भोपाल। तंबाकू और इसके उत्पाद के साथ ही नशे पर अगर राज्यों में रोक लगती है, तो निश्चित ही कैंसर के मरीजों में 50 फीसदी की कमी आएगी और यह बेहद जरूरी है. यह कहना है देश के विख्यात कैंसर स्पेशलिस्ट पद्म भूषण डॉक्टर सुरेश आडवाणी का. आडवाणी ने कहा कि प्लास्टिक की चम्मच, प्लेट से भी कैंसर का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. आईसीएमआर की एक रिपोर्ट के अनुसार 2022 तक भारत में 14 लाख से अधिक कैंसर के मरीज हैं और इनकी संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है. कैंसर का रोग सिर्फ भारत में ही नहीं दुनिया में भी बढ़ता जा रहा है. ऐसे में इस रोग के विशेषज्ञ पद्म भूषण अवार्ड से सम्मानित आंकोलॉजिस्ट सुरेश आडवाणी से ETV Bharat संवाददाता आदर्श चौरसिया ने खास बातचीत की.
बढ़ रहा कैंसर का खतरा: डॉक्टर सुरेश आडवाणी ने कहा कि सिर्फ भारत ही नहीं दुनियाभर में कैंसर का खतरा लगातार बढ़ा है और इसके मरीजों की संख्या में भी लगातार इजाफा हुआ है लेकिन अच्छी बात यह है कि लोगों को इसके बारे में अब जागरूकता के चलते जल्द पता चल जाता है क्योंकि कैंसर के बारे में जितनी जल्दी हो सके अगर उसका पता लग जाता है, तो निश्चित ही इसका इलाज करना संभव होता है. इसलिए अब यह कहना आसान होगा कि जितने मरीज बढ़ रहे हैं. वहीं कई मरीजों में जानकारी होने के चलते वह स्वस्थ भी हो रहे हैं.
डॉक्टर आडवाणी कहते हैं कि आज के समय में हम आर्टिफिशियल दुनिया में जी रहे हैं क्योंकि हमारे आसपास में प्राकृतिक चीजें ही नहीं हैं जिसके कारण हमारा शरीर स्वस्थ रहें. ना वैसे नदी पहाड़ है और ना ही स्वच्छ ऑक्सीजन. हम इन चीजों से लगातार दूर होते जा रहे हैं जिस कारण भी कैंसर के मरीजों की संख्या बढ़ी है क्योंकि पॉल्यूशन ने इन्वायरमेंट को इतना खराब कर दिया है इस वजह से लोगों के शरीर में बीमारियां घर कर रही हैं.
खतरनाक तंबाकू: डॉक्टर आडवाणी से जब पूछा गया कि इस तरह से गुजरात में भी शराबबंदी है तो इस तरह से शराबबंदी क्या अन्य राज्यों में भी होनी चाहिए, क्योंकि शराब भी कैंसर का एक कारण होती है इस पर डॉक्टर आडवाणी ने कहा कि शराब के साथ ही सबसे ज्यादा खतरनाक तंबाकू होती है और इस पर भी प्रतिबंध होना चाहिए, तो निश्चित कैंसर मरीजों की संख्या 50 प्रतिशत कम हो जाएगी.
प्लास्टिक के बर्तन खतरनाक: डॉक्टर आडवाणी ने बताया कि कैंसर का खतरा कई तरह से होता है, लेकिन आज के समय में जिस तरह से प्लास्टिक के बर्तनों का उपयोग होता है, उससे यह खतरा कई गुना बढ़ गया है. जिस तरह से प्लास्टिक के चम्मच, प्लास्टिक के ग्लास या प्लास्टिक के पाउच में पानी लोग पी रहे हैं. उसके चलते खतरा और बढ़ गया है. इसमें लोगों को जागरूक रहने की जरूरत है. पानी के लिए मटका ही सबसे बेहतर विकल्प है. डॉक्टर आडवाणी मोटे अनाज की भी वकालत करते हैं इसके सेवन से भी कई बीमारियां खत्म होती हैं.
ना करें नजरअंदाज: डॉक्टर आडवाणी कहते हैं कि कैंसर जैसे घातक रोग की पहचान आसानी से की जा सकती है. अगर कोई भी शरीर में परेशानियां आ रही हों, तो आपको पहले ही पहचान लें की बीमारी क्या है अगर गले का कैंसर है तो गले में खाना खाने में या निगलने में परेशानी आएगी. नीचे अगर कैंसर है तो आपको फ्रेश होने के दौरान खून आदि की तकलीफ बढ़ेगी. तो जैसे जैसे आपको समस्या आती है उसको नजरअंदाज ना करें और तुरंत ही पहचानते हुए समस्या के समाधान के लिए डॉक्टर के पास पहुंचे और इलाज कराएं.
कौन है डॉ. सुरेश आडवाणी: सुरेश आडवाणी मुंबई में ऑन्कोलॉजिस्ट हैं ये देश के सर्वश्रेष्ठ कैंसर विशेषज्ञ में से एक है. मनीषा कोइराला का कैंसर का इलाज डॉ. आडवाणी ने किया है. पद्मश्री और पद्म भूषण से भी डॉ. सुरेश आडवाणी सम्मानित हो चुके हैं. मात्र 08 साल की उम्र में पोलियो की चपेट में आने के कारण कमर से नीचे का हिस्सा लकवाग्रस्त हो गया था, इसके बावजूद डॉ.आडवाणी ने बाधाओं को हराया और भारत में सफलतापूर्वक अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण करने वाले पहले ऑन्कोलॉजिस्ट बने. कई वर्षों तक टाटा मेमोरियल अस्पताल में काम किया.