मीट कारोबारियों ने नैनीताल हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि हाई कोर्ट ने 9 दिसंबर 2011 को कोर्ट को आदेश दिया था कि राज्य सरकार प्रदेश में मानकों के अनुसार स्लाटर हाउस बनाए, लेकिन सरकार ने 8 साल बाद भी कोर्ट के इस आदेश का पालन नहीं किया. जिस वजह से स्लाटर हाउसों का मामला अधर में लटका है. लिहाजा कोर्ट के आदेशों का पालन न करने के मामले में संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए. स्लाटर हाउस बंद होने के बाद कुछ मीट कारोबारी सुप्रीम कोर्ट भी गए हैं, जहां उनकी तरफ से स्पेशल अपील दायर की गई है, ताकी उनको राहत मिल सके.

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नैनीताल: राज्य में स्लाटर हाउस निर्माण मामले में नैनीताल हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए हल्द्वानी नगर निगम आयुक्त को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिये है. साथ नैनीताल नगर पालिका को 1 सप्ताह में जवाब पेश करने का कहा है.

नैनीताल हाई कोर्ट सख्त

इसके साथ ही हाई कोर्ट ने नगर पालिका रामनगर से स्लाटर हाउस की डीपीआर और कितने समय में बनकर चालू हो जाएगी, इसकी रिपोर्ट भी कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं. इसके अलावा कोर्ट ने राज्य सरकार को 3 माह के अंदर सभी वैध स्लाटर हाउसों को अस्तित्व में लाने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए हैं कि वो इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में दायर विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) की जानकारी भी अगली तिथि पर कोर्ट में पेश करे.

बता दें कि पूर्व में सुनवाई के दौरान नैनीताल हाई कोर्ट की एकल पीठ ने प्रदेश में चल रहे सभी अवैध स्लाटर हाउसों को बंद करने के आदेश दिए थे. कोर्ट ने कहा था कि किसी भी स्थिति में खुले में जानवरों को न काटा जाए. जिसके बाद प्रदेश में सभी स्लाटर हाउस बंद कर दिए गए थे.

हाई कोर्ट के इस आदेश को मीट कारोबारियों ने नैनीताल हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि हाई कोर्ट ने 9 दिसंबर 2011 को कोर्ट को आदेश दिया था कि राज्य सरकार प्रदेश में मानकों के अनुसार स्लाटर हाउस बनाए, लेकिन सरकार ने 8 साल बाद भी कोर्ट के इस आदेश का पालन नहीं किया. जिस वजह से स्लाटर हाउसों का मामला अधर में लटका है. लिहाजा कोर्ट के आदेशों का पालन न करने के मामले में संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए. स्लाटर हाउस बंद होने के बाद कुछ मीट कारोबारी सुप्रीम कोर्ट भी गए हैं, जहां उनकी तरफ से स्पेशल अपील दायर की गई है, ताकी उनको राहत मिल सके.

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Intro:स्लग-जवाब

रिपोर्ट-गौरव जोशी

स्थान-नैनीताल

एंकर-हाई कोर्ट के आदेश पर बन्द हुए स्लाटर हाऊस के मामले मे नैनीताल हाई कोर्ट ने सक्त रुख अपनाते हुए हल्द्वानी नगर निगम आयुक्त को वियक्तिगत रुप से कोर्ट मे पेश होने के आदेश दिये है,,साथ ही नगर पालिका नैनीताल को 1सप्ताह मे अपना पक्ष कोर्ट मे रखने को कहा है,,
वही नगर पालिका रामनगर को स्लाटर हाऊस की DPR ओर स्लाटर हाऊस कित्ने समय मे बन कर चालू हो जायेगा इसकी रिपोर्ट कोर्ट मे पेश करने के आदेश दिये है


Body:वही कोर्ट ने राज्य सरकार को प्रदेश भर मे 3माह के भीतर सभी वेध स्लाटर हाऊसो को अस्तित्व मे लाने के भी आदेश दिये है वही सरकार से कहा ही की सरकार सुप्रीम कोर्ट मे दायर SIP की जानकारी भी अग्ली तिथी मे कोर्ट मे पेश करे,,,


Conclusion:आपको बता दे की पुर्व मे नैनीताल हाई कोर्ट की एकल पीठ ने प्रदेश के सभी अवेध स्लाटर हाऊसो को बन्द करने के आदेश दिये थे,ओर कहा था की खुले मे किसी भी स्थिति मे जानवर ना काटे जाए,,,जिसके बाद से प्रदेश के सभी स्लाटर हाऊस बन्द है।
कोर्ट के इस आदेश को मीट करोबरियो बे नैनीताल हाई कोर्ट मे चुनौती दी जिस्मे कहा गया की पुर्व मे हाई कोर्ट ने 9 दिसंबर 2011को आदेश जारी कर सरकार से कहा था की प्रदेश मे मानको के अनुसार स्लाटर हाऊस बनाये जाए,,लेकिन कोर्ट के आदेश के 8साल के बाद भी कोई पालन नही करा गया,,जिस वझ से स्लाटर हाऊसो का मामला अधर मे है,,,
लिहाजा कोर्ट के आदेशो का पालन ना करने के मामले मे संबंधीत अशिकरियो पर अवमानना की कार्यवाही की जाए,,,
वही स्लाटर हाऊस बन्द होने के बाद से मीट कारोबारी सुप्रीम कोर्ट भी गए है जहा उनकी तरफ से स्पेसल अपील दायर की गई है,,,ताकी उनको राहत मिल सके।

बाईट-कार्तिके हरी गुप्ता अधिवक्ता मीट कारोबारी।
नोट-बाईट मेल से भेजी है plz उठा ले
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