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खुफिया जानकारी साझा कर रहा था सैन्यकर्मी, गिरफ्तार - पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी

राजस्थान पुलिस ने एक रक्षा कर्मचारी को सेना की खुफिया जानकारी पाकिस्तान के साथ साझा करने के आरोप में गिरफ्तार किया है. आरोप है कि जासूसी एजेंट पाकिस्तान में अपने संचालकों को सैन्य संबंधित जानकारी दे रहा था.

रक्षा कर्मचारी गिरफ्तार
रक्षा कर्मचारी गिरफ्तार
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Published : Nov 1, 2020, 10:17 AM IST

Updated : Nov 1, 2020, 11:22 AM IST

जयपुर : मिल्रिटी इंटेलिजेंस (एमआई) जयपुर द्वारा दिए गए खुफिया इनपुट के आधार पर राजस्थान पुलिस ने राज्य के निवारू में मिल्रिटी इंजीनियरिंग सर्विसेज (एमईएस) के एक नागरिक रक्षा कर्मचारी को जासूसी एजेंट के रूप में काम करने के आरोप में गिरफ्तार किया है.

यह कर्मचारी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को सेना की गुप्त जानकारियां दे रहा था. इस साल सितंबर में एमआई जयपुर को पता चला था कि निवारू में एक जासूसी एजेंट काम कर रहा है, जो पाकिस्तान में अपने संचालकों को सैन्य-संबंधित जानकारी दे रहा था. इस व्यक्ति की पहचान एमईएस के साथ काम करने वाले एक सिविल मोटर ड्राइवर रामनिवास गौरा के रूप में की गई.

जानकारी अनुसार गौरा फेसबुक और व्हाट्सएप के माध्यम से जसमीत कौर के नाम से पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटर (पीआईओ) के संपर्क में था. पीआईओ के साथ 2 साल तक संपर्क में रहने के दौरान उसने निवारू और जयपुर की यूनिट्स और संरचनाओं के बारे में जानकारी साझा की. साथ ही इन दोनों जगहों के विभिन्न कार्यालयों और कर्मचारियों के बारे में भी बताया. तब इसकी जानकारी जयपुर में पुलिस मुख्यालय के साथ साझा की गई और फिर गौरा को पकड़ने के लिए संयुक्त अभियान चलाया गया.

इसके बाद गौरा को शुक्रवार को हिरासत में ले लिया गया था. पूछताछ के दौरान उसने कथित तौर पर कबूल किया है कि उसे फरवरी/मार्च 2020 में पीआईओ की फेसबुक प्रोफाइल एकता से फ्रेंड रिक्वेस्ट मिली थी, जिसे उसने स्वीकार कर लिया था. जल्द ही उनकी अच्छी दोस्ती हुई और फिर व्हाट्पएप के जरिए ऑडियो/वीडियो कॉल और चैट शुरू हो गई.

पढ़ें- पाकिस्तान ने तोड़ा सीजफायर, भारतीय चौकियों पर की गोलीबारी

पीआईओ ने एक भारतीय व्हाट्सएप नंबर का इस्तेमाल किया था और दावा किया कि वह प्रिंसिपल कंट्रोलर ऑफ डिफेंस अकाउंट (पीसीडीए) शिमला के साथ काम करती है. बाद में एकता ने गौरा से सैन्य जानकारियां लेनी शुरू कीं और इसके बदले में गौरा ने 10,000 रुपये मांगे.

जयपुर पुलिस इंटेलिजेंस और एमआई आगे की जानकारियां जुटा रही हैं और अन्य एजेंसियां भी जांच में शामिल हो गई हैं. राजस्थान पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक (इंटेलिजेंस) उमेश मिश्रा ने मीडिया को बताया कि टीम को पिछले कई दिनों से जानकारी मिल रही थी कि गौरा सेना की गुप्त सूचनाएं पाकिस्तान भेज रहा है.

गौरा को पुलिस जल्द ही स्थानीय अदालत में पेश करके आगे की जांच के लिए पुलिस रिमांड मांगेगी. अधिकारियों ने कहा है कि अभी और सुराग मिलने की उम्मीद है.

जयपुर : मिल्रिटी इंटेलिजेंस (एमआई) जयपुर द्वारा दिए गए खुफिया इनपुट के आधार पर राजस्थान पुलिस ने राज्य के निवारू में मिल्रिटी इंजीनियरिंग सर्विसेज (एमईएस) के एक नागरिक रक्षा कर्मचारी को जासूसी एजेंट के रूप में काम करने के आरोप में गिरफ्तार किया है.

यह कर्मचारी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को सेना की गुप्त जानकारियां दे रहा था. इस साल सितंबर में एमआई जयपुर को पता चला था कि निवारू में एक जासूसी एजेंट काम कर रहा है, जो पाकिस्तान में अपने संचालकों को सैन्य-संबंधित जानकारी दे रहा था. इस व्यक्ति की पहचान एमईएस के साथ काम करने वाले एक सिविल मोटर ड्राइवर रामनिवास गौरा के रूप में की गई.

जानकारी अनुसार गौरा फेसबुक और व्हाट्सएप के माध्यम से जसमीत कौर के नाम से पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटर (पीआईओ) के संपर्क में था. पीआईओ के साथ 2 साल तक संपर्क में रहने के दौरान उसने निवारू और जयपुर की यूनिट्स और संरचनाओं के बारे में जानकारी साझा की. साथ ही इन दोनों जगहों के विभिन्न कार्यालयों और कर्मचारियों के बारे में भी बताया. तब इसकी जानकारी जयपुर में पुलिस मुख्यालय के साथ साझा की गई और फिर गौरा को पकड़ने के लिए संयुक्त अभियान चलाया गया.

इसके बाद गौरा को शुक्रवार को हिरासत में ले लिया गया था. पूछताछ के दौरान उसने कथित तौर पर कबूल किया है कि उसे फरवरी/मार्च 2020 में पीआईओ की फेसबुक प्रोफाइल एकता से फ्रेंड रिक्वेस्ट मिली थी, जिसे उसने स्वीकार कर लिया था. जल्द ही उनकी अच्छी दोस्ती हुई और फिर व्हाट्पएप के जरिए ऑडियो/वीडियो कॉल और चैट शुरू हो गई.

पढ़ें- पाकिस्तान ने तोड़ा सीजफायर, भारतीय चौकियों पर की गोलीबारी

पीआईओ ने एक भारतीय व्हाट्सएप नंबर का इस्तेमाल किया था और दावा किया कि वह प्रिंसिपल कंट्रोलर ऑफ डिफेंस अकाउंट (पीसीडीए) शिमला के साथ काम करती है. बाद में एकता ने गौरा से सैन्य जानकारियां लेनी शुरू कीं और इसके बदले में गौरा ने 10,000 रुपये मांगे.

जयपुर पुलिस इंटेलिजेंस और एमआई आगे की जानकारियां जुटा रही हैं और अन्य एजेंसियां भी जांच में शामिल हो गई हैं. राजस्थान पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक (इंटेलिजेंस) उमेश मिश्रा ने मीडिया को बताया कि टीम को पिछले कई दिनों से जानकारी मिल रही थी कि गौरा सेना की गुप्त सूचनाएं पाकिस्तान भेज रहा है.

गौरा को पुलिस जल्द ही स्थानीय अदालत में पेश करके आगे की जांच के लिए पुलिस रिमांड मांगेगी. अधिकारियों ने कहा है कि अभी और सुराग मिलने की उम्मीद है.

Last Updated : Nov 1, 2020, 11:22 AM IST
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