हैदराबाद: रमजान के महीने में अल्लाह तआला ने मुसलमानों के लिए रोज़ा रखना फ़र्ज़ कर दिया है. उपवास इस्लाम के पांच महत्वपूर्ण कर्तव्यों में से एक है. इस दौरान दुनिया भर के मुसलमान 30 रोजे रखते हैं. इस्लाम को मानने वाले लोग रमजान के दौरान सुबह सहरी करते हैं और फिर पूरे दिन रोजे रखने के बाद शाम को अपना रोजा खोलते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि रोजेदार इफ्तार में खजूर क्यों शामिल करते हैं तो आपको बता दें कि खजूर से रोजा तोड़ने के पीछे धार्मिक के साथ-साथ वैज्ञानिक कारण भी हैं.
खजूर से व्रत तोड़ने का धार्मिक कारण
धार्मिक दृष्टि से देखें तो रमजान में खजूर से रोजा खोलना सुन्नत है और पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) खजूर पसंद करते थे और खजूर से रोजा खोलते थे. इसीलिए आज भी रोज़े रखने वाले लोग सुन्नत के तरीक़े से खजूर खाकर अपना रोज़ा खोलते हैं.
खजूर से व्रत तोड़ने का वैज्ञानिक कारण
खजूर से इफ्तार को करने का वैज्ञानिक कारण भी है. डॉक्टर्स का कहना है कि खजूर खाने से शरीर को तुरंत एनर्जी मिलती है क्योंकि दिन भर व्रत रखने से एनर्जी लेवल कम हो जाता है इसलिए खजूर खाया जाता है. इसके अलावा खजूर पाचन के लिए भी अच्छे होते हैं.
खजूर फाइबर, आयरन, कैलोरी, प्रोटीन, विटामिन और कॉपर से भरपूर होता है, जो शरीर को मजबूत बनाने के लिए जरूरी होता है. डॉक्टरों का कहना है कि केवल खजूर खाने से शरीर को दिन भर में आवश्यक फाइबर की मात्रा मिल सकती है. खजूर खाने से शरीर को पर्याप्त ऊर्जा मिलती है, जिससे दिन भर उपवास करने से आई कमजोरी दूर हो जाती है.
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