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RSS की मांग, जनसंख्या कानून लागू करे सरकार, धर्म परिवर्तन करने वालों को नहीं मिले आरक्षण

प्रयागराज में आरएसएस की चार दिवसीय कार्यकारी मंडल की बैठक सम्पन्न हो गयी. बैठक में जनसंख्या असंतुलन को देखते हुए जनसंख्या कानून बनाकर उसे सख्ती के साथ एकसमान रूप से लागू करने की मांग की गयी.

जानकारी देते RSS के सरकार्यवाह दत्‍तात्रेय होसाबले.
जानकारी देते RSS के सरकार्यवाह दत्‍तात्रेय होसाबले.
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Published : Oct 19, 2022, 5:50 PM IST

Updated : Oct 19, 2022, 6:03 PM IST

प्रयागराजः संगम नगरी में 16 से 19 अक्टूबर तक हुई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) की चार दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक समाप्त हो गयी. संघ प्रमुख मोहन भागवत (RSS chief Mohan Bhagwat) की मौजूदगी में चार दिनों तक कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई. आखिरी दिन बैठक के बाद आरएसएस के सहकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले (Sahakaryavah Dattatreya Hosabole) ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि संघ ने देश में बढ़ती जनसंख्या असंतुलन पर चिंता जतायी है. बैठक में देश को बंटने से बचाने के लिए जनसंख्या कानून बनाकर लागू किए जाने पर मंथन किया गया.

जानकारी देते RSS के सरकार्यवाह दत्‍तात्रेय होसाबले.

देश में जनसंख्या असंतुलन के तीन कारण
दत्तात्रेय होसबोले (Dattatreya Hosabole) के मुताबिक बैठक में बताया गया कि तीन वजहों से देश में जनसंख्या असन्तुलन (population imbalance) बढ़ रहा है. जिसे समय रहते नहीं रोका गया तो भविष्य में देश के बंटवारे तक की नौबत आ सकती है. क्योंकि कई देशों में जनसंख्या असंतुलन की वजह से उनका बंटवारा हो चुका है. ऐसे में हमे अपने देश को दूसरी बार बंटने से रोकने के लिए जनसंख्या असंतुलन को रोकना जरूरी है. जिसके लिए सरकार को जनसंख्या कानून बनाकर उसे देश में एकसमान रूप से लागू करना चाहिए. दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि बैठक के दौरान उन्होंने जनसंख्या असंतुलन के लिए तीन वजहों को बताया है. जिसमें पहला धर्मांतरण, दूसरा बांग्लादेशी घुसपैठ और तीसरी वजह एक संतान पैदा करना है. इसके साथ ही इस बैठक में धर्मान्तरण करने वालों को आरक्षण का लाभ नहीं दिए जाने की पैरवी की गयी है. जो भी लोग किसी वजह से हिन्दू धर्म को छोड़कर दूसरे धर्म को अपना रहे हैं, उनको आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए.

गांवों कों विकसित करने पर रणनीति बनाई
दत्तात्रेय होसबोले (Dattatreya Hosabole) ने बताया कि चार दिनों की इस बैठक में गांवों से शहर की ओर पलायन करने पर भी चर्चा की गयी. जिसको लेकर संघ की तरफ से यह रणनीति बनायी गयी कि गांव को ही विकसित किया जाए. गांव में रहने वाले युवाओं को वहीं पर स्किल डेवलपमेंट की ट्रेनिंग दिए जाएं, जिससे उनको अपने घर के पास ही रोजगार मिल सके. साथ ही गांवों का सामाजिक और आर्थिक रूप से विकास करने का बैठक में संकल्प लिया गया. बैठक में यह भी निर्णय हुआ है कि संघ से जुड़े सक्षम लोग बेरोजगरों को रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए भी अपने स्तर से प्रयास करें. अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक को लेकर जानकारी देते हुए सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने बताया कि दो साल इस तरह की बैठक हुई है. जिस बैठक में 379 अखिल भारतीय पदाधिकारियों के पहुंचने की संभावना थी. जिसमें से 372 पदाधिकारी उपस्थित हुए और अपनी बात रखी.

संघ के विस्तार और शताब्दी वर्ष समारोह पर चर्चा
दत्तात्रेय होसबोले ने बताया कि इस बैठक में संघ के 2025 में शताब्दी वर्ष को लेकर भी चर्चा की गई और क्या क्या कार्य किये जाने है उसपर चर्चा की गयी. बीते एक साल में आरएसएस (RSS) की साढे छह हजार शाखाएं बढ़ी हैं. इसके साथ ही संघ में 3 हजार से ज्यादा पूर्णकालिक सदस्य एक साल में बढ़े हैं और एक हजार लोग और जुड़ने वाले हैं. साप्ताहिक मिलन की संख्या एक साल में 4 हजार से ज्यादा बढ़ी है. मासिक संघ मंडली की बैठक की संख्या भी बढ़ी है. 2024 के अंत तक हर मंडल के एक एक गांव में संगठन की शाखा को पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है.

ऑनलाइन जुड़ने वालों की संख्या भी बढ़ रही
आरएसएस के सह कार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने बताया कि पिछले एक साल से संघ से ऑनलाइन जुड़ने वालों की संख्या में भी तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है.एक लाख से ज्यादा लोग ऑनलाइन संघ से जुड़ चुके हैं और निरन्तर संघ से जुड़ने के लिए वेबसाइट पर जॉइन आरएसएस की जानकारी लेने वाले भी बढ़ रहे हैं.

यह भी पढ़ें- फारूक अब्दुल्ला का पुतला फूंककर जताया विरोध, ये थी वजह

प्रयागराजः संगम नगरी में 16 से 19 अक्टूबर तक हुई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) की चार दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक समाप्त हो गयी. संघ प्रमुख मोहन भागवत (RSS chief Mohan Bhagwat) की मौजूदगी में चार दिनों तक कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई. आखिरी दिन बैठक के बाद आरएसएस के सहकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले (Sahakaryavah Dattatreya Hosabole) ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि संघ ने देश में बढ़ती जनसंख्या असंतुलन पर चिंता जतायी है. बैठक में देश को बंटने से बचाने के लिए जनसंख्या कानून बनाकर लागू किए जाने पर मंथन किया गया.

जानकारी देते RSS के सरकार्यवाह दत्‍तात्रेय होसाबले.

देश में जनसंख्या असंतुलन के तीन कारण
दत्तात्रेय होसबोले (Dattatreya Hosabole) के मुताबिक बैठक में बताया गया कि तीन वजहों से देश में जनसंख्या असन्तुलन (population imbalance) बढ़ रहा है. जिसे समय रहते नहीं रोका गया तो भविष्य में देश के बंटवारे तक की नौबत आ सकती है. क्योंकि कई देशों में जनसंख्या असंतुलन की वजह से उनका बंटवारा हो चुका है. ऐसे में हमे अपने देश को दूसरी बार बंटने से रोकने के लिए जनसंख्या असंतुलन को रोकना जरूरी है. जिसके लिए सरकार को जनसंख्या कानून बनाकर उसे देश में एकसमान रूप से लागू करना चाहिए. दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि बैठक के दौरान उन्होंने जनसंख्या असंतुलन के लिए तीन वजहों को बताया है. जिसमें पहला धर्मांतरण, दूसरा बांग्लादेशी घुसपैठ और तीसरी वजह एक संतान पैदा करना है. इसके साथ ही इस बैठक में धर्मान्तरण करने वालों को आरक्षण का लाभ नहीं दिए जाने की पैरवी की गयी है. जो भी लोग किसी वजह से हिन्दू धर्म को छोड़कर दूसरे धर्म को अपना रहे हैं, उनको आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए.

गांवों कों विकसित करने पर रणनीति बनाई
दत्तात्रेय होसबोले (Dattatreya Hosabole) ने बताया कि चार दिनों की इस बैठक में गांवों से शहर की ओर पलायन करने पर भी चर्चा की गयी. जिसको लेकर संघ की तरफ से यह रणनीति बनायी गयी कि गांव को ही विकसित किया जाए. गांव में रहने वाले युवाओं को वहीं पर स्किल डेवलपमेंट की ट्रेनिंग दिए जाएं, जिससे उनको अपने घर के पास ही रोजगार मिल सके. साथ ही गांवों का सामाजिक और आर्थिक रूप से विकास करने का बैठक में संकल्प लिया गया. बैठक में यह भी निर्णय हुआ है कि संघ से जुड़े सक्षम लोग बेरोजगरों को रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए भी अपने स्तर से प्रयास करें. अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक को लेकर जानकारी देते हुए सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने बताया कि दो साल इस तरह की बैठक हुई है. जिस बैठक में 379 अखिल भारतीय पदाधिकारियों के पहुंचने की संभावना थी. जिसमें से 372 पदाधिकारी उपस्थित हुए और अपनी बात रखी.

संघ के विस्तार और शताब्दी वर्ष समारोह पर चर्चा
दत्तात्रेय होसबोले ने बताया कि इस बैठक में संघ के 2025 में शताब्दी वर्ष को लेकर भी चर्चा की गई और क्या क्या कार्य किये जाने है उसपर चर्चा की गयी. बीते एक साल में आरएसएस (RSS) की साढे छह हजार शाखाएं बढ़ी हैं. इसके साथ ही संघ में 3 हजार से ज्यादा पूर्णकालिक सदस्य एक साल में बढ़े हैं और एक हजार लोग और जुड़ने वाले हैं. साप्ताहिक मिलन की संख्या एक साल में 4 हजार से ज्यादा बढ़ी है. मासिक संघ मंडली की बैठक की संख्या भी बढ़ी है. 2024 के अंत तक हर मंडल के एक एक गांव में संगठन की शाखा को पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है.

ऑनलाइन जुड़ने वालों की संख्या भी बढ़ रही
आरएसएस के सह कार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने बताया कि पिछले एक साल से संघ से ऑनलाइन जुड़ने वालों की संख्या में भी तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है.एक लाख से ज्यादा लोग ऑनलाइन संघ से जुड़ चुके हैं और निरन्तर संघ से जुड़ने के लिए वेबसाइट पर जॉइन आरएसएस की जानकारी लेने वाले भी बढ़ रहे हैं.

यह भी पढ़ें- फारूक अब्दुल्ला का पुतला फूंककर जताया विरोध, ये थी वजह

Last Updated : Oct 19, 2022, 6:03 PM IST
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