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मजदूरों को टनल से बाहर निकालने की तैयारी पूरी, चिन्यालीसौड़ हॉस्पिटल में किया जाएगा भर्ती - चिन्यालीसौड़ हॉस्पिटल

41 laborers trapped in Silkyara Tunnel आज पूरा देश उस पल का इंतजार कर रहा है, जब उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूर बाहर निकालकर खुले में सांस लेंगे. मजदूरों के निकलने के बाद सबसे पहले उन्हें अस्पताल ले जाया जाएगा और उनके स्वास्थ्य की जांच होगी. Silkyara Tunnel Accident

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 28, 2023, 5:44 PM IST

Updated : Nov 28, 2023, 6:50 PM IST

मजदूरों को टनल से बाहर निकालने की तैयारी पूरी

उत्तरकाशी: सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों की जिंदगी में आखिरकार 17 दिन बाद जल्द ही उजाला होने वाला है और वह अपनों से मिलने वाले हैं. इसी बीच उत्तराखंड सरकार और उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने श्रमिकों को लेकर तमाम इंतजाम कर लिए हैं. ऋषिकेश एम्स को अलर्ट मोड पर रखा गया है और अस्पताल में 41 वार्ड बनाए गए हैं. वहीं, जैसे ही श्रमिकों को टनल से बाहर लाया जाएगा, वैसे ही उन्हें एंबुलेंस के जरिए स्वास्थ्य जांच के लिए अस्पताल भेजा जाएगा. श्रमिकों के साथ उनके परिजन भी अस्पताल जाएंगे. मजदूरों को टनल से अस्पताल तक लाने में लगभग 20 मिनट का समय लगेगा.

बाहर निकलने पर मजदूरों की सबसे पहले होगी ब्लड जांच: सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के बाद उन्हें उत्तरकाशी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चिन्यालीसौड़ लाया जाएगा, जहां पर डॉक्टरों की विशेष टीम एक-एक मजदूरों का इलाज करेगी. टनल से लेकर स्वास्थ्य केंद्र तक पूरी सड़क को ग्रीन कॉरिडोर में तब्दील कर दिया गया है, ताकि कोई भी गाड़ी या व्यक्ति सड़क पर एंबुलेंस के रास्ते में बाधा पैदा ना करें. अस्पताल पहुंचने के बाद सभी मजदूरों का सबसे पहले ब्लड सैंपल लिया जाएगा और फिर उनके ब्लड प्रेशर की जांच की जाएगी. इसके बाद मजदूरों की आंखों को भी टेस्ट किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: उत्तरकाशी रेस्क्यू साइट से जल्द बाहर आएंगे 41 मजदूर, देखें लेटेस्ट वीडियो, AIIMS ऋषिकेश में डॉक्टर अलर्ट

घायल मजदूरों को अलग वार्ड में किया जाएगा भर्ती: साथ ही इस बात को भी सुनिश्चित किया गया है कि टनल का जो तापमान है, उसी तापमान में अस्पताल के उस वार्ड को रखा जाए, जहां पर सभी मजदूर एडमिट रहेंगे. बताया जा रहा है कि कुछ मजदूर घायल भी है. ऐसे में उनकी ड्रेसिंग से लेकर उन्हें अलग-अलग वार्ड में शिफ्ट किया जायेगा. ऋषिकेश एम्स के साथ-साथ देहरादून से भी डॉक्टरों की टीम को स्वास्थ्य केंद्र में तैनात किया गया है. मजदूर लंबे समय से सुरंग में बंद हैं, इसलिए यह भी देखा जाएगा कि मजदूरों में कोई इंफेक्शन तो नहीं है.

ये भी पढ़ें: सिलक्यारा टनल हादसा: अपनों से मिलन का इंतजार, बात करके चेहरे पर लौटी मुस्कान, परिजन बोले- करेंगे गंगा स्नान

मजदूरों को टनल से बाहर निकालने की तैयारी पूरी

उत्तरकाशी: सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों की जिंदगी में आखिरकार 17 दिन बाद जल्द ही उजाला होने वाला है और वह अपनों से मिलने वाले हैं. इसी बीच उत्तराखंड सरकार और उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने श्रमिकों को लेकर तमाम इंतजाम कर लिए हैं. ऋषिकेश एम्स को अलर्ट मोड पर रखा गया है और अस्पताल में 41 वार्ड बनाए गए हैं. वहीं, जैसे ही श्रमिकों को टनल से बाहर लाया जाएगा, वैसे ही उन्हें एंबुलेंस के जरिए स्वास्थ्य जांच के लिए अस्पताल भेजा जाएगा. श्रमिकों के साथ उनके परिजन भी अस्पताल जाएंगे. मजदूरों को टनल से अस्पताल तक लाने में लगभग 20 मिनट का समय लगेगा.

बाहर निकलने पर मजदूरों की सबसे पहले होगी ब्लड जांच: सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के बाद उन्हें उत्तरकाशी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चिन्यालीसौड़ लाया जाएगा, जहां पर डॉक्टरों की विशेष टीम एक-एक मजदूरों का इलाज करेगी. टनल से लेकर स्वास्थ्य केंद्र तक पूरी सड़क को ग्रीन कॉरिडोर में तब्दील कर दिया गया है, ताकि कोई भी गाड़ी या व्यक्ति सड़क पर एंबुलेंस के रास्ते में बाधा पैदा ना करें. अस्पताल पहुंचने के बाद सभी मजदूरों का सबसे पहले ब्लड सैंपल लिया जाएगा और फिर उनके ब्लड प्रेशर की जांच की जाएगी. इसके बाद मजदूरों की आंखों को भी टेस्ट किया जाएगा.

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घायल मजदूरों को अलग वार्ड में किया जाएगा भर्ती: साथ ही इस बात को भी सुनिश्चित किया गया है कि टनल का जो तापमान है, उसी तापमान में अस्पताल के उस वार्ड को रखा जाए, जहां पर सभी मजदूर एडमिट रहेंगे. बताया जा रहा है कि कुछ मजदूर घायल भी है. ऐसे में उनकी ड्रेसिंग से लेकर उन्हें अलग-अलग वार्ड में शिफ्ट किया जायेगा. ऋषिकेश एम्स के साथ-साथ देहरादून से भी डॉक्टरों की टीम को स्वास्थ्य केंद्र में तैनात किया गया है. मजदूर लंबे समय से सुरंग में बंद हैं, इसलिए यह भी देखा जाएगा कि मजदूरों में कोई इंफेक्शन तो नहीं है.

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Last Updated : Nov 28, 2023, 6:50 PM IST
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