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कर्नाटक सीएम येदियुरप्पा पर कांग्रेस के आरोप, कहा- महामारी में रिश्तेदारों के जरिए की अवैध वसूली

कांग्रेस प्रवक्ता ने दावा किया कि सीएम के रिश्तेदारों ने लगातार राव पर कई कंपनियों के इंवायरमेंटल क्लीयरेंस को लेकर दबाव बनाया और ऐसा न करने पर चार महीनों के भीतर ही 22 फरवरी को उनका फर्जी तरीके से इस्तीफा ले लिया गया.

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येदियुरप्पा पर कांग्रेस के आरोप
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Published : Jul 11, 2021, 10:00 PM IST

बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा पर कांग्रेस ने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं. कांग्रेस प्रवक्ता गौरव बल्लभ ने एक वीडियो जारी कर मुख्यमंत्री और उनके करीबी रिश्तेदारों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. उन्होंने कर्नाटक स्टेट पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड के चेयरमैन रहे डॉ एम. सुधींद्र राव का हवाला देते हुए दावा किया कि राव को पद के लिए 16 करोड़ की रिश्वत मांगी गई थी. जिसमें 9.5 करोड़ रुपए उन्होंने मुख्यमंत्री येदुरप्पा के एक करीबी रिश्तेदार को दिए थे.

येदियुरप्पा पर कांग्रेस के आरोप

राव पर बनाया गया दबाव: कांग्रेस

कांग्रेस प्रवक्ता ने डॉ राव का हवाला देते हुए दावा किया कि 30 दिसंबर 2020 को कर्नाटक राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन का पद राव ने संभाला था. जिसके बाद मुख्यमंत्री के बेटे समेत उनके अन्य 2 रिश्तेदारों ने डॉ. राव से राज्य की कुछ कंपनियों को इंवायरमेंटल क्लीयरेंस देने के लिए कहा. बकौल कांग्रेस प्रवक्ता, डॉ. राव ने कहा है कि इस इंवायरमेंटल क्लीयरेंस के बदले उन्होंने निश्चित रुप से 60 करोड़ रुपए की रिश्वत ली होगी.

इसे भी पढ़ें, येदियुरप्पा को निशाना बनाने वालों के निष्कासन की मांग करेंगे भाजपा विधायक : रेणुकाचार्य

गौरव बल्लभ ने सीएम येदुरप्पा पर आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने कर्नाटक के विकास के लिए दावोस की यात्रा की थी और सीएम ने वहां से डॉ. राव को फोन कर एक कंपनी का इंवायरमेंटल क्लीयरेंस करने को कहा था. यह वहीं कंपनी थी जिसने सीएम और उनके परिवार की दावोस यात्रा का खर्च उठाया था. कांग्रेस प्रवक्ता ने आगे कहा कि इसके बाद लगातार राव पर कई कंपनियों के इंवायरमेंटल क्लीयरेंस को लेकर दबाव बनाया गया और ऐसा न करने पर चार महीनों के भीतर ही 22 फरवरी को उनका फर्जी तरीके से इस्तीफा ले लिया गया. कांग्रेस ने राव के हवाले से कहा कि उनसे धोखे से इस्तीफे के लिए हस्ताक्षर लिए गए और यह इसलिए किया गया क्योंकि उन्हें 3 साल के लिए न्युक्त किया था.

महामारी में अवैध वसूली की : कांग्रेस

कांग्रेस ने कहा कि इसके बाद राव को राज्य के दूसरे पदों का ऑफर दिया गया और साथ ही इसके लिए भी उनसे रिश्वत की मांग की गई. कांग्रेस का कहना है कि जब देश कोरोना महामारी से जूझ रहा था तब कर्नाटक के मुख्यमंत्री अपने रिश्तेदारों के जरिए अवैध वसूली में लगे थे.

बता दें, इसी प्रकरण में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के साथ कर्नाटक के एक्टिविस्ट टीजे अब्राहम ने स्पेशल कोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन पिछले हफ्ते स्पेशल कोर्ट द्वारा उस याचिका को खारिज कर दिया गया था. ईटीवी भारत से बातचीत में टीजे अब्राहम ने कहा था कि उनके पास तमाम ऐसे सबूत हैं जिससे न केवल कर्नाटक के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा बल्कि उनके करीबी रिश्तेदारों पर भी भ्रष्टाचार के आरोप साबित हो सकते हैं.

बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा पर कांग्रेस ने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं. कांग्रेस प्रवक्ता गौरव बल्लभ ने एक वीडियो जारी कर मुख्यमंत्री और उनके करीबी रिश्तेदारों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. उन्होंने कर्नाटक स्टेट पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड के चेयरमैन रहे डॉ एम. सुधींद्र राव का हवाला देते हुए दावा किया कि राव को पद के लिए 16 करोड़ की रिश्वत मांगी गई थी. जिसमें 9.5 करोड़ रुपए उन्होंने मुख्यमंत्री येदुरप्पा के एक करीबी रिश्तेदार को दिए थे.

येदियुरप्पा पर कांग्रेस के आरोप

राव पर बनाया गया दबाव: कांग्रेस

कांग्रेस प्रवक्ता ने डॉ राव का हवाला देते हुए दावा किया कि 30 दिसंबर 2020 को कर्नाटक राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन का पद राव ने संभाला था. जिसके बाद मुख्यमंत्री के बेटे समेत उनके अन्य 2 रिश्तेदारों ने डॉ. राव से राज्य की कुछ कंपनियों को इंवायरमेंटल क्लीयरेंस देने के लिए कहा. बकौल कांग्रेस प्रवक्ता, डॉ. राव ने कहा है कि इस इंवायरमेंटल क्लीयरेंस के बदले उन्होंने निश्चित रुप से 60 करोड़ रुपए की रिश्वत ली होगी.

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गौरव बल्लभ ने सीएम येदुरप्पा पर आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने कर्नाटक के विकास के लिए दावोस की यात्रा की थी और सीएम ने वहां से डॉ. राव को फोन कर एक कंपनी का इंवायरमेंटल क्लीयरेंस करने को कहा था. यह वहीं कंपनी थी जिसने सीएम और उनके परिवार की दावोस यात्रा का खर्च उठाया था. कांग्रेस प्रवक्ता ने आगे कहा कि इसके बाद लगातार राव पर कई कंपनियों के इंवायरमेंटल क्लीयरेंस को लेकर दबाव बनाया गया और ऐसा न करने पर चार महीनों के भीतर ही 22 फरवरी को उनका फर्जी तरीके से इस्तीफा ले लिया गया. कांग्रेस ने राव के हवाले से कहा कि उनसे धोखे से इस्तीफे के लिए हस्ताक्षर लिए गए और यह इसलिए किया गया क्योंकि उन्हें 3 साल के लिए न्युक्त किया था.

महामारी में अवैध वसूली की : कांग्रेस

कांग्रेस ने कहा कि इसके बाद राव को राज्य के दूसरे पदों का ऑफर दिया गया और साथ ही इसके लिए भी उनसे रिश्वत की मांग की गई. कांग्रेस का कहना है कि जब देश कोरोना महामारी से जूझ रहा था तब कर्नाटक के मुख्यमंत्री अपने रिश्तेदारों के जरिए अवैध वसूली में लगे थे.

बता दें, इसी प्रकरण में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के साथ कर्नाटक के एक्टिविस्ट टीजे अब्राहम ने स्पेशल कोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन पिछले हफ्ते स्पेशल कोर्ट द्वारा उस याचिका को खारिज कर दिया गया था. ईटीवी भारत से बातचीत में टीजे अब्राहम ने कहा था कि उनके पास तमाम ऐसे सबूत हैं जिससे न केवल कर्नाटक के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा बल्कि उनके करीबी रिश्तेदारों पर भी भ्रष्टाचार के आरोप साबित हो सकते हैं.

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