देहरादून: उत्तराखंड इन्वेस्टर समिट में देश और दुनिया से कई निवेशक देहरादून पहुंचे. देहरादून की ऐतिहासिक एफआरआई में 2 दिनों तक चले इस वैश्विक सम्मेलन में लगभग साढ़े तीन लाख करोड़ रुपए के एमओयू साइन हुए हैं. जिससे राज्य सरकार और उससे जुड़े अधिकारी बेहद खुश नजर आ रहे हैं. त्तराखंड इन्वेस्टर समिट का कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हो गया. इस निवेशक सम्मेलन में कई छोटे-बड़े हुनरमंद भी पहुंचे. जिन्होंने स्टार्टअप के तहत लीक से हटकर काम किया. अब वह अपनी अलग पहचान बना रहे हैं. ऐसे ही तीन युवाओं से ईटीवी भारत ने बातचीत की जिन्होंने अलग-अलग क्षेत्रों के स्टार्टअप में उपलब्धियां हासिल की हैं.
किसानों के लिए वरदान साबित होगा ये स्टार्टअप: सबसे पहले केरल के रहने वाले सुजीत की बात करते हैं. सुजीत लंबे समय से देहरादून में ही रहते हैं. सुजीत कभी एयरफोर्स में हुआ करते थे. 20 साल की सर्विस के बाद वह अब अपना स्टार्टअप कर रहे हैं. सुजीत ने एक साल के अंदर एक ऐसा वाहन तैयार किया है जो किसानों के लिए कारगर साबित होगा. लगभग 2 से 3 लख रुपए कीमत का यह वाहन फसल काटने के लिए बनाया गया है. सुजीत ने यह वाहन इसलिए बनाया क्योंकि उन्हें लगता है कि फसल काटने के लिए अगर 1 घंटे में 10 मजदूरों की जरूरत पड़ती है तो यह मशीन बिना किसी व्यक्ति के इस काम को लगभग 10 मिनट में पूरा कर देगी. किसानों के लिए रामबाण साबित होने वाली यह मशीन पेट्रोल से चलती है. इसको पूरी तरह से रिमोट से कंट्रोल किया जा सकता है. राजधानी देहरादून की इन्वेस्टर्स समिट में सुजीत के इनोवेशन को भी खूब पसंद किया जा रहा है.
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20 रुपए में 250 किलोमीटर चलने वाली बाइक का इनोवेशन: अब बात कुमाऊं रीजन के खटीमा के रहने वाले विकास के स्टार्टअप की करते हैं. पढ़ाई करने के बाद विकास के मन में आया कि फ्यूचर में इलेक्ट्रिक बाइक हर घर में दिखाई देगी. लिहाजा घर में ही एक ऐसी बाइक तैयार की जाये जो आने वाले समय में सड़कों पर फर्राटे भरते दिखाई दें. विकास ने एक ऐसी बाइक तैयार की जो ₹20 में लगभग 250 किलोमीटर चलती है. खास बात यह है कि ये बाइक मेड इन इंडिया के तहत बनाई गई है. इस बाइक को अब तक 20000 किलोमीटर चला लिया गया है. विकास के इस हुनर को देखते हुए राज्य सरकार ने भी उसे लगभग 60 लाख रुपए का अनुदान दिया है. इतना ही नहीं उन्हें राज्य सरकार ने सम्मानित भी किया है. अभी तक विकास ने 6 बाइक तैयारी कर ली हैं. विकास ने बताया कई कंपनियों ने उनसे संपर्क किया है. वो इसमें ही अपना भविष्य आगे बढ़ाएंगे. इन्वेस्टर्स समिट में उनका ये इनोवेशन काफी पसंद किया जा रहा है.
सेना के लिए बना दिया अद्भुद रोबोट: इस कड़ी में तीसरा नाम हरिद्वार के रहने वाले सूचित शर्मा का है. सूचित शर्मा 8 साल बाद जर्मनी से भारत लौटे. जिसके बाद उन्होंने भारत में ही रहने का मन बनाया. उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. फिर अपना स्टार्टअप शुरू किया. सूचित शर्मा ने एक ऐसा रोबोट तैयार किया है जो कंपनियों के साथ साथ भारतीय सेना में भी जाने की तैयारी में है. सूचित बताते हैं इस रोबोट के माध्यम से समान ढोया जाता है. अभी कई कंपनियां उनके इस रोबोट को इस्तेमाल कर रहीं हैं. रिमोट के माध्यम से इसे चलाया जाता है. खास बात ये है को इसके सेंसर इस तरह से काम करता है की अगर कोई इसके सामने आ जाएं तो वो अपना रास्ता खुद बदल लेता है. सूचित बताते हैं सेना के लिए इसका एक अपग्रेट वर्जन जल्द आने वाला है.