नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी (Veteran BJP leader L K Advani) ने शनिवार को कहा कि भारतीय लोकतंत्र का सार विविधता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए सम्मान है. उन्होंने इच्छा व्यक्त की कि सभी लोग सामूहिक रूप से इस महत्वपूर्ण लोकतांत्रिक घटक को मजबूत करने का प्रयास करें.
भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर एक बयान में, पूर्व उप प्रधानमंत्री ने इस स्वतंत्रता दिवस की थीम 'राष्ट्र पहले, हमेशा पहले', की सराहना की और कहा कि मैं इस प्रतिध्वनि को अपने स्वयं के जीवन और भाजपा के मार्गदर्शक सिद्धांत- राष्ट्र पहले, पार्टी आगे, स्वयं अंतिम’ के साथ महसूस करता हूं. आडवाणी (93) ने कहा कि 1947 में स्वतंत्रता की विजय विभाजन की त्रासदी के साथ थी. कराची में जन्मे नेता ने कहा कि खुद इसका शिकार होने के बाद, वह उस शारीरिक और भावनात्मक आघात को याद करते हैं जो इस त्रासदी के कारण सीमा के दोनों ओर विस्थापित लोगों को हुआ था.
आडवाणी ने कहा कि भारत कई चुनौतियों के बावजूद समृद्ध और मजबूत राष्ट्र के रूप में विकसित हुआ है, और इसकी वैश्विक छाप उल्लेखनीय रूप से बढ़ी है क्योंकि दुनिया वैश्विक अर्थव्यवस्था में तेजी लाने से लेकर जलवायु परिवर्तन दायित्वों को पूरा करने तक कई दबाव वाली चुनौतियों पर काबू पाने के लिए नेतृत्व की तलाश कर रही है.
उन्होंने कहा, 'यह मेरा दृढ़ विश्वास रहा है कि भारतीय लोकतंत्र का सार विविधता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए सम्मान है. इसने भारत को एक सफल लोकतंत्र बनाने में योगदान दिया है. इसलिए यह मेरी इच्छा है कि हम सभी को इस महत्वपूर्ण लोकतांत्रिक घटक को मजबूत करने का सामूहिक रूप से प्रयास करना चाहिए.'
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उन्होंने लोगों को बधाई देते हुए स्वतंत्रता संग्राम के सैकड़ों शहीदों और वीरों की पवित्र स्मृति को भी सम्मानजनक श्रद्धांजलि दी.
आडवाणी ने कहा कि वह जीवन के सभी क्षेत्रों के भारतीयों में राष्ट्रीय गौरव और आत्मविश्वास की लहर देखकर खुश हैं. उन्होंने कहा, 'मैं भी आभारी हूं कि जीवन ने मुझे स्वतंत्रता के बाद के युग में राष्ट्र की सेवा में अपना जीवन समर्पित करने और अपनी पार्टी- भारतीय जनता पार्टी के माध्यम से अपना विनम्र योगदान देने का अवसर दिया.'
(पीटीआई भाषा)