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हरिद्वार कुंभ में जिस लैब ने किए लाखों टेस्ट, उसका पता निकला फर्जी

हरिद्वार कुंभ में लाखों लोगों का टेस्ट करने वाली लैब का दिल्ली में कोई ऑफिस ही नहीं है. दरअसल, ईटीवी भारत की टीम ने खुद उसे पते पर जाकर मामले की जांच पड़ताल की है.

UTTARAKHAND FAKE COVID TEST LAB
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Published : Jun 16, 2021, 8:55 PM IST

नई दिल्ली/देहरादून : उत्तराखंड के हरिद्वार में अप्रैल में आयोजित महाकुंभ मेला एक बार फिर सुर्खिया में है. इस बार मामला कोविड टेस्ट रिपोर्ट को लेकर है. क्योंकि हरिद्वार कुंभ के दौरान निजी लैब द्वारा किए गए करीब एक लाख टेस्ट संदेह के घेरे में आ गए हैं. इस मामले में शासन और प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं. वहीं ईटीवी भारत ने अपने स्तर से मामले की पड़ताल की.

ईटीवी भारत की पड़ताल में सामने आया कि लैब और कंपनी दोनों के पते गलत हैं. कंपनी की साइट पर कंपनी और लैब का जो पता दिया गया है, वहां पर इन नामों से कुछ भी नहीं है. महाकुंभ में मैक्स कॉरपोरेट सर्विस (Max Corporate Service) कंपनी पर कथित रूप से रिपोर्ट में फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगा है. ईटीवी भारत ने कंपनी में जाकर अधिकारियों से सच्चाई जानी चाहिए.

इसके लिए सबसे पहले कंपनी की वेबसाइट पते का जानकारी ली गई है. वेबसाइट पर कंपनी का पता C-206, सेक्टर-63 नोएडा दिया गया था और लैब का पता दिल्ली में दिया गया था. इसके बाद ईटीवी भारत की टीम दोनों जगह पर गई. दिल्ली में जब लैब के पते पर ईटीवी भारत की टीम पहुंची, तो हैरानी की बात यह है कि ऐसी कोई लैब बताए गए पते पर नहीं है.

हरिद्वार कुंभ में लाखों टेस्ट करने वाली लैब का पता निकला फर्जी, देखें ईटीवी भारत की पड़ताल

पते पर कोई लैब नहीं

दरअसल, लैब का एड्रेस फर्जी दिया गया था. मैक्स कॉरपोरेट सर्विस की लैब का जो पता वेबसाइट पर दिया गया है, उसके मुताबिक भीकाजी कामा प्लेस दिल्ली के 515 नंबर से लैब संचालित हो रही है. लेकिन ईटीवी भारत की टीम जब वहां पहुंची तो देखा कि इस नाम से वहां कोई लैब ही नहीं है. बल्कि 515 नंबर के दो कमरे हैं, 515a और 515बी. इससे साफ जाहिर होता है कि जिस पते पर एक लाख से अधिक लोगों की कोरोना की फर्जी रिपोर्ट को बनाया गया है, वहां पर कोई लैब ही मौजूद ही नहीं है.

हरिद्वार कुंभ में लाखों टेस्ट करने वाली लैब का पता निकला फर्जी, देखें ईटीवी भारत की पड़ताल

साथ ही सवाल ये भी खड़ा होता है कि भीकाजी कामा प्लेस दिल्ली के दक्षिण जिले में मौजूद है, लेकिन लैब की बेवसाइट में जो पता लिखा है. उसे पूर्वी दिल्ली का हिस्सा बताया गया है. ईटीवी भारत की पड़ताल से यह साफ हो गया है कि यहां पर किसी प्रकार की टेस्टिंग नहीं हुई है और यह पूरा मामला फर्जीवाड़े का है.

कंपनी का पता भी निकला फर्जी

इसके बाद मैक्स कॉरपोरेट सर्विस (Max Corporate Service) के कंपनी के पते की जांच की गई. कंपनी की वेबसाइट में जो पता दिया गया है, उस पते पर ईटीवी भारत की टीम पहुंची. वेबसाइट पर नोएडा का C-206, सेक्टर-63 पता दिया गया है. जब ईटीवी भारत की टीम कंपनी के पते पर पहुंची, तो ऐसा कोई भी ऑफिस यहां दिखाई नहीं दिया. एक बड़ा सवाल ये खड़ा होता है कि जब निजी कंपनी को इतने बड़े स्तर पर कोरोना जांच करने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई थी, उस कंपनी का एड्रेस वेरिफाई क्यों नहीं किया गया?

पढ़ें- कुंभ में फर्जी कोविड टेस्ट का मामला, आरोपी कंपनी का 3 करोड़ का पेमेंट रोका

कांग्रेस भी हुई हमलावर

कांग्रेस ने भी इस मामले में सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि पूरे देश और दुनिया के सनातनी धर्म को अपने कंधों पर उठाने वाली बीजेपी ने हरिद्वार महाकुंभ में इतने बड़े घोटाले को अंजाम दे दिया. हरिद्वार कुंभ में लाखों लोगों को फर्जी कोविड रिपोर्ट पकड़ा दी गई है. अब धीरे-धीरे इस घोटले की परत खुल रही है.

उन्होंने बताया कि रिपोर्ट में एक ही पते पर 500 लोगों के रहने का जिक्र किया है. इसके अलावा हजारों लोगों के लिए एक ही नंबर इस्तेमाल किया गया है, जिसे साफ पता चलता है कि कोविड रिपोर्ट के नाम पर हरिद्वार कुंभ में बड़ा घोटाला हुआ है. हरिद्वार में कोरोना पॉजिटिवी दर एक प्रतिशत से कम दिखाया गया है, जबकि वास्तविकता यह रही है कि कोरोना काल के दौरान हरिद्वार में 10% से अधिक पॉजिटिविटी रेट रहा है. केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार ने इस महाकुंभ में महा पाप किया है.

फर्जीवाड़े की पूरी कहानी
फर्जीवाड़े की पूरी कहानी

क्या है मामला

बता दें कि कुंभ मेला 2021 के दौरान हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं की एक प्राइवेट लैब द्वारा की गई कोरोना जांच अब सवालों के घेरे में आ गई है. क्योंकि कुंभ मेले के दौरान किए गए 1 लाख कोरोना टेस्ट रिपोर्ट फर्जी मिले हैं. प्राइवेट लैब द्वारा फर्जी तरीके से श्रद्धालुओं की जांच कर कुंभ मेला प्रशासन को लाखों रुपए का चूना लगाने का प्रयास किया गया है. इस प्राइवेट लैब द्वारा एक ही फोन नंबर को कई श्रद्धालुओं की जांच रिपोर्ट में डाला गया है.

पढ़ें- कुंभ में कोरोना जांच पर उठे सवाल, सैंपल सबसे ज्यादा और संक्रमित सबसे कम

यही नहीं, कई जांच रिपोर्ट में एक ही आधार नंबर का इस्तेमाल किया गया है. वहीं, एक ही घर से सैकड़ों लोगों की जांच का मामला भी सामने आया है, जो असंभव सा लगता है, क्योंकि सैकड़ों लोगों की रिपोर्ट में घर का एक ही पता डाला गया है. अब इस मामले में हरिद्वार जिलाधिकारी सी रविशंकर ने जांच कमेटी का गठन कर 15 दिन में रिपोर्ट पेश के आदेश दिए हैं. इस एक दिल्ली की लैब भी थी, लेकिन ईटीवी भारत की पड़ताल में सामने आया कि दिल्ली में लैब का जो पता दिया गया था, वहां पर कोई लैब ही नहीं है.

ऐसे हुआ खुलासा

हरिद्वार कुंभ में हुए टेस्ट के घपले का खुलासा ऐसे ही नहीं हुआ. स्वास्थ्य विभाग के सूत्र बताते हैं यह कहानी शुरू हुई पंजाब के फरीदकोट से. यहां रहने वाले एक शख्स विपन मित्तल की वजह से कुंभ में कोविड जांच घोटाले की पोल खुल सकी. एलआईसी एजेंट विपन मित्तल को उत्तराखंड की एक लैब से फोन आता है, जिसमें यह कहा जाता है कि 'आप की रिपोर्ट निगेटिव आई है', जिसके बाद विपन कॉलर को जवाब देता है कि उसका तो कोई कोरोना टेस्ट हुआ ही नहीं है तो रिपोर्ट भला कैसे निगेटिव आ गई. फोन आने के बाद विपन ने फौरन स्थानीय अधिकारियों को मामले की जानकारी दी. स्थानीय अधिकारियों के ढुलमुल रवैए को देखते हुए पीड़ित शख्स ने तुरंत भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) से शिकायत की. ICMR ने घटना को गंभीरता से लेते हुए उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग से जवाब मांगा.

उत्तराखंड सरकार से होते हुए ये शिकायत स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी के पास पहुंची. जब उन्होंने पूरे मामले की जांच करायी तो बेहद चौंकाने वाले खुलासे हुए. स्वास्थ्य विभाग ने पंजाब फोन करने वाले शख्स से जुड़ी लैब की जांच की तो परत-दर-परत पोल खुलती गई. जांच में एक लाख कोरोना रिपोर्ट फर्जी पाए गए.

पढ़ें- हरिद्वार कुंभ: कोरोना टेस्टिंग में महाफर्जीवाड़ा, पंजाब के इस शख्स ने खोली जांच घोटाले की पोल

एक किट से हुई 700 से अधिक सैंपलिंग

स्वास्थ्य विभाग से जुड़े सूत्र बताते हैं कि एक ही एंटीजन टेस्ट किट से 700 सैंपल्स की टेस्टिंग की गई थी. इसके साथ ही टेस्टिंग लिस्ट में सैकड़ों व्यक्तियों के नाम पर एक ही फोन नंबर अंकित था. स्वास्थ्य विभाग की जांच में दूसरे लैब का भी यही हाल सामने आता है. जांच के दौरान लैब में लोगों के नाम-पते और मोबाइल नंबर फर्जी पाए गए हैं. इसके बाद यह मामला साफ हो गया कि कुंभ मेले में फर्जी तरीके से कोविड-19 टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव बनाकर आंखों में धूल झोंकने का काम किया गया है.

नई दिल्ली/देहरादून : उत्तराखंड के हरिद्वार में अप्रैल में आयोजित महाकुंभ मेला एक बार फिर सुर्खिया में है. इस बार मामला कोविड टेस्ट रिपोर्ट को लेकर है. क्योंकि हरिद्वार कुंभ के दौरान निजी लैब द्वारा किए गए करीब एक लाख टेस्ट संदेह के घेरे में आ गए हैं. इस मामले में शासन और प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं. वहीं ईटीवी भारत ने अपने स्तर से मामले की पड़ताल की.

ईटीवी भारत की पड़ताल में सामने आया कि लैब और कंपनी दोनों के पते गलत हैं. कंपनी की साइट पर कंपनी और लैब का जो पता दिया गया है, वहां पर इन नामों से कुछ भी नहीं है. महाकुंभ में मैक्स कॉरपोरेट सर्विस (Max Corporate Service) कंपनी पर कथित रूप से रिपोर्ट में फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगा है. ईटीवी भारत ने कंपनी में जाकर अधिकारियों से सच्चाई जानी चाहिए.

इसके लिए सबसे पहले कंपनी की वेबसाइट पते का जानकारी ली गई है. वेबसाइट पर कंपनी का पता C-206, सेक्टर-63 नोएडा दिया गया था और लैब का पता दिल्ली में दिया गया था. इसके बाद ईटीवी भारत की टीम दोनों जगह पर गई. दिल्ली में जब लैब के पते पर ईटीवी भारत की टीम पहुंची, तो हैरानी की बात यह है कि ऐसी कोई लैब बताए गए पते पर नहीं है.

हरिद्वार कुंभ में लाखों टेस्ट करने वाली लैब का पता निकला फर्जी, देखें ईटीवी भारत की पड़ताल

पते पर कोई लैब नहीं

दरअसल, लैब का एड्रेस फर्जी दिया गया था. मैक्स कॉरपोरेट सर्विस की लैब का जो पता वेबसाइट पर दिया गया है, उसके मुताबिक भीकाजी कामा प्लेस दिल्ली के 515 नंबर से लैब संचालित हो रही है. लेकिन ईटीवी भारत की टीम जब वहां पहुंची तो देखा कि इस नाम से वहां कोई लैब ही नहीं है. बल्कि 515 नंबर के दो कमरे हैं, 515a और 515बी. इससे साफ जाहिर होता है कि जिस पते पर एक लाख से अधिक लोगों की कोरोना की फर्जी रिपोर्ट को बनाया गया है, वहां पर कोई लैब ही मौजूद ही नहीं है.

हरिद्वार कुंभ में लाखों टेस्ट करने वाली लैब का पता निकला फर्जी, देखें ईटीवी भारत की पड़ताल

साथ ही सवाल ये भी खड़ा होता है कि भीकाजी कामा प्लेस दिल्ली के दक्षिण जिले में मौजूद है, लेकिन लैब की बेवसाइट में जो पता लिखा है. उसे पूर्वी दिल्ली का हिस्सा बताया गया है. ईटीवी भारत की पड़ताल से यह साफ हो गया है कि यहां पर किसी प्रकार की टेस्टिंग नहीं हुई है और यह पूरा मामला फर्जीवाड़े का है.

कंपनी का पता भी निकला फर्जी

इसके बाद मैक्स कॉरपोरेट सर्विस (Max Corporate Service) के कंपनी के पते की जांच की गई. कंपनी की वेबसाइट में जो पता दिया गया है, उस पते पर ईटीवी भारत की टीम पहुंची. वेबसाइट पर नोएडा का C-206, सेक्टर-63 पता दिया गया है. जब ईटीवी भारत की टीम कंपनी के पते पर पहुंची, तो ऐसा कोई भी ऑफिस यहां दिखाई नहीं दिया. एक बड़ा सवाल ये खड़ा होता है कि जब निजी कंपनी को इतने बड़े स्तर पर कोरोना जांच करने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई थी, उस कंपनी का एड्रेस वेरिफाई क्यों नहीं किया गया?

पढ़ें- कुंभ में फर्जी कोविड टेस्ट का मामला, आरोपी कंपनी का 3 करोड़ का पेमेंट रोका

कांग्रेस भी हुई हमलावर

कांग्रेस ने भी इस मामले में सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि पूरे देश और दुनिया के सनातनी धर्म को अपने कंधों पर उठाने वाली बीजेपी ने हरिद्वार महाकुंभ में इतने बड़े घोटाले को अंजाम दे दिया. हरिद्वार कुंभ में लाखों लोगों को फर्जी कोविड रिपोर्ट पकड़ा दी गई है. अब धीरे-धीरे इस घोटले की परत खुल रही है.

उन्होंने बताया कि रिपोर्ट में एक ही पते पर 500 लोगों के रहने का जिक्र किया है. इसके अलावा हजारों लोगों के लिए एक ही नंबर इस्तेमाल किया गया है, जिसे साफ पता चलता है कि कोविड रिपोर्ट के नाम पर हरिद्वार कुंभ में बड़ा घोटाला हुआ है. हरिद्वार में कोरोना पॉजिटिवी दर एक प्रतिशत से कम दिखाया गया है, जबकि वास्तविकता यह रही है कि कोरोना काल के दौरान हरिद्वार में 10% से अधिक पॉजिटिविटी रेट रहा है. केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार ने इस महाकुंभ में महा पाप किया है.

फर्जीवाड़े की पूरी कहानी
फर्जीवाड़े की पूरी कहानी

क्या है मामला

बता दें कि कुंभ मेला 2021 के दौरान हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं की एक प्राइवेट लैब द्वारा की गई कोरोना जांच अब सवालों के घेरे में आ गई है. क्योंकि कुंभ मेले के दौरान किए गए 1 लाख कोरोना टेस्ट रिपोर्ट फर्जी मिले हैं. प्राइवेट लैब द्वारा फर्जी तरीके से श्रद्धालुओं की जांच कर कुंभ मेला प्रशासन को लाखों रुपए का चूना लगाने का प्रयास किया गया है. इस प्राइवेट लैब द्वारा एक ही फोन नंबर को कई श्रद्धालुओं की जांच रिपोर्ट में डाला गया है.

पढ़ें- कुंभ में कोरोना जांच पर उठे सवाल, सैंपल सबसे ज्यादा और संक्रमित सबसे कम

यही नहीं, कई जांच रिपोर्ट में एक ही आधार नंबर का इस्तेमाल किया गया है. वहीं, एक ही घर से सैकड़ों लोगों की जांच का मामला भी सामने आया है, जो असंभव सा लगता है, क्योंकि सैकड़ों लोगों की रिपोर्ट में घर का एक ही पता डाला गया है. अब इस मामले में हरिद्वार जिलाधिकारी सी रविशंकर ने जांच कमेटी का गठन कर 15 दिन में रिपोर्ट पेश के आदेश दिए हैं. इस एक दिल्ली की लैब भी थी, लेकिन ईटीवी भारत की पड़ताल में सामने आया कि दिल्ली में लैब का जो पता दिया गया था, वहां पर कोई लैब ही नहीं है.

ऐसे हुआ खुलासा

हरिद्वार कुंभ में हुए टेस्ट के घपले का खुलासा ऐसे ही नहीं हुआ. स्वास्थ्य विभाग के सूत्र बताते हैं यह कहानी शुरू हुई पंजाब के फरीदकोट से. यहां रहने वाले एक शख्स विपन मित्तल की वजह से कुंभ में कोविड जांच घोटाले की पोल खुल सकी. एलआईसी एजेंट विपन मित्तल को उत्तराखंड की एक लैब से फोन आता है, जिसमें यह कहा जाता है कि 'आप की रिपोर्ट निगेटिव आई है', जिसके बाद विपन कॉलर को जवाब देता है कि उसका तो कोई कोरोना टेस्ट हुआ ही नहीं है तो रिपोर्ट भला कैसे निगेटिव आ गई. फोन आने के बाद विपन ने फौरन स्थानीय अधिकारियों को मामले की जानकारी दी. स्थानीय अधिकारियों के ढुलमुल रवैए को देखते हुए पीड़ित शख्स ने तुरंत भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) से शिकायत की. ICMR ने घटना को गंभीरता से लेते हुए उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग से जवाब मांगा.

उत्तराखंड सरकार से होते हुए ये शिकायत स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी के पास पहुंची. जब उन्होंने पूरे मामले की जांच करायी तो बेहद चौंकाने वाले खुलासे हुए. स्वास्थ्य विभाग ने पंजाब फोन करने वाले शख्स से जुड़ी लैब की जांच की तो परत-दर-परत पोल खुलती गई. जांच में एक लाख कोरोना रिपोर्ट फर्जी पाए गए.

पढ़ें- हरिद्वार कुंभ: कोरोना टेस्टिंग में महाफर्जीवाड़ा, पंजाब के इस शख्स ने खोली जांच घोटाले की पोल

एक किट से हुई 700 से अधिक सैंपलिंग

स्वास्थ्य विभाग से जुड़े सूत्र बताते हैं कि एक ही एंटीजन टेस्ट किट से 700 सैंपल्स की टेस्टिंग की गई थी. इसके साथ ही टेस्टिंग लिस्ट में सैकड़ों व्यक्तियों के नाम पर एक ही फोन नंबर अंकित था. स्वास्थ्य विभाग की जांच में दूसरे लैब का भी यही हाल सामने आता है. जांच के दौरान लैब में लोगों के नाम-पते और मोबाइल नंबर फर्जी पाए गए हैं. इसके बाद यह मामला साफ हो गया कि कुंभ मेले में फर्जी तरीके से कोविड-19 टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव बनाकर आंखों में धूल झोंकने का काम किया गया है.

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