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राजस्थान-छत्तीसगढ़ मामलों पर कांग्रेस की चुप्पी से भाजपा हमलावर, बनी ये रणनीति

सिंघु बॉर्डर पर किसानों के मंच के पास एक युवक की बेरहमी से की गई हत्या का मामला हो या राजस्थान में युवक को पीट-पीटकर मारने का मामला, या फिर छत्तीसगढ़ में दुर्गा पूजा विसर्जन के जुलूस में जा रहे मासूम लोगों पर गाड़ी चढ़ाने की घटना, भारतीय जनता पार्टी लखीमपुर स्टाइल में जवाब मांग रही है. ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना की रिपोर्ट.

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Published : Oct 16, 2021, 7:58 PM IST

नई दिल्ली : छत्तीसगढ़ व राजस्थान की घटनाओं पर भाजपा वहां की कांग्रेस सरकारों से जवाब मांग रही है. भारतीय जनता पार्टी लखीमपुर खीरी की घटना के बाद से लगातार विपक्षियों के निशाने पर है. किसान आंदोलन से लेकर लखीमपुर खीरी की घटना मैं जिस तरह से तमाम विपक्षियों की लामबंदी नजर आई उसने कहीं ना कहीं भारतीय जनता पार्टी को खासा नुकसान पहुंचाया है और इसका विरोध सबसे ज्यादा कांग्रेस ने ही किया है.

उत्तर प्रदेश की लखीमपुर घटना में तो कांग्रेस के तमाम केंद्रीय नेताओं समेत राज्यों के नेताओं ने भी राज्य सरकार और भाजपा पर चौतरफा हमला किया. जिस पर बीजेपी अभी तक डैमेज कंट्रोल नहीं कर पाई है. मगर लगे हाथ छत्तीसगढ़ की घटना और दिल्ली बॉर्डर पर किसान आंदोलन मंच के पास हुई एक दलित युवक को पीट-पीटकर मारने की घटना सहित राजस्थान में दलित युवक की हुई बेरहमी से हत्या मामलों से बीजेपी ने कांग्रेस को घेरने की रणनीति बनाई है.

इन घटनाओं के बाद ही बीजेपी का आईटी विभाग सक्रिय हो चुका है लेकिन सूत्रों की मानें तो पार्टी ने अपने सभी नेताओं और केंद्रीय नेताओं को इन मुद्दों को सार्वजनिक कार्यक्रमों में जोर शोर से उठाने और कांग्रेस से जवाब मांगने संबंधित निर्देश दिए हैं. पार्टी चाहती है कि किसान आंदोलन के नाम पर जिस तरह भाजपा और नरेंद्र मोदी सरकार को दोषी ठहराया गया और कटघरे में खड़ा किया गया. ठीक उसी तरह बीजेपी के तमाम नेता भी चौतरफा लामबंद हो होकर कांग्रेस पर चढ़ाई करें.

यही नहीं सूत्रों की मानें तो भारतीय जनता पार्टी अपने सहयोगी पार्टियों से भी इन मुद्दों को अपने-अपने राज्य में उठाने और जनता के सामने रखने की अपील की है. भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम ने कहा कि एक दलित युवक को जिस तरह सार्वजनिक तालिबानी तरीके से खुलेआम मारा गया, ऐसा लगता है कि किसान आंदोलन अपराधिक हाथों में चला गया है.

उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन की आड़ में अनेकानेक घटनाएं आए दिन घट रही हैं. महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाएं, उन्हें जान से मारने की घटनाएं और बाद में आत्महत्या दिखाना ऐसे ही मामले हैं. इससे ऐसा लगता है कि किसान आंदोलन कोई आंदोलन नहीं बल्कि देश के अंदर एक तालिबानी आंदोलन चलाया जा रहा है जो देश को अलगाववाद की तरफ धकेल रहा है.

दुष्यंत गौतम ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस के नेता लखीमपुर गए क्योंकि वहां उन्हें अनुकूल राजनीति करनी थी लेकिन राजस्थान व छत्तीसगढ़ मामलों पर चुप्पी साधे हुए हैं. गौतम ने कहा कि यह मौत के सौदागर हैं. इसी तरह भाजपा की नेता सरोज पांडे ने भी छत्तीसगढ़ सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि अपराधियों के हौसले छत्तीसगढ़ में इतने बुलंद है कि वहां पर खुले आम लोगों को गाड़ियों से कुचला जा रहा है.

यह भी पढ़ें-सावरकर जैसी देशभक्ति किसी और में नहीं थी, सालों तक कई नेताओं की छवि खराब की गई : शाह

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री लखीमपुर में जाकर मुआवजे की मांग करते हैं और छत्तीसगढ़ में कानून-व्यवस्था कायम करने में सफल नहीं होते. उन्होंने एक बार फिर मुख्यमंत्री से एक करोड़ के मुआवजे पीड़ितों को देने की मांग दोहराई है.

नई दिल्ली : छत्तीसगढ़ व राजस्थान की घटनाओं पर भाजपा वहां की कांग्रेस सरकारों से जवाब मांग रही है. भारतीय जनता पार्टी लखीमपुर खीरी की घटना के बाद से लगातार विपक्षियों के निशाने पर है. किसान आंदोलन से लेकर लखीमपुर खीरी की घटना मैं जिस तरह से तमाम विपक्षियों की लामबंदी नजर आई उसने कहीं ना कहीं भारतीय जनता पार्टी को खासा नुकसान पहुंचाया है और इसका विरोध सबसे ज्यादा कांग्रेस ने ही किया है.

उत्तर प्रदेश की लखीमपुर घटना में तो कांग्रेस के तमाम केंद्रीय नेताओं समेत राज्यों के नेताओं ने भी राज्य सरकार और भाजपा पर चौतरफा हमला किया. जिस पर बीजेपी अभी तक डैमेज कंट्रोल नहीं कर पाई है. मगर लगे हाथ छत्तीसगढ़ की घटना और दिल्ली बॉर्डर पर किसान आंदोलन मंच के पास हुई एक दलित युवक को पीट-पीटकर मारने की घटना सहित राजस्थान में दलित युवक की हुई बेरहमी से हत्या मामलों से बीजेपी ने कांग्रेस को घेरने की रणनीति बनाई है.

इन घटनाओं के बाद ही बीजेपी का आईटी विभाग सक्रिय हो चुका है लेकिन सूत्रों की मानें तो पार्टी ने अपने सभी नेताओं और केंद्रीय नेताओं को इन मुद्दों को सार्वजनिक कार्यक्रमों में जोर शोर से उठाने और कांग्रेस से जवाब मांगने संबंधित निर्देश दिए हैं. पार्टी चाहती है कि किसान आंदोलन के नाम पर जिस तरह भाजपा और नरेंद्र मोदी सरकार को दोषी ठहराया गया और कटघरे में खड़ा किया गया. ठीक उसी तरह बीजेपी के तमाम नेता भी चौतरफा लामबंद हो होकर कांग्रेस पर चढ़ाई करें.

यही नहीं सूत्रों की मानें तो भारतीय जनता पार्टी अपने सहयोगी पार्टियों से भी इन मुद्दों को अपने-अपने राज्य में उठाने और जनता के सामने रखने की अपील की है. भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम ने कहा कि एक दलित युवक को जिस तरह सार्वजनिक तालिबानी तरीके से खुलेआम मारा गया, ऐसा लगता है कि किसान आंदोलन अपराधिक हाथों में चला गया है.

उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन की आड़ में अनेकानेक घटनाएं आए दिन घट रही हैं. महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाएं, उन्हें जान से मारने की घटनाएं और बाद में आत्महत्या दिखाना ऐसे ही मामले हैं. इससे ऐसा लगता है कि किसान आंदोलन कोई आंदोलन नहीं बल्कि देश के अंदर एक तालिबानी आंदोलन चलाया जा रहा है जो देश को अलगाववाद की तरफ धकेल रहा है.

दुष्यंत गौतम ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस के नेता लखीमपुर गए क्योंकि वहां उन्हें अनुकूल राजनीति करनी थी लेकिन राजस्थान व छत्तीसगढ़ मामलों पर चुप्पी साधे हुए हैं. गौतम ने कहा कि यह मौत के सौदागर हैं. इसी तरह भाजपा की नेता सरोज पांडे ने भी छत्तीसगढ़ सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि अपराधियों के हौसले छत्तीसगढ़ में इतने बुलंद है कि वहां पर खुले आम लोगों को गाड़ियों से कुचला जा रहा है.

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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री लखीमपुर में जाकर मुआवजे की मांग करते हैं और छत्तीसगढ़ में कानून-व्यवस्था कायम करने में सफल नहीं होते. उन्होंने एक बार फिर मुख्यमंत्री से एक करोड़ के मुआवजे पीड़ितों को देने की मांग दोहराई है.

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