नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा के लिए चुनाव संपन्न हो चुके हैं. 11 फरवरी को मतगणना होगी. लेकिन इससे पहले एग्जिट पोल ने सबको चौंका दिया है. इसके अनुसार दिल्ली में आप की धमाकेदार वापसी होनी तय है. भाजपा को वैसी सफलता नहीं मिलेगी, जिसका वह दावा कर रही थी.
जन की बात - रिपब्लिक के एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी को 48 से 61 सीटें मिलती हुई दिख रही हैं, वहीं बीजेपी को 9 से 21 सीटें मिलने का अनुमान है. कांग्रेस को एक सीट मिलने की संभावना है.
टाइम्स नाउ - आईपीएसओएस के एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी को 47 सीटें मिलने का अनुमान है, वहीं बीजेपी को 23 सीटों पर जीत मिलने की संभावना है.
इंडिया टुडे - माय एक्सिस के एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी को 59 से 68 सीटों पर जीत मिल सकती है, वहीं बीजेपी को दो से 11 सीटें मिलने की संभावना है.
सी वोटर - एबीपी न्यूज एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी को 49 से 63 सीटों पर जीत मिलती हुई दिख रही है, वहीं बीजेपी को पांच से 19 सीटें मिलने का अनुमान है.
सर्वे एजेंसी | आप | बीजेपी | कांग्रेस |
जन की बात - रिपब्लिक | 48-61 | 9-21 | 0-1 |
टाइम्स नाउ - आईपीएसओएस | 47 | 23 | 00 |
सी वोटर - एबीपी न्यूज | 49-63 | 5-19 | 0-4 |
इंडिया टुडे - माय एक्सिस | 59-68 | 02-11 | 00 |
इंडिया न्यूज | 53-57 | 11-17 | 0-2 |
न्यूज एक्स पोल स्टार्ट | 52-56 | 10-14 | 0-2 |
एग्जिट पोल के अनुसार कांग्रेस की स्थिति और भी खराब है. पार्टी का खाता भी नहीं खुल सकता है. आपको बता दें कि दिल्ली में मुख्य मुकाबला आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच है. पिछली बार यानि 2015 में आम आदमी पार्टी को 67 सीटें मिली थीं और भाजपा तीन सीटों पर सिमट गई थी, जबकि कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला था.
इस बार चुनाव प्रचार से पहले आम आदमी पार्टी का पलड़ा भारी माना जा रहा था, लेकिन जैसे-जैसे प्रचार के दिन खत्म होते गए, शाहीन बाग के मुद्दे ने तीखी बहस छेड़ दी. भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने इसे बार-बार उठाया.
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शाहीन बाग इलाके में नहीं गए. इतना ही नहीं, भाजपा की आक्रामक प्रचार शैली का मुकाबला करने के लिए केजरीवाल ने 'सॉफ्ट हिंदुत्व' का रास्ता भी अख्तियार किया. वो कभी हनुमान चालीसा पढ़ते दिखाई दिए, तो कभी मंदिर जाते, जब उनकी आलोचना की गई, तो उन्होंने साफ कह दिया कि वे भी हिंदू हैं.
जहां तक कांग्रेस की बात है, तो प्रचार के दौरान पार्टी का रवैया ढीला ही दिखा. वैसे, पार्टी के कई नेताओं ने दावा किया है कि परिणाम चौंकाने वाले होंगे, लिहाजा पार्टी को कम ना आंका जाए.
यह देखना सचमुच दिलचस्प होगा कि क्या दिल्ली में आप सत्ता में लौटती है या भाजपा नेताओं की किस्मत खुलेगी या फिर कांग्रेस कोई चमत्कार दिखा पाएगी.