हैदराबाद :15 अगस्त 1947 को हमें आजादी मिल गई थी. लेकिन देश का अपना कोई संविधान नहीं था. भारत अभी भी अंग्रेजों के बनाए गए कानूनों को मान रहा था. करीब दो साल बाद 26 जनवरी 1949 को यह इंतजार उस समय खत्म हुआ, जब संविधान सभा ने काम करना शुरू कर दिया. दो वर्ष, 11 माह और 18 दिनों के बाद संविधान को अंतिम रूप दिया गया. 26 जनवरी 1950 को इसे लागू किया गया. आइए एक नजर डालते हैं कुछ रोचक तथ्यों पर .....
संविधान सभा के लिए अनुमानित खर्च एक करोड़ रुपये था.
संविधान लिखने वाली समिति ने संविधान हिंदी और अंग्रेजी में हाथ से लिखा था. इस काम में टाइपिंग या प्रिंटिंग का इस्तेमाल नहीं किया गया था.
⦁ 11 दिसंबर 1946 को संविधान सभा की बैठक में डॉ राजेन्द्र प्रसाद को स्थायी अध्यक्ष चुना गया था.
⦁ भारतीय संविधान की प्रस्तावना अमेरिकी संविधान से प्रभावित है.
⦁ भारत में दोहरी नागरिकता का प्रावधान नहीं है.
⦁ राज्य का अपना कोई संविधान नहीं है.
⦁ भारत का कोई आधिकारिक धर्म नहीं है.
⦁ 1976 के 42वें संशोधन द्वारा प्रस्तावना में धर्मनिरपेक्ष शब्द जोड़ा गया.
⦁ 1950 से लेकर 1954 तक गणतंत्र दिवस समारोह राजपथ पर न होकर अलग-अलग स्थानों पर हुआ था. इन स्थानों में इर्विन स्टेडियम, किंग्सवे, लाल किला और रामलीला मैदान शामिल हैं.
⦁ भारत के पास दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है. मूल संविधान में 395 अनुच्छेद थे. यह 22 भागों में विभाजित था. इसमें 8 अनुसूचियां थीं. अभी संविधान में 465 अनुच्छेद तथा 12 अनुसूचियां हैं, जो 22 भागों में विभाजित हैं.
⦁ गणतंत्र दिवस पर देश के बहादुर सैनिकों को वीर चक्र, परमवीर चक्र, महावीर चक्र, कीर्ति चक्र और अशोक चक्र से सम्मानित किया जाता है.
⦁ गणतंत्र दिवस पर देश को राष्ट्रपति संबोधित करते हैं.
⦁ नई दिल्ली के विजय चौक पर बीटिंग रीट्रीट का आयोजन किया जाता है. इस दौरान तीनों सेनाएं अपने-अपने हुनर का प्रदर्शन करती हैं.
⦁ बीटिंग री-ट्रीट में बजने वाली आखिरी धुन अंग्रेजी भजन एबाइड विथ मी है. यह इस धुन को महात्मा गांधी पसंद करते थे.
⦁ स्वतंत्रता संग्राम में शहीद हुए सैनिकों की स्मृति में अमर जवान ज्योति की स्थापना भी गणतंत्र दिवस के अवसर पर ही की गई थी.
⦁ हिंदी को 26 जनवरी 1965 में राजभाषा का दर्जा दिया गया था.