लखनऊ : स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर हिंदू और ब्राह्मण विरोधी बयान दिया है. जिसको लेकर भारतीय जनता पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि सपा ने अपने राष्ट्रीय महासचिव को हिंदू धर्म और ब्राह्मणों को अपमानित करने की जिम्मेदारी दे दी है. समाजवादी पार्टी ऐसा करके उत्तर प्रदेश को दंगे की याद में झोंकना चाहती है.
-
ब्राह्मणवाद की जड़े बहुत गहरी है और सारी विषमता का कारण भी ब्राह्मणवाद ही है। हिंदू नाम का कोई धर्म है ही नहीं, हिंदू धर्म केवल धोखा है। सही मायने में जो ब्राह्मण धर्म है, उसी ब्राह्मण धर्म को हिंदू धर्म कहकर के इस देश के दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों को अपने धर्म के मकड़जाल में… pic.twitter.com/351EJeSBlY
— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) August 27, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">ब्राह्मणवाद की जड़े बहुत गहरी है और सारी विषमता का कारण भी ब्राह्मणवाद ही है। हिंदू नाम का कोई धर्म है ही नहीं, हिंदू धर्म केवल धोखा है। सही मायने में जो ब्राह्मण धर्म है, उसी ब्राह्मण धर्म को हिंदू धर्म कहकर के इस देश के दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों को अपने धर्म के मकड़जाल में… pic.twitter.com/351EJeSBlY
— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) August 27, 2023ब्राह्मणवाद की जड़े बहुत गहरी है और सारी विषमता का कारण भी ब्राह्मणवाद ही है। हिंदू नाम का कोई धर्म है ही नहीं, हिंदू धर्म केवल धोखा है। सही मायने में जो ब्राह्मण धर्म है, उसी ब्राह्मण धर्म को हिंदू धर्म कहकर के इस देश के दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों को अपने धर्म के मकड़जाल में… pic.twitter.com/351EJeSBlY
— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) August 27, 2023
स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि 'ब्राह्मणवाद की जड़े बहुत गहरी हैं और सारी विषमता का कारण भी ब्राह्मणवाद ही है. हिंदू नाम का कोई धर्म है ही नहीं, हिंदू धर्म केवल धोखा है. सही मायने में जो ब्राह्मण धर्म है, उसी ब्राह्मण धर्म को हिंदू धर्म कहकर के इस देश के दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों को अपने धर्म के मकड़जाल में फंसाने की एक साजिश है. अगर हिंदू धर्म होता तो आदिवासियों का भी सम्मान होता है, दलितों का भी सम्मान होता. पिछड़ों का भी सम्मान होता, लेकिन क्या विडंबना है.'
वहीं समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने कहा कि 'उन्होंने किन परिस्थितियों में यह बयान दिया है यह तो नहीं पता है, लेकिन फिलहाल इस बयान पर कुछ भी बोलने से मना किया गया है.'
-
श्री स्वामी प्रसाद मौर्य को धार्मिक मुद्दों पर हर दिन बोलने से बचना चाहिए आपने वर्षो पहले बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया था इसका यह मतलब कत्तई नहीं कि आप हिन्दू धर्म की लगातार आलोचना करें।
— I.P. Singh (@IPSinghSp) August 28, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
आप 5 वर्ष बीजेपी में रहते हुए ये मुद्दे नहीं उठाये।
आपके ऐसे विचारों से पार्टी हरगिज सहमत नहीं…
">श्री स्वामी प्रसाद मौर्य को धार्मिक मुद्दों पर हर दिन बोलने से बचना चाहिए आपने वर्षो पहले बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया था इसका यह मतलब कत्तई नहीं कि आप हिन्दू धर्म की लगातार आलोचना करें।
— I.P. Singh (@IPSinghSp) August 28, 2023
आप 5 वर्ष बीजेपी में रहते हुए ये मुद्दे नहीं उठाये।
आपके ऐसे विचारों से पार्टी हरगिज सहमत नहीं…श्री स्वामी प्रसाद मौर्य को धार्मिक मुद्दों पर हर दिन बोलने से बचना चाहिए आपने वर्षो पहले बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया था इसका यह मतलब कत्तई नहीं कि आप हिन्दू धर्म की लगातार आलोचना करें।
— I.P. Singh (@IPSinghSp) August 28, 2023
आप 5 वर्ष बीजेपी में रहते हुए ये मुद्दे नहीं उठाये।
आपके ऐसे विचारों से पार्टी हरगिज सहमत नहीं…
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संजय चौधरी ने इस विषय में बताया कि 'समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य हैं. पार्टी ने स्वामी प्रसाद मौर्य को जिम्मेदारी दी हुई है कि वह हिंदू धर्म और ब्राह्मणों का अपमान करें. लगातार अपमानित कर रहे हैं. मनोज पांडे के ब्राह्मण सम्मेलन आयोजित करने को लेकर संजय चौधरी ने कहा कि समाजवादी पार्टी यह दिखावा कर रही है. एक नेता अपमानित करता है, दूसरा सम्मेलन आयोजित करता है.' उन्होंने कहा कि 'प्रदेश को दंगे में झोंकने की सपा की साजिश कामयाब नहीं हो पाएगी.'
वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक राघवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि 'स्वामी प्रसाद मौर्य केवल मीडिया में छाए रहने के लिए आपत्तिजनक बयानबाजी करते हैं. वे केवल समाज में द्वेष पैदा करके अपनी राजनीति चमका रहे हैं.'