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उत्तराखंड का संसद सिक्योरिटी ब्रीच कनेक्शन, 29 साल पहले भी हुआ था ऐसा ही वाक्या, जब संसद में घुसे थे राज्य आंदोलनकारी - उत्तराखंड राज्य की मांग

Parliament Security Breach Uttarakhand Connection संसद की सुरक्षा में सेंधमारी का मामला देशभर में सुर्खियां बटोर रहा है. इस घटना से हर कोई स्तब्ध है और हैरान भी, लेकिन 29 साल पहले भी एक ऐसी ही घटना ने पूरे देश में पहाड़ी क्षेत्र को चर्चाओं में ला दिया था. जब उत्तराखंड राज्य की मांग को लेकर कुछ युवा संसद में बेखौफ घुस गए थे. जानिए क्या था यह पूरा घटनाक्रम और 13 दिसंबर की घटना के बाद उत्तराखंड में संसद से जुड़ी एक घटना को क्यों किया जा रहा है याद...

Parliament Security Breach
लोकसभा की कार्यवाही के दौरान संसद में घुसे युवक
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 14, 2023, 7:52 PM IST

Updated : Dec 15, 2023, 6:09 PM IST

उत्तराखंड का संसद सिक्योरिटी ब्रीच कनेक्शन

देहरादून (उत्तराखंड): संसद की सुरक्षा में सेंधमारी को लेकर 13 दिसंबर 2023 का दिन देश के इतिहास में दर्ज हो गया है. लेकिन यह पहली मर्तबा नहीं है, जब संसद की सुरक्षा दांव पर लगी हो. करीब 22 साल पहले संसद में आतंकवादी घटना को अंजाम दिया गया. आतंकवादी संसद परिसर में घुसने में कामयाब भी हो गए थे. हालांकि, इससे भी चौंकाने वाली घटना आज से ठीक 29 साल पहले हुई थी. क्योंकि, तब संसद में जो लोग घुसे थे, वो एक अलग राज्य के गठन की मांग को संसद तक पहुंचाने के इरादे से ये हिमाकत कर बैठे थे.

  • #WATCH लोकसभा की विजिटर गैलरी से एक अज्ञात व्यक्ति कूद गया जिसके बाद सदन में हंगामा हुआ और सदन को स्थगित कर दिया गया। pic.twitter.com/70ZCasi3nC

    — ANI_HindiNews (@AHindinews) December 13, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

24 अगस्त 1994 को संसद में घुसे थे उत्तराखंड के राज्य आंदोलनकारीः आज जब 13 दिसंबर की घटना ने पूरे देश में हड़कंप मचा दिया है, तब 29 साल पहले का वो दिन उत्तराखंड के लोगों को फिर याद आने लगा है. यह दिन 24 अगस्त 1994 का था. जब संसद में दो युवक 13 दिसंबर की तरह ही दर्शक दीर्घा में पहुंच गए थे. इनमें पहला नाम मोहन पाठक का था तो दूसरा नाम मनमोहन तिवारी का था. बताया जाता है कि उनके कुछ दूसरे साथी भी संसद में गए थे, लेकिन ये दो युवा राज्य आंदोलनकारी ही दर्शक दीर्घा तक पहुंच सके. इसके बाद उन्होंने जो कदम उठाया, उसकी चर्चा पूरे देश में होने लगी थी.
ये भी पढ़ेंः लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से कूदे दो शख्स, सांसदों ने पकड़ा

संसद में घुसे थे मनमोहन तिवारी और मोहन पाठक: दरअसल, संसद में घुसे मनमोहन तिवारी और मोहन पाठक ने संसद के दर्शक दीर्घा से नारेबाजी शुरू कर दी थी. यह नारेबाजी उत्तर प्रदेश से पहाड़ी क्षेत्र को अलग करते हुए एक नए राज्य के गठन से जुड़ी थी. बताया जाता है कि मोहन पाठक ने दर्शक दीर्घा के चेंबर से छलांग लगाते हुए 13 दिसंबर को हुई घटना की तरह ही सांसदों के बीच जाकर नारेबाजी शुरू कर दी थी.

Parliament Security Breach Uttarakhand Connection
संसद में घुसे थे मनमोहन तिवारी और मोहन पाठक

जबकि, मनमोहन तिवारी ने दर्शक दीर्घा से ही अलग राज्य के गठन को लेकर नारेबाजी कर पर्चे फेंकने शुरू कर दिए. इस घटना के बाद संसद की अवमानना को लेकर इन दोनों को ही तीन दिन की सजा सुनाई गई थी और इसके बाद इन्हें तिहाड़ जेल भेज दिया गया था. जिस दौरान यह घटना हुई, उस समय तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव की सरकार थी और शिवराज पाटिल तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष थे.

Parliament Security Breach Uttarakhand Connection
24 अगस्त 1994 को संसद में घुसे थे उत्तराखंड के 2 राज्य आंदोलनकारी
ये भी पढ़ेंः कैसी होती है संसद भवन की सुरक्षा व्यवस्था, एक नजर

क्या कहते हैं राज्य आंदोलनकारी: इस घटना को याद करते हुए आज उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी कहते हैं कि कई बार युवाओं में अपनी मांगों को लेकर आक्रोश बेहद ज्यादा होता है. इसी आक्रोश में इस तरह का कदम भी युवा उठा लेते हैं. 13 दिसंबर की घटना भी कुछ ऐसे ही आक्रोश को जाहिर करती है. जबकि, राज्य आंदोलन के दौरान 1994 में भी जो घटना हुई, उस दौरान भी प्रदेश में नए राज्य को लेकर भारी उबाल था.

Mohan Pathak
उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मोहन पाठक

उत्तराखंड राज्य आंदोलन की यादें हुई ताजाः उत्तराखंड में राज्य आंदोलन का इतिहास काफी बड़ा और राज्य वासियों के लिए काफी कठिन रहा है. ऐसे में आज जब 13 दिसंबर की घटना से पूरे देश में तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, तब उत्तराखंड के लोग राज्य आंदोलन के दौरान हुई विभिन्न घटनाओं को याद कर रहे हैं. खासतौर पर संसद में युवाओं के घुसने की घटना फिर से लोगों के जेहन में ताजा हो गई है.
ये भी पढ़ेंः लोकसभा में सुरक्षा चूक- एक आरोपी लातूर का, तमिलनाडु कांग्रेस के सांसद ने भाजपा को घेरा

उत्तराखंड का संसद सिक्योरिटी ब्रीच कनेक्शन

देहरादून (उत्तराखंड): संसद की सुरक्षा में सेंधमारी को लेकर 13 दिसंबर 2023 का दिन देश के इतिहास में दर्ज हो गया है. लेकिन यह पहली मर्तबा नहीं है, जब संसद की सुरक्षा दांव पर लगी हो. करीब 22 साल पहले संसद में आतंकवादी घटना को अंजाम दिया गया. आतंकवादी संसद परिसर में घुसने में कामयाब भी हो गए थे. हालांकि, इससे भी चौंकाने वाली घटना आज से ठीक 29 साल पहले हुई थी. क्योंकि, तब संसद में जो लोग घुसे थे, वो एक अलग राज्य के गठन की मांग को संसद तक पहुंचाने के इरादे से ये हिमाकत कर बैठे थे.

  • #WATCH लोकसभा की विजिटर गैलरी से एक अज्ञात व्यक्ति कूद गया जिसके बाद सदन में हंगामा हुआ और सदन को स्थगित कर दिया गया। pic.twitter.com/70ZCasi3nC

    — ANI_HindiNews (@AHindinews) December 13, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

24 अगस्त 1994 को संसद में घुसे थे उत्तराखंड के राज्य आंदोलनकारीः आज जब 13 दिसंबर की घटना ने पूरे देश में हड़कंप मचा दिया है, तब 29 साल पहले का वो दिन उत्तराखंड के लोगों को फिर याद आने लगा है. यह दिन 24 अगस्त 1994 का था. जब संसद में दो युवक 13 दिसंबर की तरह ही दर्शक दीर्घा में पहुंच गए थे. इनमें पहला नाम मोहन पाठक का था तो दूसरा नाम मनमोहन तिवारी का था. बताया जाता है कि उनके कुछ दूसरे साथी भी संसद में गए थे, लेकिन ये दो युवा राज्य आंदोलनकारी ही दर्शक दीर्घा तक पहुंच सके. इसके बाद उन्होंने जो कदम उठाया, उसकी चर्चा पूरे देश में होने लगी थी.
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संसद में घुसे थे मनमोहन तिवारी और मोहन पाठक: दरअसल, संसद में घुसे मनमोहन तिवारी और मोहन पाठक ने संसद के दर्शक दीर्घा से नारेबाजी शुरू कर दी थी. यह नारेबाजी उत्तर प्रदेश से पहाड़ी क्षेत्र को अलग करते हुए एक नए राज्य के गठन से जुड़ी थी. बताया जाता है कि मोहन पाठक ने दर्शक दीर्घा के चेंबर से छलांग लगाते हुए 13 दिसंबर को हुई घटना की तरह ही सांसदों के बीच जाकर नारेबाजी शुरू कर दी थी.

Parliament Security Breach Uttarakhand Connection
संसद में घुसे थे मनमोहन तिवारी और मोहन पाठक

जबकि, मनमोहन तिवारी ने दर्शक दीर्घा से ही अलग राज्य के गठन को लेकर नारेबाजी कर पर्चे फेंकने शुरू कर दिए. इस घटना के बाद संसद की अवमानना को लेकर इन दोनों को ही तीन दिन की सजा सुनाई गई थी और इसके बाद इन्हें तिहाड़ जेल भेज दिया गया था. जिस दौरान यह घटना हुई, उस समय तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव की सरकार थी और शिवराज पाटिल तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष थे.

Parliament Security Breach Uttarakhand Connection
24 अगस्त 1994 को संसद में घुसे थे उत्तराखंड के 2 राज्य आंदोलनकारी
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क्या कहते हैं राज्य आंदोलनकारी: इस घटना को याद करते हुए आज उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी कहते हैं कि कई बार युवाओं में अपनी मांगों को लेकर आक्रोश बेहद ज्यादा होता है. इसी आक्रोश में इस तरह का कदम भी युवा उठा लेते हैं. 13 दिसंबर की घटना भी कुछ ऐसे ही आक्रोश को जाहिर करती है. जबकि, राज्य आंदोलन के दौरान 1994 में भी जो घटना हुई, उस दौरान भी प्रदेश में नए राज्य को लेकर भारी उबाल था.

Mohan Pathak
उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मोहन पाठक

उत्तराखंड राज्य आंदोलन की यादें हुई ताजाः उत्तराखंड में राज्य आंदोलन का इतिहास काफी बड़ा और राज्य वासियों के लिए काफी कठिन रहा है. ऐसे में आज जब 13 दिसंबर की घटना से पूरे देश में तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, तब उत्तराखंड के लोग राज्य आंदोलन के दौरान हुई विभिन्न घटनाओं को याद कर रहे हैं. खासतौर पर संसद में युवाओं के घुसने की घटना फिर से लोगों के जेहन में ताजा हो गई है.
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Last Updated : Dec 15, 2023, 6:09 PM IST
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