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करतारपुर गलियारे को लेकर भारत-पाकिस्तान के बीच तकनीकी बैठक शुरू

करतारपुर गलियारे को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच तकनीकी बैठक शुरू हो गई है. इस बैठक में प्रत्येक पक्ष के 15 अधिकारियों का समूह हिस्सा ले रहा है.

करतारपुर गलियारे को लेकर भारत-पाकिस्तान के बीच तकनीकी बैठक शुरू.
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Published : Aug 30, 2019, 1:25 PM IST

Updated : Sep 28, 2019, 8:44 PM IST

गुरदासपुर: जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव की पृष्ठभूमि में, करतारपुर गलियारा खोलने को लेकर दोनों देशों के मध्य तकनीकी बैठक शुक्रवार को 'जीरो प्वाइंट' पर आरंभ हो गई.

अधिकारियों ने बताया कि इस बैठक में प्रत्येक पक्ष के 15 अधिकारियों का समूह हिस्सा ले रहा है. करतारपुर 'जीरो प्वाइंट' वह बिंदु है जहां गलियारे का भारतीय हिस्सा और पाकिस्तानी हिस्सा मिलेंगे.

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करतारपुर साहिब.

यह गलियारा पाकिस्तान के करतारपुर में स्थित दरबार साहिब को गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से जोड़ेगा तथा भारतीय सिख तीर्थयात्रियों को वीजा मुक्त आवाजाही की सुविधा प्रदान करेगा. सिख तीर्थयात्रियों को करतारपुर साहिब जाने के लिए केवल अनुमति लेनी होगी. करतारपुर साहिब की स्थापना गुरू नानक देव ने 1522 में की थी.

केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान पांच अगस्त को हटा लिए और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था. इसके बाद दोनों देशों के बीच यह पहली बैठक है.

पाकिस्तान और भारत गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व के मौके पर 12 नवंबर को लाहौर से करीब 125 किलोमीटर दूर नारोवाल में गलियारे के उद्घाटन के संबंध में तौर-तरीकों पर विचार कर रहे हैं.

पढ़ें: PAK में सिख लड़की को किया अगवा, जबरन धर्म परिवर्तन करवा मुस्लिम से करवाई शादी

करतारपुर गलियारे को लेकर पिछले कुछ महीनों में कई दौर की बैठकें हुई हैं जिनमें दोनों पक्षों के विशेषज्ञों ने प्रस्तावित क्रॉसिंग बिंदुओं के संरेखण, समन्वय और अन्य तकनीकी पहलुओं पर बात की है.

दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों ने जुलाई में अटारी-वाघा सीमा पर पाकिस्तान की ओर एक बैठक की थी जिसमें करतारपुर गलियारे के तौर-तरीकों पर बातचीत की गई थी.

यह गलियारा 1947 में भारत की आजादी के बाद से दोनों पड़ोसी देशों के बीच पहला वीजा मुक्त गलियारा भी होगा.

पाकिस्तान भारतीय सीमा से लेकर गुरुद्वारा दरबार साहिब तक गलियारे का निर्माण कर रहा है जबकि डेरा बाबा नानक से लेकर सीमा तक दूसरे हिस्से का निर्माण भारत करेगा.

गुरदासपुर: जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव की पृष्ठभूमि में, करतारपुर गलियारा खोलने को लेकर दोनों देशों के मध्य तकनीकी बैठक शुक्रवार को 'जीरो प्वाइंट' पर आरंभ हो गई.

अधिकारियों ने बताया कि इस बैठक में प्रत्येक पक्ष के 15 अधिकारियों का समूह हिस्सा ले रहा है. करतारपुर 'जीरो प्वाइंट' वह बिंदु है जहां गलियारे का भारतीय हिस्सा और पाकिस्तानी हिस्सा मिलेंगे.

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करतारपुर साहिब.

यह गलियारा पाकिस्तान के करतारपुर में स्थित दरबार साहिब को गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से जोड़ेगा तथा भारतीय सिख तीर्थयात्रियों को वीजा मुक्त आवाजाही की सुविधा प्रदान करेगा. सिख तीर्थयात्रियों को करतारपुर साहिब जाने के लिए केवल अनुमति लेनी होगी. करतारपुर साहिब की स्थापना गुरू नानक देव ने 1522 में की थी.

केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान पांच अगस्त को हटा लिए और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था. इसके बाद दोनों देशों के बीच यह पहली बैठक है.

पाकिस्तान और भारत गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व के मौके पर 12 नवंबर को लाहौर से करीब 125 किलोमीटर दूर नारोवाल में गलियारे के उद्घाटन के संबंध में तौर-तरीकों पर विचार कर रहे हैं.

पढ़ें: PAK में सिख लड़की को किया अगवा, जबरन धर्म परिवर्तन करवा मुस्लिम से करवाई शादी

करतारपुर गलियारे को लेकर पिछले कुछ महीनों में कई दौर की बैठकें हुई हैं जिनमें दोनों पक्षों के विशेषज्ञों ने प्रस्तावित क्रॉसिंग बिंदुओं के संरेखण, समन्वय और अन्य तकनीकी पहलुओं पर बात की है.

दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों ने जुलाई में अटारी-वाघा सीमा पर पाकिस्तान की ओर एक बैठक की थी जिसमें करतारपुर गलियारे के तौर-तरीकों पर बातचीत की गई थी.

यह गलियारा 1947 में भारत की आजादी के बाद से दोनों पड़ोसी देशों के बीच पहला वीजा मुक्त गलियारा भी होगा.

पाकिस्तान भारतीय सीमा से लेकर गुरुद्वारा दरबार साहिब तक गलियारे का निर्माण कर रहा है जबकि डेरा बाबा नानक से लेकर सीमा तक दूसरे हिस्से का निर्माण भारत करेगा.

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पीटीआई-भाषा संवाददाता 11:53 HRS IST




             
  • करतारपुर गलियारे को लेकर भारत, पाकिस्तान के बीच तकनीकी बैठक शुरू



गुरदासपुर (पंजाब), 30 अगस्त (भाषा) जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव की पृष्ठभूमि में, करतारपुर गलियारा खोलने को लेकर दोनों देशों के मध्य तकनीकी बैठक शुक्रवार को ‘जीरो प्वाइंट’ पर आरंभ हो गई। 



अधिकारियों ने बताया कि इस बैठक में प्रत्येक पक्ष के 15 अधिकारियों का समूह हिस्सा ले रहा है। करतारपुर ‘जीरो प्वाइंट’ वह बिंदु है जहां गलियारे का भारतीय हिस्सा और पाकिस्तानी हिस्सा मिलेंगे।



यह गलियारा पाकिस्तान के करतारपुर में स्थित दरबार साहिब को गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से जोड़ेगा तथा भारतीय सिख तीर्थयात्रियों को वीजा मुक्त आवाजाही की सुविधा प्रदान करेगा। सिख तीर्थयात्रियों को करतारपुर साहिब जाने के लिए केवल अनुमति लेनी होगी। करतारपुर साहिब की स्थापना गुरू नानक देव ने 1522 में की थी।



केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान पांच अगस्त को हटा लिए और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था। इसके बाद दोनों देशों के बीच यह पहली बैठक है।



पाकिस्तान और भारत गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व के मौके पर 12 नवंबर को लाहौर से करीब 125 किलोमीटर दूर नारोवाल में गलियारे के उद्घाटन के संबंध में तौर-तरीकों पर विचार कर रहे हैं।



करतारपुर गलियारे को लेकर पिछले कुछ महीनों में कई दौर की बैठकें हुई हैं जिनमें दोनों पक्षों के विशेषज्ञों ने प्रस्तावित क्रॉसिंग बिंदुओं के संरेखण, समन्वय और अन्य तकनीकी पहलुओं पर बात की है।



दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों ने जुलाई में अटारी-वाघा सीमा पर पाकिस्तान की ओर एक बैठक की थी जिसमें करतारपुर गलियारे के तौर-तरीकों पर बातचीत की गई थी। 







यह गलियारा 1947 में भारत की आजादी के बाद से दोनों पड़ोसी देशों के बीच पहला वीजा मुक्त गलियारा भी होगा।



पाकिस्तान भारतीय सीमा से लेकर गुरुद्वारा दरबार साहिब तक गलियारे का निर्माण कर रहा है जबकि डेरा बाबा नानक से लेकर सीमा तक दूसरे हिस्से का निर्माण भारत करेगा।


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Last Updated : Sep 28, 2019, 8:44 PM IST
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