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Treasure of Badrinath: 40 KG सोना… 31 क्विंटल चांदी, कहीं 'पाताल' में ना समा जाए बदरी विशाल का खजाना!

जोशीमठ में भू धंसाव का दायरा बढ़ा जा रहा है. जिसकी वजह से दिन प्रतिदिन भवनों में दरारें बढ़ रही है. जिसकी वजह से लोगों में दहशत है. वहीं, जोशीमठ में बढ़ रहे भू-धंसाव क्षेत्र को देखते हुए सरकार और बदरी केदार मंदिर समिति बदरीनाथ मंदिर के खजाने की सुरक्षा को लेकर चिंतित है. आशंका जताई जा रहा है कि नृसिंह मंदिर में दरार में आने से कहीं ये खजाना पहाड़ के नीचे न दब जाए.

Lord Badrinath
Treasure of Badrinath
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Published : Jan 18, 2023, 6:35 PM IST

'पाताल' में ना समा जाए बदरी विशाल का खजाना.

जोशीमठ: साल 2013 में पूरे देश ने केदारनाथ में आई प्राकृतिक आपदा का तांडव देखा था. केदारनाथ आपदा के बाद भी समय-समय पर उत्तराखंड में बारिश और भूस्खलन अपना कहर बरपाती रही है. मौजूदा समय में जोशीमठ एक नई आपदा का केंद्र बना हुआ है. भू-धंसाव से जमीन में आई दरार और घरों का नीचे की तरफ झुकना जोशीमठ में खतरा पैदा कर रही है. जिसकी वजह से नृसिंह मंदिर में रखा बदरीनाथ के अरबों रुपये के खजाने पर संकट के बादल मंदरा रहे हैं. जिसको लेकर सरकार और बदरी केदार मंदिर समिति वैकल्पिक व्यवस्था करने की तैयारी कर रही है.

आपदा की जद में जोशीमठ: जोशीमठ का एक हिस्सा आपदा की जद में है. ऐसे में भगवान विष्णु के धाम बदरीनाथ के खजाने को लेकर पहले से ही चिंताएं सामने आने लगी है. यह चिंता इसलिए भी है कि अगर जोशीमठ में और हालात खराब हुए तो कहीं ऐसा ना हो कि भगवान बदरीनाथ का करोड़ों अरबों रुपए का खजाना पहाड़ के नीचे दब जाए. यही कारण है कि अब सरकार और मंदिर समिति इसको लेकर वैकल्पिक व्यवस्था कर रही है.

नृसिंह मंदिर में बदरीनाथ का खजाना: दरअसल जब चारों धामों के कपाट बंद होते हैं, तब भगवान केदारनाथ और बदरीनाथ का पूरा खजाना मंदिर से हटाकर नीचे सुरक्षित स्थानों पर लाया जाता है. केदारनाथ के खजाना की व्यवस्था जहां ऊखीमठ में होती है. वहीं, बदरीनाथ धाम का पूरा खजाना जोशीमठ के नृसिंह मंदिर में आ जाता है. नृसिंह मंदिर में यह तब तक रखा रहता है, जब तक भगवान बदरीनाथ के कपाट नहीं खुल जाते. ऐसे में इस खजाने की सुरक्षा के लिए अलग से व्यवस्था की जाती है.

बदरीनाथ के खजाने पर संकट: अब मंदिर समिति को यह डर सता रहा है कि जिस तरह से जोशीमठ के घरों में दरारें आ रही हैं. कहीं ऐसा ना हो कि कल के दिन अचानक से नृसिंह मंदिर के लॉकर रूम तक यह दरारें पहुंच जाए. जिसकी वजह से सालों से रखा भगवान बदरीनाथ का खजाना कहीं संकट में ना जाए. इसको लेकर बाकायदा मंदिर समिति ने संबंधित विभागों, पुलिस और सरकार को पत्र लिखा है. जिसमें इस बात की आशंका जताई गई है कि भगवान बदरी विशाल का खजाना कहीं और शिफ्ट कर दिया जाए.
ये भी पढ़ें: Joshimath Sinking Side Effects: उत्तराखंड से दूर हुए पर्यटक, बुकिंग हो रही कैंसिल, कारोबारी निराश

BKTC ने किया निरीक्षण: बदरी केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने नृसिंह मंदिर क्षेत्र का मुआयना किया. उन्होंने कहा किसी भी अनहोनी होने से पहले ही हम लोगों को इन सभी पहलुओं पर विचार करना होगा. भगवान बदरीनाथ का खजाना किसी व्यक्ति विशेष का नहीं है. समय रहते इसकी सुरक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है. ऐसे में पूरे के पूरे खजाने को पीपलकोटी में मंदिर समिति के निरीक्षण भवन में ही शिफ्ट कर दिया जाए. हालांकि, निरीक्षण भवन में अभी उस तरह की व्यवस्थाएं नहीं है. ऐसे में मंदिर समिति वहां पर पूरे खजाने को रखने की व्यवस्था बना रही है.

बदरीनाथ मंदिर का खजाना: एक अनुमान के मुताबिक मौजूदा समय में भगवान बदरीनाथ के खजाने में लगभग 31 क्विंटल चांदी और 45 किलो सोना सहित अन्य आभूषण हैं. इसके साथ ही नकदी और बेशकीमती दूसरी चीजें भी भगवान बदरीनाथ के खजाने में मौजूद है. सालों से मंदिर समिति इस खजाने की ऐसे ही हिफाजत करती आई है. मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा भगवान बदरीनाथ वैसे तो पूरे जोशीमठ पर अपनी कृपा रखेंगे, लेकिन हमारी जिम्मेदारी बनती है कि समय रहते खजाना सहित अन्य चीजों को पहले ही सुरक्षित जगह पर पहुंचाया जाए.

नृसिंह मंदिर को खतरा नहीं: फिलहाल नृसिंह मंदिर में बदरीनाथ का खजाना रखा गया है. फिलहाल नृसिंह मंदिर में कोई भी खतरा या दरार जैसी स्थिति अभी तक उत्पन्न नहीं हुई है. जानकार बताते हैं कि नृसिंह मंदिर के आसपास के इलाकों में भी फिलहाल कोई भी खतरे वाली बात नहीं है. हालांकि, शंकराचार्य आश्रम के कुछ हिस्सों में दरारें देखी जा रही हैं. जिनका अध्ययन वैज्ञानिक कर रहे हैं.

सैकड़ों मकानों में आई दरार: बता दें कि मौजूदा समय में जोशीमठ में लगातार मकानों में दरारें बढ़ रही हैं. अब इनकी संख्या बढ़कर लगभग 900 तक पहुंच गई है. जिसमें गांधीनगर में 154 घरों में दरारें आई हैं. जबकि पालिका मारवाड़ी में 53, लोअर बाजार में 38, सिंह धार में 139, सुनील वार्ड में 78, रवि ग्राम में 161 और अन्य जगहों पर भी दरारें सरकारी अभिलेखों में दर्ज की गई हैं.

'पाताल' में ना समा जाए बदरी विशाल का खजाना.

जोशीमठ: साल 2013 में पूरे देश ने केदारनाथ में आई प्राकृतिक आपदा का तांडव देखा था. केदारनाथ आपदा के बाद भी समय-समय पर उत्तराखंड में बारिश और भूस्खलन अपना कहर बरपाती रही है. मौजूदा समय में जोशीमठ एक नई आपदा का केंद्र बना हुआ है. भू-धंसाव से जमीन में आई दरार और घरों का नीचे की तरफ झुकना जोशीमठ में खतरा पैदा कर रही है. जिसकी वजह से नृसिंह मंदिर में रखा बदरीनाथ के अरबों रुपये के खजाने पर संकट के बादल मंदरा रहे हैं. जिसको लेकर सरकार और बदरी केदार मंदिर समिति वैकल्पिक व्यवस्था करने की तैयारी कर रही है.

आपदा की जद में जोशीमठ: जोशीमठ का एक हिस्सा आपदा की जद में है. ऐसे में भगवान विष्णु के धाम बदरीनाथ के खजाने को लेकर पहले से ही चिंताएं सामने आने लगी है. यह चिंता इसलिए भी है कि अगर जोशीमठ में और हालात खराब हुए तो कहीं ऐसा ना हो कि भगवान बदरीनाथ का करोड़ों अरबों रुपए का खजाना पहाड़ के नीचे दब जाए. यही कारण है कि अब सरकार और मंदिर समिति इसको लेकर वैकल्पिक व्यवस्था कर रही है.

नृसिंह मंदिर में बदरीनाथ का खजाना: दरअसल जब चारों धामों के कपाट बंद होते हैं, तब भगवान केदारनाथ और बदरीनाथ का पूरा खजाना मंदिर से हटाकर नीचे सुरक्षित स्थानों पर लाया जाता है. केदारनाथ के खजाना की व्यवस्था जहां ऊखीमठ में होती है. वहीं, बदरीनाथ धाम का पूरा खजाना जोशीमठ के नृसिंह मंदिर में आ जाता है. नृसिंह मंदिर में यह तब तक रखा रहता है, जब तक भगवान बदरीनाथ के कपाट नहीं खुल जाते. ऐसे में इस खजाने की सुरक्षा के लिए अलग से व्यवस्था की जाती है.

बदरीनाथ के खजाने पर संकट: अब मंदिर समिति को यह डर सता रहा है कि जिस तरह से जोशीमठ के घरों में दरारें आ रही हैं. कहीं ऐसा ना हो कि कल के दिन अचानक से नृसिंह मंदिर के लॉकर रूम तक यह दरारें पहुंच जाए. जिसकी वजह से सालों से रखा भगवान बदरीनाथ का खजाना कहीं संकट में ना जाए. इसको लेकर बाकायदा मंदिर समिति ने संबंधित विभागों, पुलिस और सरकार को पत्र लिखा है. जिसमें इस बात की आशंका जताई गई है कि भगवान बदरी विशाल का खजाना कहीं और शिफ्ट कर दिया जाए.
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BKTC ने किया निरीक्षण: बदरी केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने नृसिंह मंदिर क्षेत्र का मुआयना किया. उन्होंने कहा किसी भी अनहोनी होने से पहले ही हम लोगों को इन सभी पहलुओं पर विचार करना होगा. भगवान बदरीनाथ का खजाना किसी व्यक्ति विशेष का नहीं है. समय रहते इसकी सुरक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है. ऐसे में पूरे के पूरे खजाने को पीपलकोटी में मंदिर समिति के निरीक्षण भवन में ही शिफ्ट कर दिया जाए. हालांकि, निरीक्षण भवन में अभी उस तरह की व्यवस्थाएं नहीं है. ऐसे में मंदिर समिति वहां पर पूरे खजाने को रखने की व्यवस्था बना रही है.

बदरीनाथ मंदिर का खजाना: एक अनुमान के मुताबिक मौजूदा समय में भगवान बदरीनाथ के खजाने में लगभग 31 क्विंटल चांदी और 45 किलो सोना सहित अन्य आभूषण हैं. इसके साथ ही नकदी और बेशकीमती दूसरी चीजें भी भगवान बदरीनाथ के खजाने में मौजूद है. सालों से मंदिर समिति इस खजाने की ऐसे ही हिफाजत करती आई है. मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा भगवान बदरीनाथ वैसे तो पूरे जोशीमठ पर अपनी कृपा रखेंगे, लेकिन हमारी जिम्मेदारी बनती है कि समय रहते खजाना सहित अन्य चीजों को पहले ही सुरक्षित जगह पर पहुंचाया जाए.

नृसिंह मंदिर को खतरा नहीं: फिलहाल नृसिंह मंदिर में बदरीनाथ का खजाना रखा गया है. फिलहाल नृसिंह मंदिर में कोई भी खतरा या दरार जैसी स्थिति अभी तक उत्पन्न नहीं हुई है. जानकार बताते हैं कि नृसिंह मंदिर के आसपास के इलाकों में भी फिलहाल कोई भी खतरे वाली बात नहीं है. हालांकि, शंकराचार्य आश्रम के कुछ हिस्सों में दरारें देखी जा रही हैं. जिनका अध्ययन वैज्ञानिक कर रहे हैं.

सैकड़ों मकानों में आई दरार: बता दें कि मौजूदा समय में जोशीमठ में लगातार मकानों में दरारें बढ़ रही हैं. अब इनकी संख्या बढ़कर लगभग 900 तक पहुंच गई है. जिसमें गांधीनगर में 154 घरों में दरारें आई हैं. जबकि पालिका मारवाड़ी में 53, लोअर बाजार में 38, सिंह धार में 139, सुनील वार्ड में 78, रवि ग्राम में 161 और अन्य जगहों पर भी दरारें सरकारी अभिलेखों में दर्ज की गई हैं.

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