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मॉनसून की पहली बारिश के बाद हरिद्वार में दरिया बनी सड़कें, पानी में डूबा VVIP इलाका, घरों, दुकानों में घुसा 'सैलाब'

मॉनसून की पहली बारिश ने धर्मनगरी हरिद्वार में जमकर तबाही मचाई है. बारिश के कारण हरिद्वार के अधिकतर इलाके जलमग्न हो गये. बारिश से हरिद्वार के वीवीआईपी इलाके भी नहीं बचे. मंत्री, विधायक और सांसदों के ठिकानों वाले इलाके भी पूरी तरह पानी में डूबे हुए नजर आए.

most VIP area of Haridwar drown Every year monsoon rains
बारिश के बाद पानी में डूबा हरिद्वार का VIP इलाका
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Published : Jun 26, 2023, 8:12 PM IST

Updated : Jun 26, 2023, 9:59 PM IST

मॉनसून की पहली बारिश के बाद हरिद्वार में दरिया बनी सड़कें

हरिद्वार (उत्तराखंड): देवभूमि उत्तराखंड में मॉनसून ने दस्तक दे दी है. राज्य के अधिकतर इलाकों में बारिश हो रही है. बीते रोज हुई मूसलाधार बारिश से उत्तराखंड के पहाड़ी और मैदानी इलाकों में जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया. इन इलाकों में हरिद्वार के वीवीआईपी इलाके भी शामिल हैं. बारिश के बाद जलमग्न हुए हरिद्वार के इन इलाकों में मंत्री, विधायक और सांसदों का ठिकाना है. इसके बाद भी हरिद्वार का ये सबसे वीवीआईपी इलाके हर साल मानसून की बारिश में डूब जाते हैं.

बीते रोज हुई बारिश ने तराई क्षेत्र हरिद्वार और देहरादून में भयानक मंजर दिखाया. रानीपुर मोड़ को हरिद्वार का दिल कहा जाता है, कल हुई बारिश के बाद हरिद्वार का दिल भी पानी की लहरों से 'धड़कता' हुआ दिखाई दिया. इसके अलावा कनखल, पुराना रानीपुर मोड़, प्रेमनगर भी वो इलाके हैं जो बारिश से प्रभावित दिखे. इन इलाकों में भी दफ्तर, दुकान, मकानों में इस कदर पानी घुसा कि लोगों का लाखों रुपए का नुकसान हो गया. हर साल इस क्षेत्र में बारिश तबाही मचाती है.
पढ़ें- उत्तराखंड में बादलफाड़ मुसीबत, सड़क से लेकर कस्बे तक डूबे, कहीं मकान ढहे तो कहीं गाड़ियां बहीं

पानी में डूबा हरिद्वार का सबसे वीआईपी क्षेत्र: 25 जून की सुबह से ही उत्तराखंड के कई इलाकों में बारिश हो रही थी. हरिद्वार के रानीपुर मोड़ और कनखल में लगातार 6 घंटे की बारिश ने ऐसा कोहराम मचाया कि गाड़ियां माचिस के डिब्बे की तरह पानी में तैरती हुई दिखाई दीं. प्रेमनगर आश्रम से लेकर पुराने रानीपुर मोड़ तक यही हालात थे. इस दौरान दुकानों के आधे शटर पानी में डूब गये. मकानों में पानी घुस गया. सड़कों पर मलबा ही मलबा दिखाई दिया.

most VIP area of Haridwar drown Every year monsoon rains
हरिद्वार में बारिश के बाद जलभराव

यह क्षेत्र हरिद्वार का सबसे संपन्न और हाई प्रोफाइल क्षेत्र है. यहां पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज का प्रेमनगर आश्रम है. यहां सबसे ज्यादा आध्यात्मिक गतिविधियां होती हैं. इस क्षेत्र में सिर्फ एक वीआईपी ही नहीं, बल्कि स्थानीय विधायक और कई बार के मंत्री मदन कौशिक का घर भी इसी इलाके हैं. साथ ही साथ हरिद्वार लोकसभा सीट से सांसद रमेश पोखरियाल निशंक का घर भी विधायक मदन कौशिक के बराबर में ही है. हालांकि, वर्तमान में इस आवास में डॉ निशंक नहीं रहते हैं. चुनाव के दौरान राजनीतिक कई गतिविधियों के लिए ये इलाकों पूरी तरह से रोशन रहता है, मगर जब बारी आपदा जैसे हालातों से निपटने की आती है, तब यहां कोई नजर नहीं आता है.
पढ़ें- उत्तराखंड में पहाड़ से मैदान तक बारिश से हाहाकार, अब तक 7 की मौत, 263 सड़कें बंद

सालों की समस्या, काम सिर्फ खानापूर्ति: हरिद्वार में पहाड़ों से आने वाला पानी तेजी बहाव के साथ आता है. गंगा भी यहां उफान पर होती है. इसके अलाला कंक्रीट के जंगल और पानी की निकासी नहीं होने के कारण हर साल हरिद्वार में जलभराव की स्थिति पैदा हो जाती है. हर साल इन परेशानियों से निपटने के लिए छोटे-मोटे प्रयास होते हैं, जो महज खानापूर्ति होते हैं. इसका उदाहरण यहां लगाई गई दो मोटर हैं, जिसके सहारे भरे हुए पानी को खींचकर गंगा में डाला जाता है. इसके अलावा क्षेत्र की समस्या के लिए सड़क के बीचों बीच नाला खोदकर उस पर लोहे की जाली लगा दी जाती है, मगर समस्या का समाधान के लिए स्थाई हल नहीं निकाला.

most VIP area of Haridwar drown Every year monsoon rains
बारिश के बाद बिगड़ी स्थिति
पढ़ें- नैनीताल के आलूखेत में भूस्खलन से खतरा बढ़ा, लोगों ने लगाई विस्थापन की गुहार

सब नेता गायब, विधायक कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन में हुए शामिल: 25 जून को जिस वक्त हरिद्वार में ऐसे हालात बन रहे थे उस वक्त क्षेत्र का कोई नेता अपनी जनता के बीच दिखाई नहीं दिया. मेयर प्रतिनिधि अशोक शर्मा को छोड़ दें तो ना तो स्थानीय विधायक मौके का जायजा लेने पहुंचे और ना ही सांसद क्षेत्र में दिखाई दिए. स्थानीय विधायक मदन कौशिक बरसात रुकने के तुरंत बाद कांग्रेस के खिलाफ चल रहे एक कार्यक्रम में प्रतिभाग करने जरूर पहुंच गए. जहां तमाम बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस के समय पर लगी इमरजेंसी के विरोध में इकट्ठा होकर खूब हो-हल्ला किया. जब ये सब कुछ हो रहा था तब हरिद्वार के बाशिंदे बारिश, मलबे से जूझ रहे थे. तब उनके बीच उनका कोई भी प्रतिनिधि नहीं था, जिससे वो अपना दुख साझा कर सके.
पढ़ें- उत्तराखंड में हिमालय के अस्तित्व पर मंडराया खतरा!, काले साए ने बढ़ाई वैज्ञानिकों की चिंता

हालात का जायजा लेने पहुंचे हरीश रावत: बारिश के बाद पनपे हालातों के 24 घंटे बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत आज क्षेत्र में पहुंचे. उन्होंने पानी में डूबे क्षेत्रों का जायजा लिया. कई दुकानदारों और मकान मालिकों से बात की. इस दौरान परेशान लोगों ने हरीश रावत के सामने अपनी परेशानियों को बयां किया. हरीश रावत ने मदन कौशिक और सतपाल महाराज के क्षेत्र का भी जायजा लिया. उन्होंने कहा लापरवाही और अनदेखी के कारण ये हालात बने हैं.

सोशल मीडिया पर आ रही प्रतिक्रियाएं: हरिद्वार में 6 घंटे की बारिश से बिगड़े माहौल की तस्वीरें सोशल मीडिया पर छाई हैं. हरिद्वार से वीडियोज और फोटोज सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोर रहे हैं. कुछ लोग इसे स्थानीय प्रशासन और स्थानीय नेताओं की नाकामी बता रहे हैं. वहीं, कुछ लोग कटाक्ष करते हुए इस क्षेत्र को इटली का वेनिस बताते हुए फोटो शेयर कर रहे हैं.
पढ़ें- उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग के पास नहीं है ग्लेशियर वैज्ञानिक, शोधकर्ता का भी टोटा

क्या कहती हैं मेयर: वहीं, हरिद्वार मेयर अनिता शर्मा का कहना है कि मॉनसून आने से पहले इस पर प्रशासन ध्यान नहीं देता. सरकार को भी इस बारे में कई बार लिखा गया है, मगर किसी को इसकी परवाह नहीं है. हर बारिश में बुरा हाल होता है. इस बार हालात कुछ ज्यादा ही बिगड़ गये हैं. उन्होंने कहा कि नगर निगम जितना हो सकता है उतना कार्य कर रहा है, लेकिन बजट और प्लानिंग से ही इस मामले में सब कुछ होगा.

क्या बोले विधायक: जब ईटीवी भारत ने इस मामले में हरिद्वार के मौजूदा विधायक मदन कौशिक से बात की तो उन्होंने कहा कल पूरी भारतीय जनता पार्टी के नेता हरिद्वार में मोहल्ले मोहल्ले में सेवा कर रहे थे. इतना ही नहीं पार्षदों से लेकर बीजेपी का हर एक कार्यकर्ता कल धरातल पर था, जबकि कांग्रेस का एक भी कार्यकर्ता किसी भी जगह पर नहीं दिखाई दिया.
पढ़ें- Changing Pattern of Rain: हिमालयी राज्यों में बारिश का बदला पैटर्न, अनियंत्रित डिस्ट्रीब्यूशन ने बढ़ाई चिंता

पर्यटकों में डर का माहौल पैदा करती हैं ये तश्वीरें: हरिद्वार में इस तरह के हालात बनने के बाद पर्यटकों में अच्छा संदेश नहीं जाता. सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे वीडियो और तस्वीरों से पर्यटकों में डर का माहौल है. उत्तराखंड के पहाड़ों, ऋषिकेश, देहरादून या अन्य क्षेत्रों में जाने वाला पर्यटक हरिद्वार से होकर ही ऊपर की तरफ जाता है. ऐसी में सामने आई तस्वीरों से कहीं न कही उनके मन में कई आशंकाएं आती हैं, जिसके कारण कई बार पर्यटक अपना प्लान कैंसिल कर देते हैं.

मॉनसून की पहली बारिश के बाद हरिद्वार में दरिया बनी सड़कें

हरिद्वार (उत्तराखंड): देवभूमि उत्तराखंड में मॉनसून ने दस्तक दे दी है. राज्य के अधिकतर इलाकों में बारिश हो रही है. बीते रोज हुई मूसलाधार बारिश से उत्तराखंड के पहाड़ी और मैदानी इलाकों में जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया. इन इलाकों में हरिद्वार के वीवीआईपी इलाके भी शामिल हैं. बारिश के बाद जलमग्न हुए हरिद्वार के इन इलाकों में मंत्री, विधायक और सांसदों का ठिकाना है. इसके बाद भी हरिद्वार का ये सबसे वीवीआईपी इलाके हर साल मानसून की बारिश में डूब जाते हैं.

बीते रोज हुई बारिश ने तराई क्षेत्र हरिद्वार और देहरादून में भयानक मंजर दिखाया. रानीपुर मोड़ को हरिद्वार का दिल कहा जाता है, कल हुई बारिश के बाद हरिद्वार का दिल भी पानी की लहरों से 'धड़कता' हुआ दिखाई दिया. इसके अलावा कनखल, पुराना रानीपुर मोड़, प्रेमनगर भी वो इलाके हैं जो बारिश से प्रभावित दिखे. इन इलाकों में भी दफ्तर, दुकान, मकानों में इस कदर पानी घुसा कि लोगों का लाखों रुपए का नुकसान हो गया. हर साल इस क्षेत्र में बारिश तबाही मचाती है.
पढ़ें- उत्तराखंड में बादलफाड़ मुसीबत, सड़क से लेकर कस्बे तक डूबे, कहीं मकान ढहे तो कहीं गाड़ियां बहीं

पानी में डूबा हरिद्वार का सबसे वीआईपी क्षेत्र: 25 जून की सुबह से ही उत्तराखंड के कई इलाकों में बारिश हो रही थी. हरिद्वार के रानीपुर मोड़ और कनखल में लगातार 6 घंटे की बारिश ने ऐसा कोहराम मचाया कि गाड़ियां माचिस के डिब्बे की तरह पानी में तैरती हुई दिखाई दीं. प्रेमनगर आश्रम से लेकर पुराने रानीपुर मोड़ तक यही हालात थे. इस दौरान दुकानों के आधे शटर पानी में डूब गये. मकानों में पानी घुस गया. सड़कों पर मलबा ही मलबा दिखाई दिया.

most VIP area of Haridwar drown Every year monsoon rains
हरिद्वार में बारिश के बाद जलभराव

यह क्षेत्र हरिद्वार का सबसे संपन्न और हाई प्रोफाइल क्षेत्र है. यहां पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज का प्रेमनगर आश्रम है. यहां सबसे ज्यादा आध्यात्मिक गतिविधियां होती हैं. इस क्षेत्र में सिर्फ एक वीआईपी ही नहीं, बल्कि स्थानीय विधायक और कई बार के मंत्री मदन कौशिक का घर भी इसी इलाके हैं. साथ ही साथ हरिद्वार लोकसभा सीट से सांसद रमेश पोखरियाल निशंक का घर भी विधायक मदन कौशिक के बराबर में ही है. हालांकि, वर्तमान में इस आवास में डॉ निशंक नहीं रहते हैं. चुनाव के दौरान राजनीतिक कई गतिविधियों के लिए ये इलाकों पूरी तरह से रोशन रहता है, मगर जब बारी आपदा जैसे हालातों से निपटने की आती है, तब यहां कोई नजर नहीं आता है.
पढ़ें- उत्तराखंड में पहाड़ से मैदान तक बारिश से हाहाकार, अब तक 7 की मौत, 263 सड़कें बंद

सालों की समस्या, काम सिर्फ खानापूर्ति: हरिद्वार में पहाड़ों से आने वाला पानी तेजी बहाव के साथ आता है. गंगा भी यहां उफान पर होती है. इसके अलाला कंक्रीट के जंगल और पानी की निकासी नहीं होने के कारण हर साल हरिद्वार में जलभराव की स्थिति पैदा हो जाती है. हर साल इन परेशानियों से निपटने के लिए छोटे-मोटे प्रयास होते हैं, जो महज खानापूर्ति होते हैं. इसका उदाहरण यहां लगाई गई दो मोटर हैं, जिसके सहारे भरे हुए पानी को खींचकर गंगा में डाला जाता है. इसके अलावा क्षेत्र की समस्या के लिए सड़क के बीचों बीच नाला खोदकर उस पर लोहे की जाली लगा दी जाती है, मगर समस्या का समाधान के लिए स्थाई हल नहीं निकाला.

most VIP area of Haridwar drown Every year monsoon rains
बारिश के बाद बिगड़ी स्थिति
पढ़ें- नैनीताल के आलूखेत में भूस्खलन से खतरा बढ़ा, लोगों ने लगाई विस्थापन की गुहार

सब नेता गायब, विधायक कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन में हुए शामिल: 25 जून को जिस वक्त हरिद्वार में ऐसे हालात बन रहे थे उस वक्त क्षेत्र का कोई नेता अपनी जनता के बीच दिखाई नहीं दिया. मेयर प्रतिनिधि अशोक शर्मा को छोड़ दें तो ना तो स्थानीय विधायक मौके का जायजा लेने पहुंचे और ना ही सांसद क्षेत्र में दिखाई दिए. स्थानीय विधायक मदन कौशिक बरसात रुकने के तुरंत बाद कांग्रेस के खिलाफ चल रहे एक कार्यक्रम में प्रतिभाग करने जरूर पहुंच गए. जहां तमाम बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस के समय पर लगी इमरजेंसी के विरोध में इकट्ठा होकर खूब हो-हल्ला किया. जब ये सब कुछ हो रहा था तब हरिद्वार के बाशिंदे बारिश, मलबे से जूझ रहे थे. तब उनके बीच उनका कोई भी प्रतिनिधि नहीं था, जिससे वो अपना दुख साझा कर सके.
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हालात का जायजा लेने पहुंचे हरीश रावत: बारिश के बाद पनपे हालातों के 24 घंटे बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत आज क्षेत्र में पहुंचे. उन्होंने पानी में डूबे क्षेत्रों का जायजा लिया. कई दुकानदारों और मकान मालिकों से बात की. इस दौरान परेशान लोगों ने हरीश रावत के सामने अपनी परेशानियों को बयां किया. हरीश रावत ने मदन कौशिक और सतपाल महाराज के क्षेत्र का भी जायजा लिया. उन्होंने कहा लापरवाही और अनदेखी के कारण ये हालात बने हैं.

सोशल मीडिया पर आ रही प्रतिक्रियाएं: हरिद्वार में 6 घंटे की बारिश से बिगड़े माहौल की तस्वीरें सोशल मीडिया पर छाई हैं. हरिद्वार से वीडियोज और फोटोज सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोर रहे हैं. कुछ लोग इसे स्थानीय प्रशासन और स्थानीय नेताओं की नाकामी बता रहे हैं. वहीं, कुछ लोग कटाक्ष करते हुए इस क्षेत्र को इटली का वेनिस बताते हुए फोटो शेयर कर रहे हैं.
पढ़ें- उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग के पास नहीं है ग्लेशियर वैज्ञानिक, शोधकर्ता का भी टोटा

क्या कहती हैं मेयर: वहीं, हरिद्वार मेयर अनिता शर्मा का कहना है कि मॉनसून आने से पहले इस पर प्रशासन ध्यान नहीं देता. सरकार को भी इस बारे में कई बार लिखा गया है, मगर किसी को इसकी परवाह नहीं है. हर बारिश में बुरा हाल होता है. इस बार हालात कुछ ज्यादा ही बिगड़ गये हैं. उन्होंने कहा कि नगर निगम जितना हो सकता है उतना कार्य कर रहा है, लेकिन बजट और प्लानिंग से ही इस मामले में सब कुछ होगा.

क्या बोले विधायक: जब ईटीवी भारत ने इस मामले में हरिद्वार के मौजूदा विधायक मदन कौशिक से बात की तो उन्होंने कहा कल पूरी भारतीय जनता पार्टी के नेता हरिद्वार में मोहल्ले मोहल्ले में सेवा कर रहे थे. इतना ही नहीं पार्षदों से लेकर बीजेपी का हर एक कार्यकर्ता कल धरातल पर था, जबकि कांग्रेस का एक भी कार्यकर्ता किसी भी जगह पर नहीं दिखाई दिया.
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पर्यटकों में डर का माहौल पैदा करती हैं ये तश्वीरें: हरिद्वार में इस तरह के हालात बनने के बाद पर्यटकों में अच्छा संदेश नहीं जाता. सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे वीडियो और तस्वीरों से पर्यटकों में डर का माहौल है. उत्तराखंड के पहाड़ों, ऋषिकेश, देहरादून या अन्य क्षेत्रों में जाने वाला पर्यटक हरिद्वार से होकर ही ऊपर की तरफ जाता है. ऐसी में सामने आई तस्वीरों से कहीं न कही उनके मन में कई आशंकाएं आती हैं, जिसके कारण कई बार पर्यटक अपना प्लान कैंसिल कर देते हैं.

Last Updated : Jun 26, 2023, 9:59 PM IST
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